इफिसियों 2
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मसीह द्वारा नवजीवन
1आप लोग अपने अपराधों और पापों के कारण मर गये थे;#कुल 1:21; 2:13 2क्योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्वर के विरोधियों में क्रियाशील है।#इफ 6:12; तीत 3:3; यो 12:31; कुल 1:13 3हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्वभाव के कारण परमेश्वर के कोप के पात्र थे।#कुल 3:6
4-5परन्तु परमेश्वर की दया अपार है। हम अपने पापों के कारण मर गये थे; किन्तु उसने हम से इतना प्रेम किया कि उसने हमें मसीह के साथ जीवन प्रदान किया। उसकी कृपा ने आप लोगों का उद्धार किया।#लू 15:24,32; इफ 5:14; रोम 6:13 6उसने येशु मसीह के साथ हम लोगों को पुनर्जीवित किया और उन्हीं के साथ स्वर्ग में बैठाया।#फिल 3:20; रोम 8:10 7उसने हम को येशु मसीह में जो दयालुता दिखायी, उसके द्वारा उसने आगामी युगों के लिए अपने अनुग्रह की असीम समृद्धि को प्रदर्शित किया।#इफ 1:7
8परमेश्वर की कृपा ने विश्वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्य का फल नहीं है। यह तो परमेश्वर का वरदान है।#गल 2:16 9यह आपके किसी कर्म का पुरस्कार नहीं है और इसलिए इसका श्रेय कोई भी नहीं ले सकता।#1 कुर 1:29 10परमेश्वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार किया है।#तीत 2:14
नयी मानवता की एकता
11आप जन्म से गैर-यहूदी हैं और उन लोगों द्वारा “बेखतने वाले” कहे जाते हैं, जिनके शरीर में खतना किया गया है।#इफ 5:8 12आप स्मरण रखें कि पहले आप मसीह से अलग थे, इस्राएल के समुदाय के बाहर थे। आप परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार ठहराए गए विधानों से अपरिचित थे, इस संसार में आशा से वंचित और परमेश्वर से रहित थे।#रोम 9:4; 1 थिस 4:13 13आप लोग पहले दूर थे, किन्तु येशु मसीह से संयुक्त हो कर आप अब मसीह के रक्त द्वारा निकट आ गये हैं;#यश 57:19; 52:7; कुल 1:20 14क्योंकि वही हमारी शान्ति हैं। उन्होंने यहूदियों और गैर-यहूदियों को एक कर दिया है। दोनों में जो भेद डालने वाली शत्रुता की दीवार थी, उसे उन्होंने गिरा दिया है#यश 9:5; गल 3:28; कुल 2:14 और अपनी मृत्यु द्वारा#2:14 शब्दश:, “अपने शरीर में”। दूसरा अनुवाद, “उसे उन्होंने अपनी मृत्यु द्वारा गिरा दिया और...” अथवा, “उन्होंने यहूदियों और गैर-यहूदियों को अपने शरीर में एक कर दिया। दोनों में...” 15विधि-निषेधों की व्यवस्था को रद्द कर दिया। इस प्रकार, उन्होंने यहूदियों तथा गैर-यहूदियों को अपने से मिला कर एक नयी मानवता की सृष्टि की और शान्ति स्थापित की है।#2 कुर 5:17 16उन्होंने क्रूस द्वारा दोनों का एक ही देह में परमेश्वर के साथ मेल कराया और इस प्रकार शत्रुता को नष्ट कर दिया।#कुल 1:20,22 17तब उन्होंने आकर दोनों को शान्ति का शुभसमाचार सुनाया : आप लोगों को, जो दूर थे और उन लोगों को, जो निकट थे;#यश 57:19; जक 9:10 18क्योंकि उनके द्वारा हम दोनों एक ही आत्मा से प्रेरित हो कर पिता के पास पहुँच सकते हैं।#इफ 3:12
19आप लोग अब परदेशी अथवा प्रवासी नहीं रहे, बल्कि सन्तों के सह-नागरिक तथा परमेश्वर के परिवार के सदस्य बन गये हैं।#इफ 3:6; इब्र 12:22-23 20आप लोगों का निर्माण उस भवन के रूप में हुआ है, जो प्रेरितों तथा नबियों की नींव पर खड़ा है और जिसका कोने का पत्थर स्वयं येशु मसीह हैं।#मत 16:18; यश 28:16 21उन्हीं के द्वारा समस्त भवन संघटित हो कर प्रभु के लिए पवित्र मन्दिर का रूप धारण कर रहा है।#कुल 2:19 22उन्हीं के द्वारा आप लोग भी इस भवन में जोड़े जाते हैं, जिससे आप पवित्र आत्मा में परमेश्वर के लिए एक निवास स्थान बनें।#1 पत 2:5
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
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मसीह द्वारा नवजीवन
1आप लोग अपने अपराधों और पापों के कारण मर गये थे;#कुल 1:21; 2:13 2क्योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्वर के विरोधियों में क्रियाशील है।#इफ 6:12; तीत 3:3; यो 12:31; कुल 1:13 3हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्वभाव के कारण परमेश्वर के कोप के पात्र थे।#कुल 3:6
4-5परन्तु परमेश्वर की दया अपार है। हम अपने पापों के कारण मर गये थे; किन्तु उसने हम से इतना प्रेम किया कि उसने हमें मसीह के साथ जीवन प्रदान किया। उसकी कृपा ने आप लोगों का उद्धार किया।#लू 15:24,32; इफ 5:14; रोम 6:13 6उसने येशु मसीह के साथ हम लोगों को पुनर्जीवित किया और उन्हीं के साथ स्वर्ग में बैठाया।#फिल 3:20; रोम 8:10 7उसने हम को येशु मसीह में जो दयालुता दिखायी, उसके द्वारा उसने आगामी युगों के लिए अपने अनुग्रह की असीम समृद्धि को प्रदर्शित किया।#इफ 1:7
8परमेश्वर की कृपा ने विश्वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्य का फल नहीं है। यह तो परमेश्वर का वरदान है।#गल 2:16 9यह आपके किसी कर्म का पुरस्कार नहीं है और इसलिए इसका श्रेय कोई भी नहीं ले सकता।#1 कुर 1:29 10परमेश्वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार किया है।#तीत 2:14
नयी मानवता की एकता
11आप जन्म से गैर-यहूदी हैं और उन लोगों द्वारा “बेखतने वाले” कहे जाते हैं, जिनके शरीर में खतना किया गया है।#इफ 5:8 12आप स्मरण रखें कि पहले आप मसीह से अलग थे, इस्राएल के समुदाय के बाहर थे। आप परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार ठहराए गए विधानों से अपरिचित थे, इस संसार में आशा से वंचित और परमेश्वर से रहित थे।#रोम 9:4; 1 थिस 4:13 13आप लोग पहले दूर थे, किन्तु येशु मसीह से संयुक्त हो कर आप अब मसीह के रक्त द्वारा निकट आ गये हैं;#यश 57:19; 52:7; कुल 1:20 14क्योंकि वही हमारी शान्ति हैं। उन्होंने यहूदियों और गैर-यहूदियों को एक कर दिया है। दोनों में जो भेद डालने वाली शत्रुता की दीवार थी, उसे उन्होंने गिरा दिया है#यश 9:5; गल 3:28; कुल 2:14 और अपनी मृत्यु द्वारा#2:14 शब्दश:, “अपने शरीर में”। दूसरा अनुवाद, “उसे उन्होंने अपनी मृत्यु द्वारा गिरा दिया और...” अथवा, “उन्होंने यहूदियों और गैर-यहूदियों को अपने शरीर में एक कर दिया। दोनों में...” 15विधि-निषेधों की व्यवस्था को रद्द कर दिया। इस प्रकार, उन्होंने यहूदियों तथा गैर-यहूदियों को अपने से मिला कर एक नयी मानवता की सृष्टि की और शान्ति स्थापित की है।#2 कुर 5:17 16उन्होंने क्रूस द्वारा दोनों का एक ही देह में परमेश्वर के साथ मेल कराया और इस प्रकार शत्रुता को नष्ट कर दिया।#कुल 1:20,22 17तब उन्होंने आकर दोनों को शान्ति का शुभसमाचार सुनाया : आप लोगों को, जो दूर थे और उन लोगों को, जो निकट थे;#यश 57:19; जक 9:10 18क्योंकि उनके द्वारा हम दोनों एक ही आत्मा से प्रेरित हो कर पिता के पास पहुँच सकते हैं।#इफ 3:12
19आप लोग अब परदेशी अथवा प्रवासी नहीं रहे, बल्कि सन्तों के सह-नागरिक तथा परमेश्वर के परिवार के सदस्य बन गये हैं।#इफ 3:6; इब्र 12:22-23 20आप लोगों का निर्माण उस भवन के रूप में हुआ है, जो प्रेरितों तथा नबियों की नींव पर खड़ा है और जिसका कोने का पत्थर स्वयं येशु मसीह हैं।#मत 16:18; यश 28:16 21उन्हीं के द्वारा समस्त भवन संघटित हो कर प्रभु के लिए पवित्र मन्दिर का रूप धारण कर रहा है।#कुल 2:19 22उन्हीं के द्वारा आप लोग भी इस भवन में जोड़े जाते हैं, जिससे आप पवित्र आत्मा में परमेश्वर के लिए एक निवास स्थान बनें।#1 पत 2:5
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