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नीतिवचन 3:5-6
पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
तू अपनी समझ का सहारा न लेना वरन् सम्पूर्ण हृदय से प्रभु पर भरोसा करना। अपने सब कार्यों में तू प्रभु को स्मरण करना, वह तेरे कठिन मार्ग को सरल कर देगा।
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नीतिवचन 3:7
अपनी ही दृष्टि में स्वयं को बुद्धिमान मत मानना; प्रभु से डरना और बुराई से मुंह फेरना।
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नीतिवचन 3:9-10
अपनी धन-सम्पत्ति से प्रभु की महिमा करना, तू उसको अपनी फसल का प्रथम फल चढ़ाना। तब तेरे भण्डार-घर भरे-पूरे रहेंगे; तेरे कुण्डों में अंगूर-रस उमड़ता रहेगा।
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नीतिवचन 3:3
प्रिय शिष्य, करुणा और सच्चाई तुझसे कभी अलग न हों; तू उनको अपने गले का हार बनाना; और उनको अपने हृदय-पटल पर लिख लेना।
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नीतिवचन 3:11-12
प्रिय शिष्य, प्रभु की ताड़ना की उपेक्षा मत करना, जब वह तुझे दण्ड दे तब तू उससे घृणा मत करना। जैसे पिता अपने प्रिय पुत्र को ताड़ना देता है वैसे ही प्रभु उस मनुष्य को ताड़ना देता है जिससे वह प्रेम करता है।
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नीतिवचन 3:1-2
प्रिय शिष्य! मेरी शिक्षा को मत भूलना, अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को स्मरण रखना; क्योंकि ऐसा करने से तेरे जीवन के दिन और वर्ष और बढ़ेंगे, तेरा अधिकाधिक कल्याण होगा।
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नीतिवचन 3:13-15
धन्य है वह मनुष्य जिसको बुद्धि मिल गई है; जिसने समझ को पा लिया है। क्योंकि बुद्धि की प्राप्ति चांदी की प्राप्ति से श्रेष्ठ है; उसकी उपलब्धि सोने से बढ़कर है। बुद्धि मोतियों से अधिक मूल्यवान है। तेरी किसी भी इष्ट वस्तु से उसकी तुलना नहीं हो सकती।
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नीतिवचन 3:27
यदि तुझमें भला करने का सामर्थ्य है तो उनका भला अवश्य करना जो भलाई के योग्य हैं।
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नीतिवचन 3:19
प्रभु ने बुद्धि से पृथ्वी की नींव डाली है; उसने समझ से आकाश को स्थिर किया है।
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