जसो नूह को दिन थो, असा मे इन्सान का बेटो को भी आनो हुये. क्युकी जसो पानी-प्रलय से पैयले का दिन मे, जो दिन तक की नूह डोंगा पर नी चढ्यो थो, उ दिन तक दुन्या खाता-पीता था, अरु ओमे भ्याव शादी होस हइ. अरु जब तक जल-प्रलय अयखे वे सब खे बोह्य खे ली गयो, तब तक उनखे कुछ भी मालुम नी थो. असा मे इन्सान का बेटो को भी आनो हुये.