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भजन संहिता 112:5

भजन संहिता 112:5 HINCLBSI

जो मनुष्‍य दूसरों पर कृपा करता, और उधार देता है, जो न्‍यायपूर्वक प्रत्‍येक कार्य करता है, उसका कल्‍याण होता है।