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नीतिवचन 27:17
पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
लोहे पर धार लोहे से ही होती है; ऐसे ही मनुष्य, मनुष्य को सुधारता है।
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नीतिवचन 27:1
आनेवाले कल के सम्बन्ध में शेखी मत मारना; क्योंकि तू नहीं जानता है कि कल क्या होगा?
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नीतिवचन 27:6
शत्रु के अपार प्यार से सच्चे मित्र की मार श्रेष्ठ है।
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नीतिवचन 27:19
जैसे जल में मुख की परछाई मुख को प्रकट करती है, वैसे ही मनुष्य का मन मनुष्य को प्रकट करता है।
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नीतिवचन 27:2
तू अपनी प्रशंसा अपने मुंह से न करना; दूसरे लोग तेरी प्रशंसा करें तो करें। दूसरे मनुष्य के मुख से तेरी प्रशंसा हो, यह शोभा देता है; अपने आप मियां-मिट्ठू मत बनना।
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नीतिवचन 27:5
प्रेम जो सक्रिय नहीं है, उससे उत्तम है ताड़ना जो मनुष्य को सुधारती है।
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नीतिवचन 27:15
वर्षा ऋतु में पानी का लगातार बरसना, और झगड़ालू पत्नी, दोनों कष्टदायक हैं।
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