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भजन संहिता 144:2

भजन संहिता 144:2 HINCLBSI

वह मेरी शक्‍ति और मेरा गढ़ है; वह मेरा शरण-स्‍थल और मेरा मुक्‍तिदाता है। वह मेरी ढाल है, मैं उसकी शरण में आता हूं। वह जातियों को मेरे अधीन करता है।