यहूदा 1
1
अभिवादन
1यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र#1:1 पाठांतर, “प्रेम” किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।#मत 13:55
2आप लोगों को दया, शान्ति और प्रेम प्रचुर मात्रा में प्राप्त हो!#2 पत 1:2
बहकाने वाले धर्मशिक्षक
3प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्तु अब मुझे आवश्यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्तों को सौंपा गया है;#1 तिम 1:18; 2 पत 1:5; 2:21 4क्योंकि कुछ व्यक्ति आप लोगों के बीच छिप कर घुस आये हैं। इन धर्मद्रोही लोगों की दण्डाज्ञा प्राचीन काल से धर्मग्रन्थ में लिखी हुई है। ये धर्मद्रोही हमारे परमेश्वर की कृपा को विलासिता का बहाना बनाते और हमारे एकमात्र स्वामी एवं प्रभु येशु मसीह को अस्वीकार करते हैं।#गल 2:4; 2 पत 2:1
5यद्यपि आप लोग यह सब जानते हैं, फिर भी मैं आप को याद दिलाना चाहता हूँ कि प्रभु ने#1:5 पाठान्तर, “यहोशुअ (अथवा येशु) ने।” मिस्र देश से इस्राएली प्रजा का अद्वितीय उद्धार करने के बाद भी उन लोगों का विनाश किया, जो विश्वास करने से इनकार करते हैं।#गण 14:35; 1 कुर 10:5; 2 पत 1:12 6जिन स्वर्गदूतों ने अपनी मर्यादा का उल्लंघन किया और अपना निजी निवासस्थान छोड़ दिया, परमेश्वर उन्हें न्याय के महान् दिन के लिए नरक के अन्धकार में अकाट्य बेड़ियों से बांधे रखता है।#उत 6:1; यो 8:44; 2 पत 2:4,9 7सदोम, गमोरा और उनके आसपास के नगरों ने उन स्वर्गदूतों की तरह व्यभिचार किया और वे अप्राकृतिक वासनाओं के दास बन गये। वे हमें चेतावनी देने के लिए आग का अनन्त दण्ड भोग रहे हैं।#उत 19:4-25; 2 पत 2:6-10 8फिर भी ये व्यक्ति अपने उन्माद में शरीर को अपवित्र करते, प्रभुत्व को तुच्छ समझते और स्वर्गिक सत्वों की निन्दा करते हैं।#2 पत 2:10 9किन्तु जब प्रधान स्वर्गदूत मीखाएल शैतान से वाद-विवाद कर रहे थे और मूसा के शव को ले कर उस से संघर्ष कर रहे थे, तो उन्हें शैतान को निन्दात्मक शब्दों में दोषी ठहराने का साहस नहीं हुआ। उन्होंने इतना ही कहा, “प्रभु तेरी भत्र्सना करे।”#दान 12:1; जक 3:2; 2 पत 2:11 10परन्तु ये व्यक्ति उन बातों की निन्दा करते हैं, जिन्हें वे नहीं समझते और जो बातें ये विवेकहीन पशुओं की तरह सहज ही समझते हैं, इनके कारण वे नष्ट हो जाते हैं।#2 पत 2:12
11धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।#उत 4:8; 2 पत 2:15; गण 31:16; 16:22 12ये आपके प्रीति-भोजों के लिए कलंक-जैसे हैं, जहाँ वे बिना किसी श्रद्धा के खाते-पीते हैं। ये अपने ही भरण-पोषण को ध्यान में रखते हैं। ये पवन द्वारा उड़ाये हुए जलहीन बादल हैं। ये ऐसे वृक्ष हैं, जो फसल के समय पर फल नहीं देते, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखाड़े गये हैं।#यहेज 34:8; 2 पत 2:13 13ये समुद्र की उद्दाम लहरें हैं, जो अपनी लज्जाजनक वासनाओं का फेन उछालती हैं। ये उल्काओं के सदृश हैं। इनके लिए गहरा अन्धकार अनन्त काल तक रख छोड़ा गया है।#यश 57:20; 2 पत 2:17
14आदम की सातवीं पीढ़ी में हनोक ने इन लोगों के विषय में यह कहते हुए भविष्यवाणी की, “देखो, प्रभु अपने सहस्रों पवित्र दूतों के साथ आ कर#उत 5:21; व्य 33:2; जक 14:5 15सभी मनुष्यों का न्याय करेगा। विधर्मियों ने जितने कुकर्म किये और धर्मद्रोही पापियों ने प्रभु के विरुद्ध जितने दुर्वचन बोले हैं, प्रभु उन सब बातों के लिए हर एक को दोषी ठहरायेगा।”#मत 25:31 16ये वे लोग हैं जो कुड़बुड़ाते और अपना भाग्य कोसते रहते हैं, अपनी दुर्वासनाओं के अनुसार आचरण करते, डींग मारते और लाभ के लिए खुशामद करते हैं।#2 पत 2:10,18
विश्वासियों को परामर्श
17प्रिय भाइयों एवं बहिनो! आप लोग हमारे प्रभु येशु मसीह के प्रेरितों की भविष्यवाणियाँ याद रखें।#2 पत 3:2 18उन्होंने आप से यह कहा है, “अन्तिम समय में उपहास करने वाले नास्तिक प्रकट होंगे, जो अपनी अधर्मपूर्ण वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे।”#1 तिम 4:1; 2 पत 3:5 19ये व्यक्ति आप लोगों में फूट डालते हैं। ये संसारी मनुष्य हैं और आत्मा से वंचित हैं।#1 कुर 2:14
20किन्तु प्रिय भाइयो और बहिनो! आप अपने परमपावन विश्वास की नींव पर अपने जीवन का निर्माण करें। पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते रहें।#कुल 2:7; 1 थिस 5:11 21परमेश्वर के प्रेम में सुदृढ़ बने रहें और हमारे प्रभु येशु मसीह की दया की आशा करें जो शाश्वत् जीवन की ओर ले जाती है। 22कुछ लोगों का विश्वास दृढ़ नहीं है।#1:22 अथवा, “कुछ लोग शंका करते हैं।” उन पर दया करें। 23कुछ लोगों को आग में से निकाल कर उनकी रक्षा करें। किंतु कुछ लोगों पर दया करते समय आप सतर्क रहें और विषय-वासना से दूषित उनके वस्त्र से भी घृणा करें#आमो 4:11; जक 3:2; याक 5:19; प्रक 3:4 ।#1:23 मूल यूनानी पद 22-23 अस्पष्ट हैं।
आशीर्वाद
24जो आप को पतन से सुरक्षित रखने में और आप को दोषरहित और आनन्दित बना कर अपनी महिमा में प्रस्तुत करने में समर्थ है,#1 थिस 5:23; फिल 1:10; 2 पत 3:14 25जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा मुक्ति प्रदान करता है, उसी एकमात्र परमेश्वर को#1:25 अथवा, “जो हमारा उद्धारकर्ता तथा एकमात्र परमेश्वर है, उसी को हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा” अनादि काल से, अभी और युग-युगान्तर तक महिमा, प्रताप, सामर्थ्य और अधिकार प्राप्त हो! आमेन!#रोम 16:27; 1 तिम 1:17; 2 पत 3:18
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यहूदा 1: HINCLBSI
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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यहूदा 1
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अभिवादन
1यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र#1:1 पाठांतर, “प्रेम” किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।#मत 13:55
2आप लोगों को दया, शान्ति और प्रेम प्रचुर मात्रा में प्राप्त हो!#2 पत 1:2
बहकाने वाले धर्मशिक्षक
3प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्तु अब मुझे आवश्यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्तों को सौंपा गया है;#1 तिम 1:18; 2 पत 1:5; 2:21 4क्योंकि कुछ व्यक्ति आप लोगों के बीच छिप कर घुस आये हैं। इन धर्मद्रोही लोगों की दण्डाज्ञा प्राचीन काल से धर्मग्रन्थ में लिखी हुई है। ये धर्मद्रोही हमारे परमेश्वर की कृपा को विलासिता का बहाना बनाते और हमारे एकमात्र स्वामी एवं प्रभु येशु मसीह को अस्वीकार करते हैं।#गल 2:4; 2 पत 2:1
5यद्यपि आप लोग यह सब जानते हैं, फिर भी मैं आप को याद दिलाना चाहता हूँ कि प्रभु ने#1:5 पाठान्तर, “यहोशुअ (अथवा येशु) ने।” मिस्र देश से इस्राएली प्रजा का अद्वितीय उद्धार करने के बाद भी उन लोगों का विनाश किया, जो विश्वास करने से इनकार करते हैं।#गण 14:35; 1 कुर 10:5; 2 पत 1:12 6जिन स्वर्गदूतों ने अपनी मर्यादा का उल्लंघन किया और अपना निजी निवासस्थान छोड़ दिया, परमेश्वर उन्हें न्याय के महान् दिन के लिए नरक के अन्धकार में अकाट्य बेड़ियों से बांधे रखता है।#उत 6:1; यो 8:44; 2 पत 2:4,9 7सदोम, गमोरा और उनके आसपास के नगरों ने उन स्वर्गदूतों की तरह व्यभिचार किया और वे अप्राकृतिक वासनाओं के दास बन गये। वे हमें चेतावनी देने के लिए आग का अनन्त दण्ड भोग रहे हैं।#उत 19:4-25; 2 पत 2:6-10 8फिर भी ये व्यक्ति अपने उन्माद में शरीर को अपवित्र करते, प्रभुत्व को तुच्छ समझते और स्वर्गिक सत्वों की निन्दा करते हैं।#2 पत 2:10 9किन्तु जब प्रधान स्वर्गदूत मीखाएल शैतान से वाद-विवाद कर रहे थे और मूसा के शव को ले कर उस से संघर्ष कर रहे थे, तो उन्हें शैतान को निन्दात्मक शब्दों में दोषी ठहराने का साहस नहीं हुआ। उन्होंने इतना ही कहा, “प्रभु तेरी भत्र्सना करे।”#दान 12:1; जक 3:2; 2 पत 2:11 10परन्तु ये व्यक्ति उन बातों की निन्दा करते हैं, जिन्हें वे नहीं समझते और जो बातें ये विवेकहीन पशुओं की तरह सहज ही समझते हैं, इनके कारण वे नष्ट हो जाते हैं।#2 पत 2:12
11धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।#उत 4:8; 2 पत 2:15; गण 31:16; 16:22 12ये आपके प्रीति-भोजों के लिए कलंक-जैसे हैं, जहाँ वे बिना किसी श्रद्धा के खाते-पीते हैं। ये अपने ही भरण-पोषण को ध्यान में रखते हैं। ये पवन द्वारा उड़ाये हुए जलहीन बादल हैं। ये ऐसे वृक्ष हैं, जो फसल के समय पर फल नहीं देते, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखाड़े गये हैं।#यहेज 34:8; 2 पत 2:13 13ये समुद्र की उद्दाम लहरें हैं, जो अपनी लज्जाजनक वासनाओं का फेन उछालती हैं। ये उल्काओं के सदृश हैं। इनके लिए गहरा अन्धकार अनन्त काल तक रख छोड़ा गया है।#यश 57:20; 2 पत 2:17
14आदम की सातवीं पीढ़ी में हनोक ने इन लोगों के विषय में यह कहते हुए भविष्यवाणी की, “देखो, प्रभु अपने सहस्रों पवित्र दूतों के साथ आ कर#उत 5:21; व्य 33:2; जक 14:5 15सभी मनुष्यों का न्याय करेगा। विधर्मियों ने जितने कुकर्म किये और धर्मद्रोही पापियों ने प्रभु के विरुद्ध जितने दुर्वचन बोले हैं, प्रभु उन सब बातों के लिए हर एक को दोषी ठहरायेगा।”#मत 25:31 16ये वे लोग हैं जो कुड़बुड़ाते और अपना भाग्य कोसते रहते हैं, अपनी दुर्वासनाओं के अनुसार आचरण करते, डींग मारते और लाभ के लिए खुशामद करते हैं।#2 पत 2:10,18
विश्वासियों को परामर्श
17प्रिय भाइयों एवं बहिनो! आप लोग हमारे प्रभु येशु मसीह के प्रेरितों की भविष्यवाणियाँ याद रखें।#2 पत 3:2 18उन्होंने आप से यह कहा है, “अन्तिम समय में उपहास करने वाले नास्तिक प्रकट होंगे, जो अपनी अधर्मपूर्ण वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे।”#1 तिम 4:1; 2 पत 3:5 19ये व्यक्ति आप लोगों में फूट डालते हैं। ये संसारी मनुष्य हैं और आत्मा से वंचित हैं।#1 कुर 2:14
20किन्तु प्रिय भाइयो और बहिनो! आप अपने परमपावन विश्वास की नींव पर अपने जीवन का निर्माण करें। पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते रहें।#कुल 2:7; 1 थिस 5:11 21परमेश्वर के प्रेम में सुदृढ़ बने रहें और हमारे प्रभु येशु मसीह की दया की आशा करें जो शाश्वत् जीवन की ओर ले जाती है। 22कुछ लोगों का विश्वास दृढ़ नहीं है।#1:22 अथवा, “कुछ लोग शंका करते हैं।” उन पर दया करें। 23कुछ लोगों को आग में से निकाल कर उनकी रक्षा करें। किंतु कुछ लोगों पर दया करते समय आप सतर्क रहें और विषय-वासना से दूषित उनके वस्त्र से भी घृणा करें#आमो 4:11; जक 3:2; याक 5:19; प्रक 3:4 ।#1:23 मूल यूनानी पद 22-23 अस्पष्ट हैं।
आशीर्वाद
24जो आप को पतन से सुरक्षित रखने में और आप को दोषरहित और आनन्दित बना कर अपनी महिमा में प्रस्तुत करने में समर्थ है,#1 थिस 5:23; फिल 1:10; 2 पत 3:14 25जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा मुक्ति प्रदान करता है, उसी एकमात्र परमेश्वर को#1:25 अथवा, “जो हमारा उद्धारकर्ता तथा एकमात्र परमेश्वर है, उसी को हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा” अनादि काल से, अभी और युग-युगान्तर तक महिमा, प्रताप, सामर्थ्य और अधिकार प्राप्त हो! आमेन!#रोम 16:27; 1 तिम 1:17; 2 पत 3:18
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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