फिर इन के बाद एक और स्वर्गदूत बड़े शब्द से यह कहता हुआ आया, कि जो कोई उस पशु और उस की मूरत की पूजा करे, और अपने माथे या अपने हाथ पर उस की छाप ले।
तो वह परमेश्वर का प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्र स्वर्गदूतों के साम्हने, और मेम्ने के साम्हने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा।
और उन की पीड़ा का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उस की मूरत की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उन को रात दिन चैन न मिलेगा।