भजन संहिता 4
4
सहायता के लिये संध्या कालीन प्रार्थना
प्रधान बजानेवाले के लिये : तारवाले बाजों के साथ।
दाऊद का भजन
1हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूँ तब
तू मुझे उत्तर दे;
जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे
सहारा दिया।
मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।
2हे मनुष्य के पुत्रो, कब तक मेरी महिमा का
अनादर होता रहेगा?
तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और
झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला)
3यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने
लिये अलग कर रखा है;
जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह
सुन लेगा।
4काँपते रहो और#4:4 अथवा, क्रोध तो करो, पर पाप मत करो;
अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो
और चुपचाप रहो।#इफि 4:26 (सेला)
5धर्म के बलिदान चढ़ाओ,
और यहोवा पर भरोसा रखो।
6बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हम को
कुछ भलाई दिखाएगा?”
हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम
पर चमका!
7तू ने मेरे मन में उस से कहीं अधिक आनन्द
भर दिया है, जो उनको अन्न और दाखमधु
की बढ़ती से होता था।
8मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा;
क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को
एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है।
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भजन संहिता 4: HINOVBSI
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
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प्रधान बजानेवाले के लिये : तारवाले बाजों के साथ।
दाऊद का भजन
1हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूँ तब
तू मुझे उत्तर दे;
जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे
सहारा दिया।
मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।
2हे मनुष्य के पुत्रो, कब तक मेरी महिमा का
अनादर होता रहेगा?
तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और
झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला)
3यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने
लिये अलग कर रखा है;
जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह
सुन लेगा।
4काँपते रहो और#4:4 अथवा, क्रोध तो करो, पर पाप मत करो;
अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो
और चुपचाप रहो।#इफि 4:26 (सेला)
5धर्म के बलिदान चढ़ाओ,
और यहोवा पर भरोसा रखो।
6बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हम को
कुछ भलाई दिखाएगा?”
हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम
पर चमका!
7तू ने मेरे मन में उस से कहीं अधिक आनन्द
भर दिया है, जो उनको अन्न और दाखमधु
की बढ़ती से होता था।
8मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा;
क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को
एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है।
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