फ़ेस्तुस कोई आठ-दस दिन उनके बीच रह कर कैसरिया लौटा। दूसरे दिन न्यायासन पर बैठ कर उसने आदेश दिया कि पौलुस को लाया जाए। जब पौलुस आये, तो यरूशलेम से आये हुए यहूदी अधिकारियों ने उन्हें घेर लिया और उन पर अनेक गम्भीर अभियोग लगाने लगे, जिन्हें वे प्रमाणित नहीं कर सके।