2 कुरिन्थियों भूमिका
भूमिका
कुरिन्थियों के नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी पत्री पौलुस और कुरिन्थुस की कलीसिया के बीच कटु सम्बन्धों के दौरान लिखी गई थी। कलीसिया के कुछ सदस्यों ने पौलुस के विरुद्ध स्पष्ट रूप से गम्भीर आरोप लगाए थे, परन्तु वह मेलमिलाप की अपनी गहरी लालसा को दर्शाता है, और जब ऐसा हो जाता है तो वह अपने अत्यधिक आनन्द को भी प्रगट करता है।
इस पत्री के पहले भाग में पौलुस कुरिन्थुस की कलीसिया के साथ अपने सम्बन्धों पर विचार करता है, और उन्हें समझाता है कि उसने क्यों कलीसिया में अपमान और विरोध करने जैसा कठोर व्यवहार किया, और फिर अपने आनन्द को प्रगट करता है कि उसकी कठोरता का परिणाम पश्चाताप और मेलमिलाप हुआ। तब वह कलीसिया से, यहूदिया के गरीब मसीहियों के लिये उदारतापूर्वक दान देने का आग्रह करता है। अन्त के अध्यायों में पौलुस कुरिन्थुस के कुछ लोगों के विरुद्ध अपनी प्रेरिताई का समर्थन करता है जिन्होंने स्वयं अपने आप को सच्चा प्रेरित होने का दर्जा दे दिया था, जबकि वे पौलुस पर झूठा प्रेरित होने का आरोप लगाया करते थे।
रूप–रेखा :
भूमिका 1:1–11
पौलुस और कुरिन्थुस की कलीसिया 1:12—7:16
यहूदिया के मसीहियों के लिये दान 8:1—9:15
पौलुस द्वारा प्रेरित के रूप में अपने अधिकार का समर्थन 10:1—13:10
उपसंहार 13:11–14
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2 कुरिन्थियों भूमिका: HINOVBSI
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
2 कुरिन्थियों भूमिका
भूमिका
कुरिन्थियों के नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी पत्री पौलुस और कुरिन्थुस की कलीसिया के बीच कटु सम्बन्धों के दौरान लिखी गई थी। कलीसिया के कुछ सदस्यों ने पौलुस के विरुद्ध स्पष्ट रूप से गम्भीर आरोप लगाए थे, परन्तु वह मेलमिलाप की अपनी गहरी लालसा को दर्शाता है, और जब ऐसा हो जाता है तो वह अपने अत्यधिक आनन्द को भी प्रगट करता है।
इस पत्री के पहले भाग में पौलुस कुरिन्थुस की कलीसिया के साथ अपने सम्बन्धों पर विचार करता है, और उन्हें समझाता है कि उसने क्यों कलीसिया में अपमान और विरोध करने जैसा कठोर व्यवहार किया, और फिर अपने आनन्द को प्रगट करता है कि उसकी कठोरता का परिणाम पश्चाताप और मेलमिलाप हुआ। तब वह कलीसिया से, यहूदिया के गरीब मसीहियों के लिये उदारतापूर्वक दान देने का आग्रह करता है। अन्त के अध्यायों में पौलुस कुरिन्थुस के कुछ लोगों के विरुद्ध अपनी प्रेरिताई का समर्थन करता है जिन्होंने स्वयं अपने आप को सच्चा प्रेरित होने का दर्जा दे दिया था, जबकि वे पौलुस पर झूठा प्रेरित होने का आरोप लगाया करते थे।
रूप–रेखा :
भूमिका 1:1–11
पौलुस और कुरिन्थुस की कलीसिया 1:12—7:16
यहूदिया के मसीहियों के लिये दान 8:1—9:15
पौलुस द्वारा प्रेरित के रूप में अपने अधिकार का समर्थन 10:1—13:10
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