अय्यूब 25
25
बिल्दद का अय्यूब को उत्तर
1फिर शूह प्रदेश के निवासी बिल्दद ने उत्तर देते हुये कहा:
2“परमेश्वर शासक है और हर व्यक्ति को चाहिये की
परमेश्वर से डरे और उसका मान करे।
परमेश्वर अपने स्वर्ग के राज्य में शांति रखता है।
3कोई उसकी सेनाओं को गिन नहीं सकता है,
परमेश्वर का प्रकाश सब पर चमकता है।
4किन्तु सचमुच परमेश्वर के आगे कोई व्यक्ति उचित नहीं ठहर सकता है।
कोई व्यक्ति जो स्त्री से उत्पन्न हुआ सचमुच निर्दोष नहीं हो सकता है।
5परमेश्वर की आँखों के सामने चाँद तक चमकीला नहीं है।
परमेश्वर की आँखों के सामने तारे निर्मल नहीं हैं।
6मनुष्य तो बहुत कम भले है।
मनुष्य तो बस गिंडार है एक ऐसा कीड़ा जो बेकार का होता है।”
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अय्यूब 25: HERV
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1फिर शूह प्रदेश के निवासी बिल्दद ने उत्तर देते हुये कहा:
2“परमेश्वर शासक है और हर व्यक्ति को चाहिये की
परमेश्वर से डरे और उसका मान करे।
परमेश्वर अपने स्वर्ग के राज्य में शांति रखता है।
3कोई उसकी सेनाओं को गिन नहीं सकता है,
परमेश्वर का प्रकाश सब पर चमकता है।
4किन्तु सचमुच परमेश्वर के आगे कोई व्यक्ति उचित नहीं ठहर सकता है।
कोई व्यक्ति जो स्त्री से उत्पन्न हुआ सचमुच निर्दोष नहीं हो सकता है।
5परमेश्वर की आँखों के सामने चाँद तक चमकीला नहीं है।
परमेश्वर की आँखों के सामने तारे निर्मल नहीं हैं।
6मनुष्य तो बहुत कम भले है।
मनुष्य तो बस गिंडार है एक ऐसा कीड़ा जो बेकार का होता है।”
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