प्रकाशन 18:2
प्रकाशन 18:2 HSS
उसने ऊंचे शब्द में घोषणा की: “ ‘गिर गया! गिर गया! भव्य महानगर बाबेल गिर गया!’ अब यह दुष्टात्माओं का घर, अशुद्ध आत्माओं का आश्रय और, हर एक अशुद्ध पक्षी का बसेरा तथा अशुद्ध और घृणित जानवरों का बसेरा बन गई है.
उसने ऊंचे शब्द में घोषणा की: “ ‘गिर गया! गिर गया! भव्य महानगर बाबेल गिर गया!’ अब यह दुष्टात्माओं का घर, अशुद्ध आत्माओं का आश्रय और, हर एक अशुद्ध पक्षी का बसेरा तथा अशुद्ध और घृणित जानवरों का बसेरा बन गई है.