भजन संहिता 127:1
भजन संहिता 127:1 HINCLBSI
यदि प्रभु घर को न बनाए, तो उसे बनानेवाले व्यक्ति व्यर्थ परिश्रम करते हैं; यदि प्रभु नगर की रक्षा न करे, तो पहरेदार व्यर्थ जागते हैं।
यदि प्रभु घर को न बनाए, तो उसे बनानेवाले व्यक्ति व्यर्थ परिश्रम करते हैं; यदि प्रभु नगर की रक्षा न करे, तो पहरेदार व्यर्थ जागते हैं।