सफन्याह 1
1
सफन्याह का परिचय
1सफन्याह#1:1 अथवा ‘सपन्याह’ के पिता का नाम कूशी और दादा का नाम गदल्याह था। सफन्याह का परदादा अमर्याह था। सफन्याह के परदादा के पिता का नाम हिजकियाह था।
प्रभु का सन्देश सफन्याह को यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य-काल में मिला।
प्रभु का दिन
2प्रभु ने कहा, ‘मेरी यह वाणी है :
मैं पृथ्वी की सतह से सब कुछ मिटा डालूंगा।#2 पत 3:10
3मैं मनुष्य और पशु
दोनों को पूर्णत: नष्ट करूंगा।
मैं आकाश के पक्षियों का,
और समुद्र के जलचरों का अन्त करूंगा।
मैं दुर्जनों को घुटने टेकने पर विवश करूंगा#1:3 मूल में, ‘मैं दुर्जनों समेत रोड़ा हटाऊंगा’ ।
मैं समस्त मानव जाति को,
पृथ्वी की सतह से खत्म कर दूंगा।’
प्रभु की यही वाणी है।
4‘मैं यहूदा प्रदेश पर,
राजधानी यरूशलेम के निवासियों पर
विनाश के लिए हाथ उठाऊंगा।
बअल देवता के बचे हुए आराधकों को,
मूर्तिपूजक पुरोहितों के नाम को
इस स्थान से मिटा डालूंगा।
5ये अपने घर की छत पर चढ़कर
आकाश की शक्तियों की पूजा करते हैं,
और मिलकोम देवता के नाम पर शपथ खाते हैं।
ये मेरी भी वन्दना करते हैं;
और मुझ-प्रभु के नाम पर भी शपथ खाते हैं!#2 रा 21:3
6इन्होंने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है।
ये मुझ-प्रभु की खोज नहीं करते;
ये मुझसे विमुख हो गए हैं;
ये मेरी इच्छा जानने के लिए
मेरे पास नहीं आते।’
7स्वामी-प्रभु के सम्मुख शान्त रहो।
प्रभु का दिन समीप आ गया।
प्रभु ने बलि चढ़ाने की तैयारी पूर्ण की;
उसने अपने अतिथियों को शुद्ध किया। #हब 2:20; जक 2:13
8वह यह कहता है :
‘मुझ-प्रभु के बलि-दिवस पर
मैं सामन्तों और राजकुमारों को,
विदेशी वस्त्रों से स्वयं को सजानेवालों को
दण्ड दूंगा।
9उस दिन मैं
मन्दिर की ड्योढ़ी लांघनेवालों को;
अपने मालिक के मकान में
हिंसा और छल-कपट करनेवालों को
दण्ड दूंगा।’ प्रभु की यही वाणी है।
10प्रभु यह कहता है: ‘उस दिन
मत्स्य द्वार से चीत्कार सुनाई देगी।
नए मुहल्ले में रोदन का स्वर होगा,
ऊंचे टीलों पर हाहाकार सुनाई देगा।
11ओ खरल मुहल्ले के निवासियो, रोओ;
तुम्हारे सब व्यापारियों का अन्त हो गया।
एक भी शेष नहीं रहा।
चांदी के सिक्के तौलनेवाले समाप्त हो गए।
12उस दिन मैं हाथ में दीपक लेकर
यरूशलेम नगर में खोज-बीन करूंगा।
जिन लोगों पर गुनाहों की परत चढ़ गई है,
जो अपने हृदय में यह कहते हैं:
“प्रभु न भला करेगा, और न बुरा,”
उनको मैं दण्ड दूंगा।#भज 10:4,13
13शत्रु उनकी सम्पत्ति लूटेंगे;
उनके आबाद घर उजड़ जाएंगे।
यद्यपि वे मकान बनाएंगे,
तथापि वे उनमें रह नहीं पाएंगे।
यद्यपि वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे
तथापि वे उसका अंगूर-रस पी नहीं
सकेंगे।’#व्य 28:30
14प्रभु का महा दिवस समीप है।
वह अत्यन्त वेग से पास आ रहा है।
प्रभु के दिन का स्वर कितना कड़ुवा है।
वीर योद्धा भी डर से चिल्ला रहा है।#आमो 5:18; योए 2:1
15वह दिन प्रकोप का दिन है।
वह संकट और दु:ख का दिन है।
वह विध्वंस और विनाश का दिन है।
वह अंधकार और तिमिर का दिन है।
वह सघन मेघों और घोर अंधकार का दिन है।
16उस दिन किलाबंद नगरों के विरुद्ध,
ऊंचे-ऊंचे परकोटों के विरुद्ध
युद्ध के नरसिंगे फूंके जाएंगे।
युद्ध का कोलाहल सुनाई देगा।
17प्रभु लोगों पर संकट के बादल लाएगा,
वे अन्धों के समान टटोलकर चलेंगे।
उन्होंने प्रभु के प्रति पाप किया है।
उनका खून पानी के समान बहेगा,
उनकी लोथ कचरे के समान फेंकी जाएगी।
18प्रभु के प्रकोप-दिवस पर
न उनका सोना, और न चांदी
उन्हें प्रभु के प्रकोप से मुक्त कर सकेगी।
प्रभु की ईष्र्या-अग्नि से
सम्पूर्ण पृथ्वी भस्म हो जाएगी।
वह पृथ्वी के समस्त निवासियों को
अचानक पूर्णत: नष्ट कर देगा।#यहेज 7:19
Currently Selected:
सफन्याह 1: HINCLBSI
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
सफन्याह 1
1
सफन्याह का परिचय
1सफन्याह#1:1 अथवा ‘सपन्याह’ के पिता का नाम कूशी और दादा का नाम गदल्याह था। सफन्याह का परदादा अमर्याह था। सफन्याह के परदादा के पिता का नाम हिजकियाह था।
प्रभु का सन्देश सफन्याह को यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य-काल में मिला।
प्रभु का दिन
2प्रभु ने कहा, ‘मेरी यह वाणी है :
मैं पृथ्वी की सतह से सब कुछ मिटा डालूंगा।#2 पत 3:10
3मैं मनुष्य और पशु
दोनों को पूर्णत: नष्ट करूंगा।
मैं आकाश के पक्षियों का,
और समुद्र के जलचरों का अन्त करूंगा।
मैं दुर्जनों को घुटने टेकने पर विवश करूंगा#1:3 मूल में, ‘मैं दुर्जनों समेत रोड़ा हटाऊंगा’ ।
मैं समस्त मानव जाति को,
पृथ्वी की सतह से खत्म कर दूंगा।’
प्रभु की यही वाणी है।
4‘मैं यहूदा प्रदेश पर,
राजधानी यरूशलेम के निवासियों पर
विनाश के लिए हाथ उठाऊंगा।
बअल देवता के बचे हुए आराधकों को,
मूर्तिपूजक पुरोहितों के नाम को
इस स्थान से मिटा डालूंगा।
5ये अपने घर की छत पर चढ़कर
आकाश की शक्तियों की पूजा करते हैं,
और मिलकोम देवता के नाम पर शपथ खाते हैं।
ये मेरी भी वन्दना करते हैं;
और मुझ-प्रभु के नाम पर भी शपथ खाते हैं!#2 रा 21:3
6इन्होंने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है।
ये मुझ-प्रभु की खोज नहीं करते;
ये मुझसे विमुख हो गए हैं;
ये मेरी इच्छा जानने के लिए
मेरे पास नहीं आते।’
7स्वामी-प्रभु के सम्मुख शान्त रहो।
प्रभु का दिन समीप आ गया।
प्रभु ने बलि चढ़ाने की तैयारी पूर्ण की;
उसने अपने अतिथियों को शुद्ध किया। #हब 2:20; जक 2:13
8वह यह कहता है :
‘मुझ-प्रभु के बलि-दिवस पर
मैं सामन्तों और राजकुमारों को,
विदेशी वस्त्रों से स्वयं को सजानेवालों को
दण्ड दूंगा।
9उस दिन मैं
मन्दिर की ड्योढ़ी लांघनेवालों को;
अपने मालिक के मकान में
हिंसा और छल-कपट करनेवालों को
दण्ड दूंगा।’ प्रभु की यही वाणी है।
10प्रभु यह कहता है: ‘उस दिन
मत्स्य द्वार से चीत्कार सुनाई देगी।
नए मुहल्ले में रोदन का स्वर होगा,
ऊंचे टीलों पर हाहाकार सुनाई देगा।
11ओ खरल मुहल्ले के निवासियो, रोओ;
तुम्हारे सब व्यापारियों का अन्त हो गया।
एक भी शेष नहीं रहा।
चांदी के सिक्के तौलनेवाले समाप्त हो गए।
12उस दिन मैं हाथ में दीपक लेकर
यरूशलेम नगर में खोज-बीन करूंगा।
जिन लोगों पर गुनाहों की परत चढ़ गई है,
जो अपने हृदय में यह कहते हैं:
“प्रभु न भला करेगा, और न बुरा,”
उनको मैं दण्ड दूंगा।#भज 10:4,13
13शत्रु उनकी सम्पत्ति लूटेंगे;
उनके आबाद घर उजड़ जाएंगे।
यद्यपि वे मकान बनाएंगे,
तथापि वे उनमें रह नहीं पाएंगे।
यद्यपि वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे
तथापि वे उसका अंगूर-रस पी नहीं
सकेंगे।’#व्य 28:30
14प्रभु का महा दिवस समीप है।
वह अत्यन्त वेग से पास आ रहा है।
प्रभु के दिन का स्वर कितना कड़ुवा है।
वीर योद्धा भी डर से चिल्ला रहा है।#आमो 5:18; योए 2:1
15वह दिन प्रकोप का दिन है।
वह संकट और दु:ख का दिन है।
वह विध्वंस और विनाश का दिन है।
वह अंधकार और तिमिर का दिन है।
वह सघन मेघों और घोर अंधकार का दिन है।
16उस दिन किलाबंद नगरों के विरुद्ध,
ऊंचे-ऊंचे परकोटों के विरुद्ध
युद्ध के नरसिंगे फूंके जाएंगे।
युद्ध का कोलाहल सुनाई देगा।
17प्रभु लोगों पर संकट के बादल लाएगा,
वे अन्धों के समान टटोलकर चलेंगे।
उन्होंने प्रभु के प्रति पाप किया है।
उनका खून पानी के समान बहेगा,
उनकी लोथ कचरे के समान फेंकी जाएगी।
18प्रभु के प्रकोप-दिवस पर
न उनका सोना, और न चांदी
उन्हें प्रभु के प्रकोप से मुक्त कर सकेगी।
प्रभु की ईष्र्या-अग्नि से
सम्पूर्ण पृथ्वी भस्म हो जाएगी।
वह पृथ्वी के समस्त निवासियों को
अचानक पूर्णत: नष्ट कर देगा।#यहेज 7:19
Currently Selected:
:
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.