भजन संहिता 131:2
भजन संहिता 131:2 HINCLBSI
किन्तु मैंने अपनी अभिलाषाओं को स्थिर और शान्त किया है; मां की गोद में दूध पीकर शान्त लेटे हुए शिशु के सदृश, शान्त शिशु के सदृश मेरा प्राण मुझमें शान्त है!
किन्तु मैंने अपनी अभिलाषाओं को स्थिर और शान्त किया है; मां की गोद में दूध पीकर शान्त लेटे हुए शिशु के सदृश, शान्त शिशु के सदृश मेरा प्राण मुझमें शान्त है!