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भजन संहिता 130:6

भजन संहिता 130:6 HINCLBSI

सबेरे की प्रतीक्षा करनेवाले पहरेदारों से अधिक, प्रात: की प्रतीक्षा करनेवाले पहरेदारों से अधिक मेरा प्राण स्‍वामी की प्रतीक्षा करता है।