नीतिवचन 5:3-4
नीतिवचन 5:3-4 HINCLBSI
परायी स्त्री के ओंठों से मधु टपकता है; उसकी बातें चिकनी चुपड़ी होती हैं। किन्तु उसके प्रेम का अन्त चिरायते-सा कड़ुवा, और दुधारी तलवार-जैसा पैना होता है।
परायी स्त्री के ओंठों से मधु टपकता है; उसकी बातें चिकनी चुपड़ी होती हैं। किन्तु उसके प्रेम का अन्त चिरायते-सा कड़ुवा, और दुधारी तलवार-जैसा पैना होता है।