अर वे बगत लोग तुमतै दुख देणु खुणि पकड़वै द्याला, अर तुम मि पर बिस्वास करद्यां इलै सब जाति का लोग तुम बटि नफरत करला, इख तक की मरवै भि द्याला। अर यू उ बगत होलु, जब भौत सा बिस्वासी लोग बिस्वास से दूर ह्वे जाला, अर एक-दुसरा तैं पकड़वै द्याला, अर एक-दुसरा बटि नफरत भि करला। अर भौत सा झूठ्ठा रैबर्या आला, अर भौतों तैं भरमै द्याला।