फिर भी परमेश्वर अपने सामर्थ्य से
दुष्ट बलवानों के जीवन की अवधि बढ़ाता
है।
जब उन्हें जीवन का भरोसा नहीं रहता है
तब भी वे मृत्यु-शय्या से उठ बैठते हैं!
परमेश्वर उन्हें सुरक्षित रखता,
और उन्हें सम्भालता है;
वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है
कुछ समय तक उनका उत्कर्ष होता है,
फिर वे नष्ट हो जाते हैं;
वे सूख जाते हैं, लोनी-साग की तरह
कुम्हला जाते हैं।
वे अनाज की बाल के समान झड़ जाते हैं।