मत्ती 28
28
येशु का मृतकोत्थान
1विश्राम-दिवस के बाद, सप्ताह के प्रथम दिन, पौ फटते ही मरियम मगदलेनी और दूसरी मरियम कबर देखने आयीं।#मक 16:1-10; लू 24:1-10; यो 20:1-18 2एकाएक भारी भूकम्प हुआ और प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा। वह कबर के पास आया और पत्थर लुढ़का कर उस पर बैठ गया। 3उसका मुखमण्डल बिजली की तरह चमक रहा था और उसके वस्त्र हिम के समान उज्ज्वल थे।#मत 17:2; प्रे 1:10 4दूत को देख कर पहरेदार थर-थर काँपने लगे और मृतक-जैसे हो गये। 5स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, “डरिए नहीं। मैं जानता हूँ कि आप लोग येशु को ढूँढ़ रही हैं, जो क्रूस पर चढ़ाए गये थे। 6वह यहाँ नहीं हैं। वह जी उठे हैं, जैसा कि उन्होंने कहा था। आइए और वह जगह देख लीजिए, जहाँ वह रखे गये थे।#मत 12:40; 16:21; 17:23; 20:19; प्रे 2:36 7अब आप तुरन्त उनके शिष्यों के पास जाकर कहिए, ‘वह मृतकों में से जी उठे हैं। वह आप लोगों से पहले गलील प्रदेश जाएँगे। वहाँ आप लोग उनके दर्शन करेंगे।’ देखिए, मैंने आप लोगों को संदेश दे दिया है।”#मत 26:32
8स्त्रियाँ शीघ्र ही कबर के पास से चली गयीं और विस्मय तथा बड़े आनन्द के साथ उनके शिष्यों को यह समाचार सुनाने दौड़ीं।
स्त्रियों को दर्शन
9येशु एकाएक मार्ग में उन स्त्रियों से मिले और बोले, “सुखी रहो!”#28:9 अथवा “आनन्दित हो।” वे येशु के समीप गईं और उनके चरणों को पकड़ कर उनकी वंदना की।
10येशु ने उनसे कहा, “डरो नहीं। जाओ और मेरे भाइयों को यह सन्देश दो कि वे गलील प्रदेश को जाएँ। वहाँ वे मेरे दर्शन करेंगे।”#इब्र 2:11; उत 45:4; 50:19
पहरेदारों को रिश्वत
11स्त्रियाँ मार्ग में ही थीं कि कुछ पहरेदार नगर में आए। उन्होंने महापुरोहितों को सब घटनाएँ सुनाईं। 12महापुरोहितों ने धर्मवृद्धों से मिल कर परामर्श किया और सैनिकों को एक मोटी रकम देकर कहा, 13“लोगों से कहना कि रात को जब हम सोये हुए थे, तो येशु के शिष्य आए और उसे चुरा ले गये।#मत 27:64 14यदि यह बात राज्यपाल के कान में पड़ गयी, तो हम उन्हें समझा देंगे और तुम्हारे लिए चिन्ता की कोई बात न होगी।” 15पहरेदारों ने रुपया ले लिया और वैसा ही किया, जैसा उन्हें सिखाया गया था। यही कहानी फैल गयी और अब तक यहूदी लोगों में प्रचलित है।
शिष्यों का प्रेषण
16तब ग्यारह शिष्य गलील प्रदेश में उस पहाड़ी पर गये, जहाँ जाने का येशु ने उन्हें आदेश दिया था।#मत 28:7 17उन्होंने येशु को देख कर उनकी वंदना की; किन्तु किसी-किसी को सन्देह भी हुआ।
18तब येशु ने उनके पास आकर कहा, “मुझे स्वर्ग में और पृथ्वी पर पूरा अधिकार दिया गया है।#मत 11:27; इफ 1:20-22; दान 7:14 19इसलिए तुम जा कर सब जातियों#28:19 अथवा, ‘राष्ट्रों’ को शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर बपतिस्मा दो।#मक 16:15-16 20मैंने तुम्हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।”#मत 1:23; 18:20; यो 14:23
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
मत्ती 28
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येशु का मृतकोत्थान
1विश्राम-दिवस के बाद, सप्ताह के प्रथम दिन, पौ फटते ही मरियम मगदलेनी और दूसरी मरियम कबर देखने आयीं।#मक 16:1-10; लू 24:1-10; यो 20:1-18 2एकाएक भारी भूकम्प हुआ और प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा। वह कबर के पास आया और पत्थर लुढ़का कर उस पर बैठ गया। 3उसका मुखमण्डल बिजली की तरह चमक रहा था और उसके वस्त्र हिम के समान उज्ज्वल थे।#मत 17:2; प्रे 1:10 4दूत को देख कर पहरेदार थर-थर काँपने लगे और मृतक-जैसे हो गये। 5स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, “डरिए नहीं। मैं जानता हूँ कि आप लोग येशु को ढूँढ़ रही हैं, जो क्रूस पर चढ़ाए गये थे। 6वह यहाँ नहीं हैं। वह जी उठे हैं, जैसा कि उन्होंने कहा था। आइए और वह जगह देख लीजिए, जहाँ वह रखे गये थे।#मत 12:40; 16:21; 17:23; 20:19; प्रे 2:36 7अब आप तुरन्त उनके शिष्यों के पास जाकर कहिए, ‘वह मृतकों में से जी उठे हैं। वह आप लोगों से पहले गलील प्रदेश जाएँगे। वहाँ आप लोग उनके दर्शन करेंगे।’ देखिए, मैंने आप लोगों को संदेश दे दिया है।”#मत 26:32
8स्त्रियाँ शीघ्र ही कबर के पास से चली गयीं और विस्मय तथा बड़े आनन्द के साथ उनके शिष्यों को यह समाचार सुनाने दौड़ीं।
स्त्रियों को दर्शन
9येशु एकाएक मार्ग में उन स्त्रियों से मिले और बोले, “सुखी रहो!”#28:9 अथवा “आनन्दित हो।” वे येशु के समीप गईं और उनके चरणों को पकड़ कर उनकी वंदना की।
10येशु ने उनसे कहा, “डरो नहीं। जाओ और मेरे भाइयों को यह सन्देश दो कि वे गलील प्रदेश को जाएँ। वहाँ वे मेरे दर्शन करेंगे।”#इब्र 2:11; उत 45:4; 50:19
पहरेदारों को रिश्वत
11स्त्रियाँ मार्ग में ही थीं कि कुछ पहरेदार नगर में आए। उन्होंने महापुरोहितों को सब घटनाएँ सुनाईं। 12महापुरोहितों ने धर्मवृद्धों से मिल कर परामर्श किया और सैनिकों को एक मोटी रकम देकर कहा, 13“लोगों से कहना कि रात को जब हम सोये हुए थे, तो येशु के शिष्य आए और उसे चुरा ले गये।#मत 27:64 14यदि यह बात राज्यपाल के कान में पड़ गयी, तो हम उन्हें समझा देंगे और तुम्हारे लिए चिन्ता की कोई बात न होगी।” 15पहरेदारों ने रुपया ले लिया और वैसा ही किया, जैसा उन्हें सिखाया गया था। यही कहानी फैल गयी और अब तक यहूदी लोगों में प्रचलित है।
शिष्यों का प्रेषण
16तब ग्यारह शिष्य गलील प्रदेश में उस पहाड़ी पर गये, जहाँ जाने का येशु ने उन्हें आदेश दिया था।#मत 28:7 17उन्होंने येशु को देख कर उनकी वंदना की; किन्तु किसी-किसी को सन्देह भी हुआ।
18तब येशु ने उनके पास आकर कहा, “मुझे स्वर्ग में और पृथ्वी पर पूरा अधिकार दिया गया है।#मत 11:27; इफ 1:20-22; दान 7:14 19इसलिए तुम जा कर सब जातियों#28:19 अथवा, ‘राष्ट्रों’ को शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर बपतिस्मा दो।#मक 16:15-16 20मैंने तुम्हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।”#मत 1:23; 18:20; यो 14:23
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