1 थिस्सलुनीकियों 1
1
अभिवादन
1पौलुस और सिलवानुस और तीमुथियुस की ओर से थिस्सलुनीकियों#प्रेरि 17:1 की कलीसिया के नाम, जो परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह में है :
अनुग्रह और शान्ति तुम्हें मिलती रहे।
थिस्सलुनीकियों का विश्वास
2हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं, 3और अपने परमेश्वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता को लगातार स्मरण करते हैं। 4हे भाइयो, परमेश्वर के प्रिय लोगो, हम जानते हैं कि तुम चुने हुए हो। 5क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल शब्द मात्र ही में वरन् सामर्थ्य और पवित्र आत्मा में, और बड़े निश्चय के साथ पहुँचा है; जैसा तुम जानते हो कि हम तुम्हारे लिये तुम्हारे बीच में कैसे बन गए थे। 6तुम बड़े क्लेश में, पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ, वचन को मानकर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे।#प्रेरि 17:5–9 7यहाँ तक कि मकिदुनिया और अखया के सब विश्वासियों के लिये तुम आदर्श बने। 8क्योंकि तुम्हारे यहाँ से न केवल मकिदुनिया और अखया में प्रभु का वचन सुनाया गया, पर तुम्हारे विश्वास की जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फैल गई है कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं। 9क्योंकि वे आप ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ; और तुम कैसे मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरे ताकि जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो, 10और उसके पुत्र के स्वर्ग पर से आने की बाट जोहते रहो जिसे उसने मरे हुओं में से जिलाया, अर्थात् यीशु की, जो हमें आनेवाले प्रकोप से बचाता है।
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1 थिस्सलुनीकियों 1: HINOVBSI
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
1 थिस्सलुनीकियों 1
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अभिवादन
1पौलुस और सिलवानुस और तीमुथियुस की ओर से थिस्सलुनीकियों#प्रेरि 17:1 की कलीसिया के नाम, जो परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह में है :
अनुग्रह और शान्ति तुम्हें मिलती रहे।
थिस्सलुनीकियों का विश्वास
2हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं, 3और अपने परमेश्वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता को लगातार स्मरण करते हैं। 4हे भाइयो, परमेश्वर के प्रिय लोगो, हम जानते हैं कि तुम चुने हुए हो। 5क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल शब्द मात्र ही में वरन् सामर्थ्य और पवित्र आत्मा में, और बड़े निश्चय के साथ पहुँचा है; जैसा तुम जानते हो कि हम तुम्हारे लिये तुम्हारे बीच में कैसे बन गए थे। 6तुम बड़े क्लेश में, पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ, वचन को मानकर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे।#प्रेरि 17:5–9 7यहाँ तक कि मकिदुनिया और अखया के सब विश्वासियों के लिये तुम आदर्श बने। 8क्योंकि तुम्हारे यहाँ से न केवल मकिदुनिया और अखया में प्रभु का वचन सुनाया गया, पर तुम्हारे विश्वास की जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फैल गई है कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं। 9क्योंकि वे आप ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ; और तुम कैसे मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरे ताकि जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो, 10और उसके पुत्र के स्वर्ग पर से आने की बाट जोहते रहो जिसे उसने मरे हुओं में से जिलाया, अर्थात् यीशु की, जो हमें आनेवाले प्रकोप से बचाता है।
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