‘मैं प्रभु हूं;
मैंने तुझे धार्मिक अभिप्राय से बुलाया है।
मैंने तेरा हाथ थामकर तुझे सहारा दिया है।
मैंने तुझे कौम के लिए विधान और
राष्ट्रों के लिए ज्योति नियुक्त किया है,
ताकि तू अंधी आंखों को दृष्टि प्रदान करे,
बन्दियों को बन्दीगृह से बाहर निकाले,
कारागार के अंधकार में बैठे हुओं को
बाहर प्रकाश में लाए।