और शिष्य सभ केँ कहलथिन, “जे केओ हमरा नाम सँ एहि बच्चा केँ स्वीकार करैत अछि, से हमरे स्वीकार करैत अछि, और जे हमरा स्वीकार करैत अछि से हमरे नहि, बल्कि तिनको स्वीकार करैत छनि जे हमरा पठौने छथि। हँ, अहाँ सभ मे जे सभ सँ छोट होइ, सैह सभ सँ पैघ भेलहुँ।”