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भजन संहिता 17:15

भजन संहिता 17:15 HINOVBSI

परन्तु मैं तो धर्मी होकर तेरे मुख का दर्शन करूँगा जब मैं जागूँगा तब तेरे स्वरूप से सन्तुष्‍ट हूँगा।