जत्यार तुहुंं उपास करु, ती ढंगड़ा करन्या माणसेन तसा तुंद्रा मुंहडा पर नुरपाणी नी उतार्नु चाहजे, ने चे हींद्रा मुंहडा लागाड़ रवे, काहाकी माणसे तीनुक उपास छे करीन जाणे। मे तुहुंंक छाचलीन कहं की चे हींद्रो फळ ली लेदला छे। बाकुन जत्यार तुहुंं उपास करु ती, आपणा मुणका पर तेल लागाड़ीन मुंहडो धुवजु, असा उपास करु ती, माणसेक मालुम नी पड़े, बाकुन भगवान बास काजे मालुम पड़से जी सातायली वात जाणे चु तुहुंंक ईनाम आपसे।