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भजन संहिता 83

83
इस्राएल की विजय के लिए प्रार्थना
एक गीत। आसाफ का भजन।
1हे परमेश्‍वर, अपने को शांत न रख,
तू चुप न रह,
हे परमेश्‍वर, तू निश्‍चल न बैठ।
2देख! तेरे शत्रु गरज रहे हैं;
तेरे निंदकों ने सिर उठाया है।
3वे तेरी प्रजा के विरुद्ध षड्‍यन्‍त्र रच रहे हैं;
उन्‍होंने तेरे शरणागतों के प्रति
परस्‍पर सम्‍मति की है।
4वे यह कहते हैं, ‘आओ, हम इन्‍हें मिटा डालें;
कि वे एक राष्‍ट्र के रूप में जीवित न रहें।
जिससे इस्राएल राष्‍ट्र का नाम सदा के लिए
विस्‍मृत हो जाए।’
5वे एक हृदय होकर सम्‍मति कर रहे हैं;
उन्‍होंने तेरे विरुद्ध संधि की है−
6एदोम के शिविर और इश्‍माएलियों ने,
मोआबी और हग्रियों ने,
7गबाली, अम्‍मोनी और अमालेकी जाति ने,
सोर-निवासियों सहित पलिश्‍ती जाति ने।
8असीरिया राज्‍य भी उनके साथ मिल गया है;
वे लोट-वंशियों के लिए
दाहिना हाथ बन गए हैं।
सेलाह
9उनके साथ ऐसा व्‍यवहार कर,
जैसा तूने मिद्यानियों के साथ किया था;
जैसा तूने किशोन नदी पर
सीसरा और याबीन के साथ किया था।#शास 7:22; 4:7
10वे एनदोर में नष्‍ट किए गए थे,
वे भूमि की गंदगी बन गए थे।
11उनके शासकों को
ओरेब एवं जएब के समान,
उनके समस्‍त राजपुत्रों को
जेबह और सलमूना के सदृश कर दे,#शास 7:25
12जिन्‍होंने कहा था, ‘आओ,
परमेश्‍वर की चराइयों पर
अपना अधिकार कर लें।’
13हे मेरे परमेश्‍वर, उन्‍हें बवंडर की धूल के
सदृश,
पवन के समक्ष भूसे के समान बना दे।
14जैसे आग जंगल को भस्‍म कर देती है,
जैसे ज्‍वाला पर्वतों को जला डालती है,
15वैसे ही तू अपनी आंधी से उनका पीछा कर,
अपने तूफान से उन्‍हें भयभीत कर।
16हे प्रभु, उनका मुख लज्‍जा से भर दे,
कि वे तेरे नाम को ढूंढ़ें।
17सदा-सर्वदा के लिए उन्‍हें लज्‍जित और
भयभीत कर दे,
वे अपमानित होकर मर-मिटें।
18वे जान लें कि तू ही जिसका नाम प्रभु है,
समस्‍त पृथ्‍वी पर सर्वोच्‍च है।

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