क्या तू इसलिए राजा बना है कि दूसरों से
अधिक देवदार की इमारतें बनाए?
तेरा पिता खाता-पीता, आमोद-प्रमोद करता था,
फिर भी वह न्याय और धर्म का आचरण
करता था।
अत: उसका भला हुआ।
वह निर्धन और निस्सहाय लोगों का न्याय
करता था,
इसलिए उसका भला हुआ।
ऐसा कार्य करना ही मुझे जानना है।
मुझ-प्रभु की यह वाणी है!