तहिना, अहाँ सभ एखन शोक मनबैत छी, मुदा हम अहाँ सभ केँ फेर देखब आ तखन अहाँ सभक मोन आनन्द सँ भरि जायत, और अहाँ सभक आनन्द केओ नहि अहाँ सभ सँ छिनत। ओहि समय मे अहाँ सभ हमरा सँ कोनो प्रश्न नहि पुछब।
“हम अहाँ सभ केँ विश्वास दिअबैत छी जे, जँ अहाँ सभ पिता सँ किछु माँगब तँ ओ अहाँ सभ केँ हमरा नाम सँ देताह।