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भजन संहिता 12

12
दुर्जन के विरुद्ध सहायता के लिए प्रार्थना
मुख्‍यवादक के लिए। शमीनीत के अनुसार। दाऊद का भजन।
1प्रभु, रक्षा कर, क्‍योंकि धर्मपरायण
व्यक्‍ति अब नहीं रहे।
मनुष्‍यों के मध्‍य से सब विश्‍वासी लोग लुप्‍त
हो गए।#मी 7:2
2प्रत्‍येक मनुष्‍य अपने पड़ोसी से झूठ बोलता
है,
वे चाटुकार ओंठों से दुरंगी बातें करते हैं।#यिर 9:8
3भला हो कि प्रभु चाटुकार ओंठों को,
और घमण्‍ड से बातों बोलने वाली जीभ को
काट दे।
4वे यह कहते हैं, “हम अपनी जिह्‍वा के बल
पर प्रबल होंगे;
हमारे ओंठ हमारे वश में हैं; हमारा स्‍वामी
कौन है?”
5प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र
विलाप करते हैं।
इस कारण अब मैं उठूंगा;
मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता
है।”
6प्रभु का वचन शुद्ध वचन है,
जैसे शुद्ध चांदी,
जो भट्टी में सात बार शोधित की गई।#भज 18:30; नीति 30:5
7प्रभु तू ही हमारी रक्षा कर;
हमें इस पीढ़ी से निरंतर बचाए रख।
8जब मनुष्‍यों के मध्‍य नीचता की प्रशंसा की
जाती है,
तब नीच लोग चारों ओर अकड़ते फिरते हैं।

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