“यहुदी-सास्तुर सीकाड़न्या सी चेतीन रवु। काहाकी तीनुक गळा सी पायेम लग लांबला पुथल्या पेहरनु वारु लागे, ने हाटे मां दीसरा माणसेन मुंहडा वारु की? पुछे ती तीनुक वारु लागे। ने भगवानेन भक्तीन घर मां पेहली कुड़ची पर बसणु, ने पंगत मां पेहली जागा हेरनु, तीनुक बेसको वारु लागे। चे रांडायला बायरान घर मां भरायन तीनुक धुकु दीन ठगी लेय, ने तींद्रा घर बारेक उजाड़ देय, ने दीसरा माणसेक देखाड़ने करीन लांबी-लांबी बेसकी वार लग दुवा करे। हीनुक भगवानेन घर सी नीयावेन डंड जादात जड़से।”