एक समय होता है रोने—विलाप करने का,
और एक समय होता है करने का अट्टाहस।
एक समय होता है होने का दुःख मग्न,
और एक समय होता है उल्लास भरे नाचका।
एक समय होता है जब हटाए जाते हैं पत्थर,
और एक समय होता है उनके एकत्र करने का।
एक समय होता है बाध आलिंगन में किसी के स्वागत का,
और एक समय होता है, जब स्वागत उन्हीं का किया नहीं जाता है।