2
जाति-जाति के लोगों के साथ यहूदाह और येरूशलेम का न्याय
यहूदाह को पश्चात्ताप करने के लिये आदेश
1हे निर्लज्ज जाति के लोगों,
इकट्ठे हो, अपने आपको इकट्ठा करो,
2इसके पहले कि परमेश्वर की आज्ञा प्रभावी हो
और हवा के द्वारा उड़ाए जानेवाली भूसी के समान वह दिन निकल जाए,
इसके पहले कि याहवेह का भयंकर क्रोध
तुम पर भड़के,
इसके पहले कि याहवेह के कोप का दिन
तुम पर आ जाए.
3तुम सब, जो इस देश के नम्र लोग हो,
जो याहवेह की आज्ञा को मानते हो, याहवेह के खोज में रहो.
धर्मीपन के खोज में रहो, नम्र बनो;
शायद तुम्हें याहवेह के क्रोध के दिन में
शरण मिल जाए.
फिलिस्तिया
4अज्जाह#2:4 अज्जाह या गाज़ा को पूरी तरह त्याग दिया जाएगा
और अश्कलोन तबाह हो जाएगा.
दिन-दोपहरी को अशदोदवासी निकाल दिये जाएंगे
और एक्रोन नगर को मिटा दिया जाएगा.
5हे समुद्रतट पर रहनेवालो, तुम पर हाय,
हे केरेथियों द्वीप के लोगों, तुम पर हाय;
हे फिलिस्तीनियों के देश, कनान,
याहवेह का वचन तुम्हारे विरुद्ध है.
वह कहता है, “मैं तुम्हें नाश कर दूंगा,
कोई भी न बचेगा.”
6समुद्र के किनारे की भूमि चरागाह होगी,
जहां चरवाहों के लिए कुएं
और पशुओं के लिये बाड़े होंगे.
7वह देश यहूदाह के बचे लोगों
का देश होगा;
वहां उन्हें आहार मिलेगा.
संध्या के समय, वे लोग
अश्कलोन के घरों में आराम के लिये लेटेंगे.
क्योंकि याहवेह उनका परमेश्वर उनकी सुधि लेंगे;
वे उनकी समृद्धि को लौटा लाएंगे.
मोआब और अम्मोन
8“मैंने मोआब के द्वारा कही गई अपमान की बातों
और अम्मोनियों के द्वारा कही गई निंदा की बातों को सुना है,
वे मेरे लोगों की बेइज्जती करते
और उनके देश को छीन लेने की धमकी देते हैं.
9इसलिये, मेरे जीवन की शपथ,”
सर्वशक्तिमान याहवेह,
इस्राएल के परमेश्वर की घोषणा है,
“यह निश्चित है कि मोआब सोदोम के समान
और अम्मोनी अमोराह के समान हो जाएंगे—
ये घास-पात और नमक के गड्ढों की जगह हो जाएंगे,
और हमेशा के लिये उजड़ जाएंगे.
मेरे लोगों में से बचे हुए लोग उन्हें लूट लेंगे;
और मेरी जाति के जीवित बचे लोग उनके देश पर अधिकार कर लेंगे.”
10उनका घमंड करने और सर्वशक्तिमान याहवेह के लोगों का
अपमान करने और हंसी उड़ाने का
उनको यह प्रतिफल मिलेगा.
11याहवेह का भय उनमें समाएगा,
जब वह पृथ्वी के सब देवताओं को नाश कर देंगे.
दूर-दूर के जाति-जाति के सब लोग अपने-अपने देश में
याहवेह को झुककर दंडवत करेंगे.
कूश
12“हे कूश देश निवासियो, तुम भी
मेरी तलवार से मारे जाओगे.”
अश्शूर
13याहवेह उत्तर दिशा के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाएंगे
और अश्शूर को नाश कर देंगे,
और नीनवेह को पूरी तरह उजाड़
और मरुभूमि की तरह सूखा छोड़ देंगे.
14पशु और पक्षी के झुंड
और सब प्रकार के जीव-जन्तु वहां आराम करेंगे.
उसके खंभों पर मरुस्थल उल्लू
और चीखनेवाला उल्लू बसेरा करेंगे.
खिड़कियों में से उन उल्लुओं की आवाज सुनाई देगी,
पत्थर के टुकड़ों से रास्ता भर जाएगा,
देवदार लकड़ी के बल्लों को खुला छोड़ दिया जाएगा.
15यह उस चहल-पहल वाले शहर की स्थिति है
जो कभी सुरक्षित हुआ करती थी.
वह अपने आपसे कहती थी,
“मैं ही हूं! और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं है.”
वह खंडहर मात्र रह गई है,
वन-पशुओं का एक मांद!
जो कोई इसके पास से गुज़रता है,
वह इसकी खिल्ली उड़ाता और अपना मुक्का तानता है.