लूका 12
12
पाखण्डै रै खिलाफ़ च़िताऊणी
1तैबै तौखै लोकै री ऐतरी भीड़ कठा हुई, कि लोका एकी होरी पैंधै पौड़दै लागै। यीशुऐ पैहलै आपणै च़ेले धिरै हेरू होर बोलू, “फरीसी लोकै रै कपटरूपी मलेड़े न साबधान रौहा 2किछ़ भी गैला छुपीदी ती, एक रोज़ सैभी लोका ते गैला ज़ाणनी, होर ज़ो किछ़ छुपीदी सा एक रोज़ सैभ लोका ते पूरै प्याशै न हेरणा। 3ज़ो गैला तुसै निहारै न केरी सी ते प्याशै न दैसिणी, होर ज़ो गैला तुसै बन्द दुआरा पिछ़ै केरी सी, ते उथड़ी ज़ैगा पैंधै खड़ै होईया दैसिणी, ताकि सारै लोका शुणलै।
कुणी न डौरना
4 “प्यारै सैंघियो, तिन्हां न मता डौरदै ज़ो देही बै ज़ख्म देआ सी। ते सिर्फ़ तुसरी देही बै नाश केरी सका सी होर तेथा न बाद किछ़ नी केरी सकदै। 5पर हांऊँ तुसाबै बोला सा परमेश्वरा न डौरा, ज़ौस हागै लोका बै मारनै होर तिन्हां बै नरका न पाणै री शक्ति सा। 6कि दुई ढैबुऐ न पौंज़ च़िड़ू नी बिकदै? तैबै भी परमेश्वर तिन्हां न एकी बै बी नी बिसरदा। 7तुसरै च़ोह्ढ़ै रै बाल़ भी गिणुऐदै सी। तुसै मता डौरदै, किबैकि तुसै परमेश्वरै री तैंईंयैं तिन्हां च़िड़ू न ज़ादा कीमती सी।
यीशु बै स्वीकार या अस्वीकार केरना
8 “हांऊँ तुसाबै सच़ बोला सा ज़ुण बोहू मांहणु सामनै मुँभै मैना सा हांऊँ तुसाबै बोला सा परमेश्वरै रै स्वर्गदूता सामनै मुँबी ते मनणै। 9पर ज़ो मांहणु रै सामनै ऐसा धौरती पैंधै मेरा नाँह केरा सी परमेश्वरै रै स्वर्गदूता सामनै मुँबी तिन्हरा नाँह केरना।
10 “अगर कोई मांहणु रै बेटै रै खिलाफ़ बोला सा ता तेइरै अपराध माफ केरिनै पर ज़ुणा पवित्र आत्मै री निन्दा केरलै, ता तिन्हरै अपराध कैधी बी माफ नी केरिनै।
11 “ज़ैबै तुसाबै लोक आराधनालय न शासक होर अधिकारी सामनै तुसा पैंधै मुकदमा च़लाणै री तैंईंयैं आंणलै ता चिन्ता हेरित् केरदै कि आसा आपणै बच़णै री तैंईंयैं कि ज़वाब देणा। 12किबैकि ज़ैबै तुसै तौखै खड़ै होलै ता, तेई बौक्त पवित्र आत्मा तुसाबै दैसणा कि तुसा कि ज़वाब देणा।”
मुर्ख सेठा रा उदाहरण
13भीड़ै रै बिच़ा न एकी मांहणुऐ यीशु बै बोलू, “ओ गुरू जी, मेरै भाई बै बापू री ज़ायज़ाद मूँ सैंघै बोंडणै री तैंईंयैं बोला।” 14यीशुऐ बोलू, “ओ मांहणु, कुणिऐ तुसरा न्यायी होर ज़ायज़ाद बौंडणु आल़ा चुनू सा?” 15यीशुऐ भी लोका बै बोलू, “होशियार रौहा तेसा चीज़ा रा लालच मता केरदै ज़ो तुसा हागै नी ऑथि। हर किस्मै रै लोभ लालचा न आपु बै बच़ाइया डाहत्; किबैकि कौसी री ज़िन्दगी तेई हागै बोहू ज़ायज़ाद होंणै सैंघै नी बँणदी।”
16यीशुऐ तिन्हां बै एक उदाहरण दसू, “एकी सेठ मांहणु री ज़मीना न बड़ी भारी फसल हुई। 17तैबै सौ सेठ मांहणु विच़ार केरदा लागा कि ऐबै मूँ कि केरना किबैकि मूँ हागै ऐतरी ज़ैगा नी ऑथि कि हांऊँ आपणी फसला बै रखनू। 18तेई सेठ मांहणुऐ आपणै मना न बोलू, मूँ ऐण्ढा केरना, मूँ आपणी सारी कोठड़ी चोड़नी होर ऐथा न बड़ी कोठड़ी बनाणी; होर मूँ आपणा सारा नाज़ होर ढबुयै तेथा न रखणै; 19तैबै मूँ आपणै आपा बै बोलणा, ऐबै मूँ हागै बोहू किछ़ सा ज़ो बोहू बौर्षा ढौई होंणा; ऐबै मूँ चैना सैंघै खाँणा, पीणा, होर मोऊज़-मस्ती केरनी।”
20 “पर परमेश्वरै तेई सेठा बै बोलू, ‘ऐई मूर्खा! औज़ राती तौ मौरना, तैबै ज़ो किछ़ तैं कठा केरू सा, सौ कौसरा होंणा?’
21 “सौ मांहणु बी ऐण्ढा सा ज़ो आपणी तैंईंयैं धन-दौलत कठा केरा सा पर परमेश्वरै री नज़री न सौ सेठ नी ऑथि।”
परमेश्वरा पैंधै बशाह रखा
22तेथा न बाद यीशुऐ आपणै च़ेले धिराबै फिरिया बोलू “हांऊँ तुसाबै बोला सा आपणै प्राणै री तैंईंयैं फिक्र मता केरदै, कि आसा कि खाँणा, न आपणी देही री तैंईंयैं कि आसा कि लाणा।” 23किबैकि प्राण रोटी न होर देह झिकड़ै न ज़ादा कीमती सा। 24काऊड़ै पैंधै ध्यान देआत् ते न बाँहदै न काटदै होर न तिन्हां हागै कोई भण्डार घौर होंदा किबैकि परमेश्वर तिन्हां बै धाचा सा। तुसै ता परमेश्वरै री तैंईंयैं इन्हां च़ीड़ू-च़कारू न ज़ादा कीमती सी। 25कि तुसै फिक्र केरिया आपणी उम्रा रा एक पल भी बढ़ाई सका सी? 26ज़ैबै तुसै फिक्र केरिया सैभी न होछ़ा ज़ेही कोम नी केरी सकदै ता होरी गैलै री तैंईंयैं किबै फिक्रिया सी? 27बौणा रै फूला पैंधै ध्यान केरा ते कैण्ढै बढ़ा सी। ते न मेहनत केरदै न आपणी तैंईंयैं झिकड़ै बुणदै। पर हांऊँ तुसाबै बोला सा सुलैमान राज़ै भी आपणै सारै राज़पाठा न तिन्हां न बढ़िया झिकड़ै नी लायै। 28अगर परमेश्वर मैदानै रै गाह बै सज़ाई सका सा ज़ो औज़ ता सा पर काल तेसा औगी न फुकिणा, ओ थोड़ै बशाह केरनु आल़ै लोको तेई परमेश्वरा तुसाबै लाणै रै झिकड़ै किबै नी देणै। 29शक मता केरदै होर ऐसा गैलै री फिक्र मता केरदै कि आसा कि खाँणा होर कि पीणा। 30ज़ुणा परमेश्वरा बै नी ज़ाणदै ते लोका इन्हां चीज़ै रै बारै न सोच़दै रौहा सी पर तुसरा परमेश्वर बापू ज़ाणा सा कि तुसाबै इन्हां च़ीज़ै री ज़रूरत सा। 31पर तेई रै राज्य री खोजा न रौहा, ता ऐ सारी चीज़ा भी तुसाबै मिलणी।
स्वर्गा री तैंईंयैं धन
32 “हे होछ़ै छ़ुण्डा, मत डौरदा; किबैकि परमेश्वर बापू ज़ो स्वर्गा न सा सौ तौभै राज्य देणा चाहा सा।” 33आपणी ज़ायज़ाद बैच़िया गरीबा बै दान केरात् होर आपणी तैंईंयैं ऐण्ढै बटुऐ बणात् ज़ो कैधी भी पराणैं नी होंदै। स्वर्गा न धन कठा केरा ता तुसरा धन तौखै बैच़ी रौंहणा। तेइबै न ता कोई च़ोर-च़ोरी सकदा होर न ता तेथा बै कीड़ा बगाड़ी सकदा। 34किबैकि ज़ौखै तुसरा धन होला, तौखै तुसरा मन भी लागी रौहणा।
बिऊदै रौहा
35 “परमेश्वरै रै कोमै री तैंईंयैं हमेशा दिऊऐ भकेईया त्यार रौहात्। 36तुसै तिन्हां नोकरा सांही बणा ज़ो ब्याह न ऐणु आल़ै मालका रा इंतज़ार केरदै लागैदै होआ सी, ताकि ज़ैबै सौ एज़िया दरवाज़ा खटखटाला ता ते उठिया दरवाज़ा खोललै। 37ज़ुणी नोकरा बै मालक बिऊदा हेरा सा सौ धन्य सा। हांऊँ तुसाबै सच़ बोला सा तेई मालका त्यार होईया आपु नोकरै रै झिकड़ै लाणै होर ते नोकर रोटी खाँणै री तैंईंयैं बशाँणै। 38सौ मालक औधा राती या दोथी हौंणै न पैहलै कैबै बी एला ता तेई तिन्हां नोकरा न खुश होंणा ज़ो बिऊदै होर त्यार रौहा सी। 39पर तुसै ऐसा गैला पैंधै ध्यान दैआत् अगर घौरा रा मालक ज़ाणदा कि च़ोर कुणी बौक्ता ऐणा ता सौ ज़ागदा रौहंदा होर आपणै घौरा न च़ोरी नी ती होंणै देंणी। 40तुसै मेरै वापस ऐणै री तैंईंयैं त्यार हुऐ लोड़ी; किबैकि हांऊँ मांहणु रा बेटा स्वर्गा न तेई बौक्ता ऐणै ज़ैबै तुसै मेरै ऐणै री आश बी नी रखदै।”
यीशु रै ऐणै रै चिन्ह
41तैबै पतरसै बोलू, “प्रभु जी, ऐ उदाहरण सिर्फ़ आसरी तैंईंयैं सा कि सैभी री तैंईंयैं सा?”
42प्रभुऐ बोलू, “सौ विश्वासयोग्य होर बुद्धिमान भण्डारी कुण सा, ज़ुणिरा मालक तेइबै नोकर चाकरा पैंधै अधिकारी ठहराला कि तिन्हां बै बौक्ता पैंधै खाँणै री चीज़ा दै। 43धन्य सा सौ नोकर ज़ुणिबै तेइरा मालक ऐण्ढा केरदा हेरा सा। 44हांऊँ तुसाबै भरोसा दिला सा कि मालका आपणै तिन्हां नोकरा बै आपणी सारी दौलता री निगरानी रा अधिकार देणा। 45अगर सौ नोकर सोच़ला कि मेरै मालका बोहू रोज़ा बाद वापस ऐणा, होर दुज़ै नोकरा बै कष्ट देआ सा, खाँणै होर शराब पीणैं न मस्त रौहा सा, 46ता तेई नोकरा रा मालक ऐण्ढै बोक्तै एला ज़ुणी बौगता बै सौ नोकर ज़ाणदा भी नी। तैबै तेई मालका सज़ा देईया तिन्हां लोका सैंघै ज़ुणियै बफदारी सैंघै तिन्हरी सेवा नी केरी ते एकी ज़ैगा रैखणै।
47 “किबैकि तेइयै आपणी ज़िम्मैबारी शोभली ढैंघै नी निभाई होर तेइबै कड़ी सज़ा देणी। 48पर तै नोकर ज़ुणा नी ज़ाँणदै कि ते गलत केरदै लागै सी तिन्हां बै थोड़ी सज़ा होंणी। किबैकि ज़ुणिबै बोहू धिना सा तिन्हां न बोहू मुँगिणा होर ज़ुणिबै बोहू ज़िम्मैबारी धिनी सा तिन्हां बै बोहू लेणा पौऊ।
यीशु रै ऐणै रा चिन्ह
49 “हांऊँ धौरती पैंधै औगी लाँदा आऊ सा होर च़ाहा सा कि ऐ ऐबरै लागी लोड़ी। 50मुँभै ता हाज़ी बोहू दुःख सौहणा पौड़ना। हांऊँ बड़ा परेशान सा, ज़ाँ ढौई मेरा दुःख खत्म नी होला तैबै तक मूँ परेशान रौहणा। 51तुसै कि समझ़ा सी हांऊँ धौरती पैंधै मेल करांदा आऊ सा? नैंई, हांऊँ तुसाबै बोला सा हांऊँ अलग करांदा आऊ सा। 52किबैकि ऐबै न बाद अगर एकी घौरा न पौंज़ लोका सी तिन्हां बोंडिणा होर त्राई लोका ज़ो मूँ पैंधै बशाह नी केरदै तिन्हां मूँ पैंधै बशाह रखणू आल़ै दुई लोका रा बरोध केरना। होर अगर दुई लोका ज़ो मूँ पैंधै बशाह नी केरदै तिन्हां त्राई लोका रा बरोध केरना ज़ो मूँ पैंधै बशाह केरा सी। 53बापू बेटै न होर बेटै बापू सैंघै बरोध रखणा, आमा बेटी आपु न बरोध रखणा, शौशू नूशा आपु न एकी होरी सैंघै बरोध रखणा।”
बौक्ता रै लछण
54यीशुऐ लोका बै बोलू, ज़ैबै तुसै पश्चिमा धिरै न बादला बै ऐन्दै हेरा सी ता तुसै फट केरदै बोला सी गाश ऐणा होर तैण्ढाऐ होआ सा। 55होर ज़ैबै दक्षिणा धिरै न बागर च़ला सा तैबै तुसै बोला सी कि गर्मी होणू आई सा होर तैण्ढाऐ होआ सा। 56हे कपटियो, तुसै धौरती होर सर्गा रै रूपा न भेद केरी सका सी, पर ऐई जुगा न परमेश्वर ज़ो केरदा लागा सा तेथै रै बारै न भेद केरना किबै नी ज़ाणदै?
आपणै पड़ेशी सैंघै समझौता
57 “तुसै आपुऐ किबै नी फैसला केरदै कि सही कि सा? 58आपणै पड़ेशी सैंघै बौता न ज़ाँदी घेरै समौझता केरा। कोइँछ़ै ऐण्ढा नी लोड़ी हुआ कि न्याय केरनु आल़ा तौभै खिंच़िया नेला होर तौभै सपाई हागै देला होर सपाई तौभै कैदखानै न पालै। 59हांऊँ तौभै बोला सा, ज़ाँ ढौई तू पाई-पाई नी चुकाला ताँ ढौई तौ तौखै न नी छ़ुटणा।”
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लूका 12
12
पाखण्डै रै खिलाफ़ च़िताऊणी
1तैबै तौखै लोकै री ऐतरी भीड़ कठा हुई, कि लोका एकी होरी पैंधै पौड़दै लागै। यीशुऐ पैहलै आपणै च़ेले धिरै हेरू होर बोलू, “फरीसी लोकै रै कपटरूपी मलेड़े न साबधान रौहा 2किछ़ भी गैला छुपीदी ती, एक रोज़ सैभी लोका ते गैला ज़ाणनी, होर ज़ो किछ़ छुपीदी सा एक रोज़ सैभ लोका ते पूरै प्याशै न हेरणा। 3ज़ो गैला तुसै निहारै न केरी सी ते प्याशै न दैसिणी, होर ज़ो गैला तुसै बन्द दुआरा पिछ़ै केरी सी, ते उथड़ी ज़ैगा पैंधै खड़ै होईया दैसिणी, ताकि सारै लोका शुणलै।
कुणी न डौरना
4 “प्यारै सैंघियो, तिन्हां न मता डौरदै ज़ो देही बै ज़ख्म देआ सी। ते सिर्फ़ तुसरी देही बै नाश केरी सका सी होर तेथा न बाद किछ़ नी केरी सकदै। 5पर हांऊँ तुसाबै बोला सा परमेश्वरा न डौरा, ज़ौस हागै लोका बै मारनै होर तिन्हां बै नरका न पाणै री शक्ति सा। 6कि दुई ढैबुऐ न पौंज़ च़िड़ू नी बिकदै? तैबै भी परमेश्वर तिन्हां न एकी बै बी नी बिसरदा। 7तुसरै च़ोह्ढ़ै रै बाल़ भी गिणुऐदै सी। तुसै मता डौरदै, किबैकि तुसै परमेश्वरै री तैंईंयैं तिन्हां च़िड़ू न ज़ादा कीमती सी।
यीशु बै स्वीकार या अस्वीकार केरना
8 “हांऊँ तुसाबै सच़ बोला सा ज़ुण बोहू मांहणु सामनै मुँभै मैना सा हांऊँ तुसाबै बोला सा परमेश्वरै रै स्वर्गदूता सामनै मुँबी ते मनणै। 9पर ज़ो मांहणु रै सामनै ऐसा धौरती पैंधै मेरा नाँह केरा सी परमेश्वरै रै स्वर्गदूता सामनै मुँबी तिन्हरा नाँह केरना।
10 “अगर कोई मांहणु रै बेटै रै खिलाफ़ बोला सा ता तेइरै अपराध माफ केरिनै पर ज़ुणा पवित्र आत्मै री निन्दा केरलै, ता तिन्हरै अपराध कैधी बी माफ नी केरिनै।
11 “ज़ैबै तुसाबै लोक आराधनालय न शासक होर अधिकारी सामनै तुसा पैंधै मुकदमा च़लाणै री तैंईंयैं आंणलै ता चिन्ता हेरित् केरदै कि आसा आपणै बच़णै री तैंईंयैं कि ज़वाब देणा। 12किबैकि ज़ैबै तुसै तौखै खड़ै होलै ता, तेई बौक्त पवित्र आत्मा तुसाबै दैसणा कि तुसा कि ज़वाब देणा।”
मुर्ख सेठा रा उदाहरण
13भीड़ै रै बिच़ा न एकी मांहणुऐ यीशु बै बोलू, “ओ गुरू जी, मेरै भाई बै बापू री ज़ायज़ाद मूँ सैंघै बोंडणै री तैंईंयैं बोला।” 14यीशुऐ बोलू, “ओ मांहणु, कुणिऐ तुसरा न्यायी होर ज़ायज़ाद बौंडणु आल़ा चुनू सा?” 15यीशुऐ भी लोका बै बोलू, “होशियार रौहा तेसा चीज़ा रा लालच मता केरदै ज़ो तुसा हागै नी ऑथि। हर किस्मै रै लोभ लालचा न आपु बै बच़ाइया डाहत्; किबैकि कौसी री ज़िन्दगी तेई हागै बोहू ज़ायज़ाद होंणै सैंघै नी बँणदी।”
16यीशुऐ तिन्हां बै एक उदाहरण दसू, “एकी सेठ मांहणु री ज़मीना न बड़ी भारी फसल हुई। 17तैबै सौ सेठ मांहणु विच़ार केरदा लागा कि ऐबै मूँ कि केरना किबैकि मूँ हागै ऐतरी ज़ैगा नी ऑथि कि हांऊँ आपणी फसला बै रखनू। 18तेई सेठ मांहणुऐ आपणै मना न बोलू, मूँ ऐण्ढा केरना, मूँ आपणी सारी कोठड़ी चोड़नी होर ऐथा न बड़ी कोठड़ी बनाणी; होर मूँ आपणा सारा नाज़ होर ढबुयै तेथा न रखणै; 19तैबै मूँ आपणै आपा बै बोलणा, ऐबै मूँ हागै बोहू किछ़ सा ज़ो बोहू बौर्षा ढौई होंणा; ऐबै मूँ चैना सैंघै खाँणा, पीणा, होर मोऊज़-मस्ती केरनी।”
20 “पर परमेश्वरै तेई सेठा बै बोलू, ‘ऐई मूर्खा! औज़ राती तौ मौरना, तैबै ज़ो किछ़ तैं कठा केरू सा, सौ कौसरा होंणा?’
21 “सौ मांहणु बी ऐण्ढा सा ज़ो आपणी तैंईंयैं धन-दौलत कठा केरा सा पर परमेश्वरै री नज़री न सौ सेठ नी ऑथि।”
परमेश्वरा पैंधै बशाह रखा
22तेथा न बाद यीशुऐ आपणै च़ेले धिराबै फिरिया बोलू “हांऊँ तुसाबै बोला सा आपणै प्राणै री तैंईंयैं फिक्र मता केरदै, कि आसा कि खाँणा, न आपणी देही री तैंईंयैं कि आसा कि लाणा।” 23किबैकि प्राण रोटी न होर देह झिकड़ै न ज़ादा कीमती सा। 24काऊड़ै पैंधै ध्यान देआत् ते न बाँहदै न काटदै होर न तिन्हां हागै कोई भण्डार घौर होंदा किबैकि परमेश्वर तिन्हां बै धाचा सा। तुसै ता परमेश्वरै री तैंईंयैं इन्हां च़ीड़ू-च़कारू न ज़ादा कीमती सी। 25कि तुसै फिक्र केरिया आपणी उम्रा रा एक पल भी बढ़ाई सका सी? 26ज़ैबै तुसै फिक्र केरिया सैभी न होछ़ा ज़ेही कोम नी केरी सकदै ता होरी गैलै री तैंईंयैं किबै फिक्रिया सी? 27बौणा रै फूला पैंधै ध्यान केरा ते कैण्ढै बढ़ा सी। ते न मेहनत केरदै न आपणी तैंईंयैं झिकड़ै बुणदै। पर हांऊँ तुसाबै बोला सा सुलैमान राज़ै भी आपणै सारै राज़पाठा न तिन्हां न बढ़िया झिकड़ै नी लायै। 28अगर परमेश्वर मैदानै रै गाह बै सज़ाई सका सा ज़ो औज़ ता सा पर काल तेसा औगी न फुकिणा, ओ थोड़ै बशाह केरनु आल़ै लोको तेई परमेश्वरा तुसाबै लाणै रै झिकड़ै किबै नी देणै। 29शक मता केरदै होर ऐसा गैलै री फिक्र मता केरदै कि आसा कि खाँणा होर कि पीणा। 30ज़ुणा परमेश्वरा बै नी ज़ाणदै ते लोका इन्हां चीज़ै रै बारै न सोच़दै रौहा सी पर तुसरा परमेश्वर बापू ज़ाणा सा कि तुसाबै इन्हां च़ीज़ै री ज़रूरत सा। 31पर तेई रै राज्य री खोजा न रौहा, ता ऐ सारी चीज़ा भी तुसाबै मिलणी।
स्वर्गा री तैंईंयैं धन
32 “हे होछ़ै छ़ुण्डा, मत डौरदा; किबैकि परमेश्वर बापू ज़ो स्वर्गा न सा सौ तौभै राज्य देणा चाहा सा।” 33आपणी ज़ायज़ाद बैच़िया गरीबा बै दान केरात् होर आपणी तैंईंयैं ऐण्ढै बटुऐ बणात् ज़ो कैधी भी पराणैं नी होंदै। स्वर्गा न धन कठा केरा ता तुसरा धन तौखै बैच़ी रौंहणा। तेइबै न ता कोई च़ोर-च़ोरी सकदा होर न ता तेथा बै कीड़ा बगाड़ी सकदा। 34किबैकि ज़ौखै तुसरा धन होला, तौखै तुसरा मन भी लागी रौहणा।
बिऊदै रौहा
35 “परमेश्वरै रै कोमै री तैंईंयैं हमेशा दिऊऐ भकेईया त्यार रौहात्। 36तुसै तिन्हां नोकरा सांही बणा ज़ो ब्याह न ऐणु आल़ै मालका रा इंतज़ार केरदै लागैदै होआ सी, ताकि ज़ैबै सौ एज़िया दरवाज़ा खटखटाला ता ते उठिया दरवाज़ा खोललै। 37ज़ुणी नोकरा बै मालक बिऊदा हेरा सा सौ धन्य सा। हांऊँ तुसाबै सच़ बोला सा तेई मालका त्यार होईया आपु नोकरै रै झिकड़ै लाणै होर ते नोकर रोटी खाँणै री तैंईंयैं बशाँणै। 38सौ मालक औधा राती या दोथी हौंणै न पैहलै कैबै बी एला ता तेई तिन्हां नोकरा न खुश होंणा ज़ो बिऊदै होर त्यार रौहा सी। 39पर तुसै ऐसा गैला पैंधै ध्यान दैआत् अगर घौरा रा मालक ज़ाणदा कि च़ोर कुणी बौक्ता ऐणा ता सौ ज़ागदा रौहंदा होर आपणै घौरा न च़ोरी नी ती होंणै देंणी। 40तुसै मेरै वापस ऐणै री तैंईंयैं त्यार हुऐ लोड़ी; किबैकि हांऊँ मांहणु रा बेटा स्वर्गा न तेई बौक्ता ऐणै ज़ैबै तुसै मेरै ऐणै री आश बी नी रखदै।”
यीशु रै ऐणै रै चिन्ह
41तैबै पतरसै बोलू, “प्रभु जी, ऐ उदाहरण सिर्फ़ आसरी तैंईंयैं सा कि सैभी री तैंईंयैं सा?”
42प्रभुऐ बोलू, “सौ विश्वासयोग्य होर बुद्धिमान भण्डारी कुण सा, ज़ुणिरा मालक तेइबै नोकर चाकरा पैंधै अधिकारी ठहराला कि तिन्हां बै बौक्ता पैंधै खाँणै री चीज़ा दै। 43धन्य सा सौ नोकर ज़ुणिबै तेइरा मालक ऐण्ढा केरदा हेरा सा। 44हांऊँ तुसाबै भरोसा दिला सा कि मालका आपणै तिन्हां नोकरा बै आपणी सारी दौलता री निगरानी रा अधिकार देणा। 45अगर सौ नोकर सोच़ला कि मेरै मालका बोहू रोज़ा बाद वापस ऐणा, होर दुज़ै नोकरा बै कष्ट देआ सा, खाँणै होर शराब पीणैं न मस्त रौहा सा, 46ता तेई नोकरा रा मालक ऐण्ढै बोक्तै एला ज़ुणी बौगता बै सौ नोकर ज़ाणदा भी नी। तैबै तेई मालका सज़ा देईया तिन्हां लोका सैंघै ज़ुणियै बफदारी सैंघै तिन्हरी सेवा नी केरी ते एकी ज़ैगा रैखणै।
47 “किबैकि तेइयै आपणी ज़िम्मैबारी शोभली ढैंघै नी निभाई होर तेइबै कड़ी सज़ा देणी। 48पर तै नोकर ज़ुणा नी ज़ाँणदै कि ते गलत केरदै लागै सी तिन्हां बै थोड़ी सज़ा होंणी। किबैकि ज़ुणिबै बोहू धिना सा तिन्हां न बोहू मुँगिणा होर ज़ुणिबै बोहू ज़िम्मैबारी धिनी सा तिन्हां बै बोहू लेणा पौऊ।
यीशु रै ऐणै रा चिन्ह
49 “हांऊँ धौरती पैंधै औगी लाँदा आऊ सा होर च़ाहा सा कि ऐ ऐबरै लागी लोड़ी। 50मुँभै ता हाज़ी बोहू दुःख सौहणा पौड़ना। हांऊँ बड़ा परेशान सा, ज़ाँ ढौई मेरा दुःख खत्म नी होला तैबै तक मूँ परेशान रौहणा। 51तुसै कि समझ़ा सी हांऊँ धौरती पैंधै मेल करांदा आऊ सा? नैंई, हांऊँ तुसाबै बोला सा हांऊँ अलग करांदा आऊ सा। 52किबैकि ऐबै न बाद अगर एकी घौरा न पौंज़ लोका सी तिन्हां बोंडिणा होर त्राई लोका ज़ो मूँ पैंधै बशाह नी केरदै तिन्हां मूँ पैंधै बशाह रखणू आल़ै दुई लोका रा बरोध केरना। होर अगर दुई लोका ज़ो मूँ पैंधै बशाह नी केरदै तिन्हां त्राई लोका रा बरोध केरना ज़ो मूँ पैंधै बशाह केरा सी। 53बापू बेटै न होर बेटै बापू सैंघै बरोध रखणा, आमा बेटी आपु न बरोध रखणा, शौशू नूशा आपु न एकी होरी सैंघै बरोध रखणा।”
बौक्ता रै लछण
54यीशुऐ लोका बै बोलू, ज़ैबै तुसै पश्चिमा धिरै न बादला बै ऐन्दै हेरा सी ता तुसै फट केरदै बोला सी गाश ऐणा होर तैण्ढाऐ होआ सा। 55होर ज़ैबै दक्षिणा धिरै न बागर च़ला सा तैबै तुसै बोला सी कि गर्मी होणू आई सा होर तैण्ढाऐ होआ सा। 56हे कपटियो, तुसै धौरती होर सर्गा रै रूपा न भेद केरी सका सी, पर ऐई जुगा न परमेश्वर ज़ो केरदा लागा सा तेथै रै बारै न भेद केरना किबै नी ज़ाणदै?
आपणै पड़ेशी सैंघै समझौता
57 “तुसै आपुऐ किबै नी फैसला केरदै कि सही कि सा? 58आपणै पड़ेशी सैंघै बौता न ज़ाँदी घेरै समौझता केरा। कोइँछ़ै ऐण्ढा नी लोड़ी हुआ कि न्याय केरनु आल़ा तौभै खिंच़िया नेला होर तौभै सपाई हागै देला होर सपाई तौभै कैदखानै न पालै। 59हांऊँ तौभै बोला सा, ज़ाँ ढौई तू पाई-पाई नी चुकाला ताँ ढौई तौ तौखै न नी छ़ुटणा।”
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