जैसे भट्ठी में चांदी शुद्ध की जाती है,
वैसे ही मैं इस एक तिहाई आबादी को
आग में झोंक कर उसे शुद्ध करूंगा।
जैसे सोना परखा जाता है
वैसे ही मैं उनको परखूंगा।
वे मेरे नाम की दुहाई देंगे,
और मैं उनको उत्तर दूंगा।
मैं यह कहूंगा, “ये मेरे निज लोग हैं” ,
और वे यह कहेंगे, “प्रभु ही हमारा परमेश्वर है।” ’