YouVersion Logo
Search Icon

1 कुरिन्थियों 8

8
मूर्तियों को अर्पित मांस
1अब मूर्तियों को अर्पित मांस के विषय में। इसके संबंध में हम सब को ज्ञान प्राप्‍त है-यह मानी हुई बात है; किन्‍तु वह ‘ज्ञान’ मनुष्‍य को अहंकारी बनाता है, जब कि प्रेम निर्माण करता है।#प्रे 15:29 2यदि कोई समझता है कि वह कुछ जानता है, तो वह अब तक यह नहीं जानता कि किस प्रकार जानना चाहिए।#गल 6:3 3किन्‍तु यदि कोई परमेश्‍वर से प्रेम करता है, तो यह इसलिए कि परमेश्‍वर उसे जानता है।#गल 4:9
4मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के विषय में हम जानते हैं कि संसार में मूर्ति की कोई वास्‍तविकता नहीं है-एकमात्र परमेश्‍वर के अतिरिक्‍त कोई और परमेश्‍वर नहीं है।#1 कुर 10:19; व्‍य 6:4 5यद्यपि भले ही आकाश में या पृथ्‍वी पर तथाकथित देवता हों, और सच पूछिए तो इस प्रकार के बहुत-से देवता और प्रभु हैं;#2 थिस 2:4; भज 82:6; यो 10:34 6फिर भी हमारे लिए तो एक ही परमेश्‍वर है-वह पिता, जिससे सब कुछ उत्‍पन्न होता है और जिसके पास हमें जाना है-और एक ही प्रभु हैं, अर्थात् येशु मसीह, जिनके द्वारा सब कुछ बना है और हम भी उन्‍हीं के द्वारा अस्‍तित्‍व में है#1 कुर 12:5-6; मल 2:10; कुल 1:16 #8:6 अथवा, “जिन के द्वारा सब कुछ आया है और जिन के द्वारा हम पिता के पास जाते हैं।”
7परन्‍तु यह ज्ञान सब को प्राप्‍त नहीं है। कुछ लोग हाल में मूर्तिपूजक थे। वे मांस, देवता को अर्पित समझ कर खाते हैं और उनका अन्‍त:करण दुर्बल होने के कारण दूषित हो जाता है।#1 कुर 10:27 8“भोजन हमें परमेश्‍वर के निकट नहीं पहुंचा सकता।” यदि हम उसे नहीं खाते तो उससे हमें कोई हानि नहीं और यदि हम उसे खाते हैं, तो उससे हमें कोई लाभ नहीं।#रोम 14:17 9किन्‍तु इसका ध्‍यान रखिए कि आपकी स्‍वतन्‍त्रता दुर्बल लोगों के लिए पाप का कारण न बने।#गल 5:13 10मान लीजिए कि आप को ‘ज्ञान’ प्राप्‍त हो और आप किसी मन्‍दिर में भोजन करने जायें। यदि ऐसा कोई व्यक्‍ति आप को यह करते देख ले, जिसका अन्‍त:करण दुर्बल है, तो क्‍या उसे मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के लिए प्रोत्‍साहन नहीं मिलेगा? 11इस तरह आपके ‘ज्ञान’ के कारण उस दुर्बल भाई अथवा बहिन का विनाश हो जाता है, जिसके लिए मसीह मरे।#रोम 14:15 12भाइयो और बहिनों के विरुद्ध इस प्रकार पाप करने से और उनके दुर्बल अन्‍त:करण को ठेस पहुंचाने से आप मसीह के विरुद्ध पाप करते हैं। 13इसलिए यदि मेरा भोजन मेरे भाई अथवा बहिन के लिए पाप का कारण बनता है, तो मैं फिर कभी मांस नहीं खाऊंगा। कहीं ऐसा न हो कि मैं अपने भाई अथवा बहिन के लिए पाप का कारण बन जाऊं।#रोम 14:21

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in