वो घणे वक्ता ताइं तो कोइ मान्या, पर एक बारी उनु आपके मना म सोच्या कि, ‘ना तो हूँ परमेश्वरा थ डरैं अर ना किसी इन्सान्ना कि परवाह करैं। तोभी या ओरत आई मिस्कु पचाउती है, इसकरी हूँ उसका फैसला करंगड़ा, ताकी वो मेरै धौर बार-बार ना आवै, अर मेरे नाक्का म दम ना करै।’”