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भजन संहिता 31:1

भजन संहिता 31:1 HINCLBSI

हे प्रभु, मैं तेरी शरण में आया हूँ; मुझे कभी लज्‍जित न होने देना; अपनी धार्मिकता द्वारा मुझे मुक्‍त कर।