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भजन संहिता 112:8

भजन संहिता 112:8 IRVHIN

उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिए वह न डरेगा, वरन् अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके सन्तुष्ट होगा।