मीका 2:1
मीका 2:1 HINCLBSI
धिक्कार है उनको, जो कुचक्र रचते हैं, जो रात में पलंग पर पड़े-पड़े दुष्कर्म सोचा करते हैं। वे सबेरा होने पर अपनी योजना को कार्यरूप में परिणत भी करते हैं, क्योंकि ऐसा करने की शक्ति उनके हाथ में है।
धिक्कार है उनको, जो कुचक्र रचते हैं, जो रात में पलंग पर पड़े-पड़े दुष्कर्म सोचा करते हैं। वे सबेरा होने पर अपनी योजना को कार्यरूप में परिणत भी करते हैं, क्योंकि ऐसा करने की शक्ति उनके हाथ में है।