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आत्म-संतुष्टों को धिक्कार
1धिक्कार है तुम पर, जो ज़ियोन में विलासितापूर्ण जीवन जीते हो,
और धिक्कार है तुम पर, जो शमरिया पर्वत पर सुरक्षित अनुभव करते हो,
तुम सोचते हो कि तुम सर्वोत्तम राष्ट्र के प्रसिद्ध लोग हो,
जिनके पास इस्राएल के लोग आते हैं!
2कालनेह जाओ और उसे देखो;
तब वहां से बड़े हामाथ नगर को जाओ,
तत्पश्चात नीचे फिलिस्तीनी नगर गाथ को जाओ.
क्या ये तुम्हारे दो राज्यों से ज्यादा अच्छे हैं?
क्या उनका देश तुम्हारे देश से बड़ा है?
3तुम विपत्ति के दिन को दूर कर देते
और आतंक के राज्य को पास ले आते हो.
4तुम हाथी-दांत से सजे बिस्तर पर लेटते हो
और पलंग पर आलस्य में समय नष्ट करते हो.
तुम मनपसंद भेड़ों
और मोटे-ताजे बछड़ों को खाते हो.
5तुम दावीद के समान अपनी वीणा के तारों को झनकारते हो
और वाद्य-यंत्रों को तुरंत बजाते हो.
6तुम कटोरा भरकर दाखमधु पीते हो
और सबसे अच्छे प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन लगाते हो,
पर तुम योसेफ़ के विनाश पर शोकित नहीं होते हो.
7तब तुम लोग सबसे पहले बंधुआई में जाओगे;
तुम्हारा भोज करना और रंगरेलियां मनाना समाप्त हो जाएगा.
याहवेह इस्राएल के घमंड से घृणा करते हैं
8परम प्रभु ने स्वयं अपनी ही शपथ खाई है—याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर याहवेह यह घोषणा करता है:
“मेरी नजर में घृणास्पद है याकोब का अहंकार
और घृणित हैं उसके राजमहल;
मैं इस नगर, उसके निवासियों
तथा उसकी समस्त वस्तुओं को उसके शत्रुओं के अधीन कर दूंगा.”
9यदि किसी घर में दस व्यक्ति भी शेष रह गए हों, तौभी वे मर जाएंगे. 10और जब कोई रिश्तेदार उस घर में से लाशों को ले जाने आएगा ताकि उनको जला सके और वह वहां किसी छिपे हुए मनुष्य से पूछे, “कोई और तुम्हारे साथ है?” और वह कहे, “नहीं,” तब वह कहेगा, “चुप रह! हमें याहवेह का नाम नहीं लेना है.”
11क्योंकि याहवेह ने आदेश दिया है,
और वह बड़े भवन को टुकड़े-टुकड़े कर देगा
और छोटे घर को चूर-चूर कर देगा.
12क्या घोड़े करारदार चट्टानों पर दौड़ते हैं?
क्या कोई बैलों से समुद्र में हल चलाता है?
पर तुमने न्याय को विष में
और धर्मीपन के फल को कड़वाहट में बदल दिया है—
13तुम जो लो-देबार#6:13 लो-देबार अर्थ व्यर्थता को अपने अधीन कर लेने में आनंदित हो
और कहते हो, “क्या करनायिम#6:13 करनायिम अर्थ सींग (सामर्थ्य का प्रतीक) को हमने अपने ही बल से नहीं ले लिया?”
14क्योंकि याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर यह घोषणा करता है,
“हे इस्राएल के वंशजों, मैं तुम्हारे विरुद्ध एक जाति को भड़काऊंगा,
जो तुम पर लबो-हामाथ से लेकर
अरबाह की घाटी तक अत्याचार करेगा.”