किन्तु दानिएल ने अपने हृदय में यह निश्चय किया कि वह राजा का न तो भोजन खाएगा और न शराब पीएगा जो राजा पीता है; और यों अपने को अशुद्ध नहीं करेगा। इसलिए उसने मुख्य खोजा अशपनज से निवेदन किया, “आप मुझे महाराज के आदेश से मुक्त रखें जिससे मैं अशुद्ध न होऊं।”