जकर्याह 10
10
प्रभु का उद्धार-कार्य
1वसंतकालीन वर्षा के समय,
प्रभु से वर्षा मांगो,
क्योंकि प्रभु ही वर्षा के बादल बनाता है,
वही लोगों को वर्षा की बौछार देता है,
वही खेतों में सबके लिए वनस्पति उपजाता है।#व्य 11:14
2गृह-देवता बकवास करते हैं,
शकुन विचारने वाले झूठे शकुन विचारते हैं।
स्वप्न दर्शी झूठे स्वप्न देखते हैं,
और झूठी शान्ति देते हैं।
अत: जनता भेड़ के सदृश भटक गई है,
उनका चरवाहा नहीं है, अत: वे संकट में हैं।#मत 9:36; यहेज 34:5
3प्रभु कहता है, ‘मेरा क्रोध चरवाहों के विरुद्ध
भड़क उठा है;
मैं नेताओं को दण्ड दूंगा।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु अपने रेवड़,
यहूदा वंश की चिंता करता है।
वह उन्हें राजसी युद्ध-अश्व बनाएगा।
4उनसे ही नींव का पत्थर निकलेगा,
उनसे ही शिविर की खूंटी निकलेगी,
उनसे ही युद्ध का धनुष निकलेगा,
उनसे ही वस्तुत: देश का प्रत्येक शासक
निकलेगा।
5वे संगठित रूप में युद्ध के
महाबलवान सैनिक के सदृश बनेंगे,
वे सड़कों के बीच में अपने बैरियों को रौदेंगे।
प्रभु उनके साथ है, अत: वे युद्ध करेंगे;
वे घुड़सवार सैनिकों को
पीठ दिखाने पर विवश करेंगे।
6प्रभु कहता है : ‘मैं यहूदा के वंशजों को बल
प्रदान करूंगा,
मैं यूसुफ के वंश को बचाऊंगा।
मैंने उन पर दया की है,
अत: मैं उन्हें वापस लाऊंगा।
वे ऐसे रहेंगे मानो मैंने उन्हें
कभी छोड़ा न था।
मैं उनका प्रभु परमेश्वर हूँ,
मैं उन्हें निस्सन्देह उत्तर दूंगा।
7एफ्रइमवंशीय पुरुष महाबलवान योद्धा बनेंगे;
जैसे अंगूर-रस पीने से हृदय आनन्दित होता है,
वैसे उनका हृदय आनन्दित होगा।
उनकी सन्तान यह देखेगी और आनन्द
मनाएगी।
उनका हृदय मुझ-प्रभु में हर्षित होगा।
8‘मैं सीटी बजाकर उन्हें एकत्र करूंगा;
क्योंकि मैंने उनको छुड़ाया है।
वे संख्या में बढ़ जाएंगे।
जैसे वे प्राचीन काल में असंख्य थे।
9यद्यपि मैंने उन्हें अनेक राष्ट्रों में तितर-बितर
किया है,
तो भी वे उन दूर देशों में भी मुझे स्मरण करेंगे।
वे वहां जीवित रहेंगे,
और अपने बच्चों के साथ लौटेंगे।#व्य 30:2; बारू 2:20-32; लू 15:17
10मैं उन्हें मिस्र देश से वापस लाऊंगा,
मैं उन्हें असीरिया देश से एकत्र करूंगा,
मैं उन्हें गिलआद और लबानोन देशों में
लाऊंगा;
उन्हें बसाने के लिए स्थान पर्याप्त नहीं होगा।
11वे मिस्र देश के सागर से होकर गुजरेंगे,
वे सागर की लहरों को चीरेंगे।
नील नदी की गहराइयां भी सूख जाएंगी।
मैं असीरिया का घमण्ड तोड़ूंगा।
मैं मिस्र से उसका राज-दण्ड छीन लूंगा।
12इस्राएलियों को मुझ-प्रभु से शक्ति प्राप्त
होगी,
और वे मुझ-प्रभु के नाम की महिमा करेंगे’,
प्रभु ने यह कहा है।
Currently Selected:
जकर्याह 10: HINCLBSI
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
जकर्याह 10
10
प्रभु का उद्धार-कार्य
1वसंतकालीन वर्षा के समय,
प्रभु से वर्षा मांगो,
क्योंकि प्रभु ही वर्षा के बादल बनाता है,
वही लोगों को वर्षा की बौछार देता है,
वही खेतों में सबके लिए वनस्पति उपजाता है।#व्य 11:14
2गृह-देवता बकवास करते हैं,
शकुन विचारने वाले झूठे शकुन विचारते हैं।
स्वप्न दर्शी झूठे स्वप्न देखते हैं,
और झूठी शान्ति देते हैं।
अत: जनता भेड़ के सदृश भटक गई है,
उनका चरवाहा नहीं है, अत: वे संकट में हैं।#मत 9:36; यहेज 34:5
3प्रभु कहता है, ‘मेरा क्रोध चरवाहों के विरुद्ध
भड़क उठा है;
मैं नेताओं को दण्ड दूंगा।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु अपने रेवड़,
यहूदा वंश की चिंता करता है।
वह उन्हें राजसी युद्ध-अश्व बनाएगा।
4उनसे ही नींव का पत्थर निकलेगा,
उनसे ही शिविर की खूंटी निकलेगी,
उनसे ही युद्ध का धनुष निकलेगा,
उनसे ही वस्तुत: देश का प्रत्येक शासक
निकलेगा।
5वे संगठित रूप में युद्ध के
महाबलवान सैनिक के सदृश बनेंगे,
वे सड़कों के बीच में अपने बैरियों को रौदेंगे।
प्रभु उनके साथ है, अत: वे युद्ध करेंगे;
वे घुड़सवार सैनिकों को
पीठ दिखाने पर विवश करेंगे।
6प्रभु कहता है : ‘मैं यहूदा के वंशजों को बल
प्रदान करूंगा,
मैं यूसुफ के वंश को बचाऊंगा।
मैंने उन पर दया की है,
अत: मैं उन्हें वापस लाऊंगा।
वे ऐसे रहेंगे मानो मैंने उन्हें
कभी छोड़ा न था।
मैं उनका प्रभु परमेश्वर हूँ,
मैं उन्हें निस्सन्देह उत्तर दूंगा।
7एफ्रइमवंशीय पुरुष महाबलवान योद्धा बनेंगे;
जैसे अंगूर-रस पीने से हृदय आनन्दित होता है,
वैसे उनका हृदय आनन्दित होगा।
उनकी सन्तान यह देखेगी और आनन्द
मनाएगी।
उनका हृदय मुझ-प्रभु में हर्षित होगा।
8‘मैं सीटी बजाकर उन्हें एकत्र करूंगा;
क्योंकि मैंने उनको छुड़ाया है।
वे संख्या में बढ़ जाएंगे।
जैसे वे प्राचीन काल में असंख्य थे।
9यद्यपि मैंने उन्हें अनेक राष्ट्रों में तितर-बितर
किया है,
तो भी वे उन दूर देशों में भी मुझे स्मरण करेंगे।
वे वहां जीवित रहेंगे,
और अपने बच्चों के साथ लौटेंगे।#व्य 30:2; बारू 2:20-32; लू 15:17
10मैं उन्हें मिस्र देश से वापस लाऊंगा,
मैं उन्हें असीरिया देश से एकत्र करूंगा,
मैं उन्हें गिलआद और लबानोन देशों में
लाऊंगा;
उन्हें बसाने के लिए स्थान पर्याप्त नहीं होगा।
11वे मिस्र देश के सागर से होकर गुजरेंगे,
वे सागर की लहरों को चीरेंगे।
नील नदी की गहराइयां भी सूख जाएंगी।
मैं असीरिया का घमण्ड तोड़ूंगा।
मैं मिस्र से उसका राज-दण्ड छीन लूंगा।
12इस्राएलियों को मुझ-प्रभु से शक्ति प्राप्त
होगी,
और वे मुझ-प्रभु के नाम की महिमा करेंगे’,
प्रभु ने यह कहा है।
Currently Selected:
:
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.