यहून्ना 6
6
ईसु पाच झार मिनखा को पेट भर्यो
(मत्ती 14:13–21; मरकुस 6:30–44; लूका 9:10–17)
1अ बाता होबा क क्युंक दिना पाछै, ईसु गलिल झिल जिनै तिबरिआस बी खेवै ह, क परली पार चलेगो। 2अर मिनखा की भीड़ बिकै गेल होरी ही क्युं क बे बा चमत्कारानै देख्या हा, जाकै जरिए बो रोगलानै निरोगो कर्यो हो। 3जणा ईसु डूँगरी प चढर आपका चेला क सागै बठै बेठगो। 4यहूदि मिनखा को फसै को त्युंहार आबाळो हो।
5अर जद ईसु नजर घूमार बि घणीसारी भीड़नै आपकै कनै आती देख्यो। जणा फलिपूसऊँ बोल्यो, “आपा आ ताँई रोटी कठैऊँ मोल ल्यावां?” 6आ बात ईसु बस फलिपूसनै बिचासबा ताँई बुज्यो हो। क्युं क असल म ईसु जाणतो हो क काँई करनो ह।
7फलिपूस बोल्यो, “आपा दो सो चाँदी का सीक्का की बी रोट्या ल्यावां जणा कम पड़सी। अर बे अत्ता मिनखा म थोड़ी-थोड़ी बी पाँती कोनी आवै।”
8ईसु को एकोर चेलो अंदरिआस जखो समोन को भाई हो ईसुऊँ बोल्यो, 9“अठै एक छोरो ह जिकै कनै जौवां की पाच रोट्या अर दो मछी ह। पण अत्ता मिनखा म अ कठै लागै?”
10ईसु बोल्यो, “मिनखानै बिठा द्यो।” बठै बोळी घास ही जणा बे बठै बेठगा। अर बामै करीब पाच झार तो मोट्यार-मोट्यार हा। 11जणा ईसु रोटी ली अर परमेसरनै धनेवाद देर जखा बेठ्या हा बा मिनखा म जत्ती बे चावा हा बाट दि। अर अंय्यांई बो मछी ली अर धनेवाद देर बाट दि।
12जद बे सगळा खार धापगा, जणा ईसु आपका चेलानै बोल्यो, “बचेड़ी रोटी भेळी करल्यो, जिऊँ क्युंई बेकार नइ जावै।” 13जणा बे भेळो कर्या अर पाच जौवां की रोटीऊँ बचेड़ी रोटी का बारा चोल्या भेळा होया।
14मिनख ईसु का इ चमत्कारनै देखर बोल्या, “सचमई ओ बोई परमेसर की खेबाळो ह, जखो जगत म आबाळो हो।” 15जणा ईसु आ भापर क बे बिनै ठडाईऊँ राजा बणाबा ताँई लेज्याबा आर्या हीं, जणा बो ऐकलोई डूँगरी प चलेगो।
ईसु पाणी प चाल्यो
(मत्ती 14:22–33; मरकुस 6:45–52)
16जद दिन आथगो जणा बिका चेला झिल क किनारै गया, 17अर अँधेरो होगो हो पण हाल ताँई ईसु बाकन कोनी आयो हो। जणा बे न्याव प चढर झिल क परली पार कफरनूम कानि रवानगी करी। 18जोरकी आँधी की बजेऊँ झिल म झाल उठबा लागी। 19अर जद बे दोएक कोस चलेगा हा जणा बे ईसुनै पाणी प चालता, अर न्याव क कनै आता देख्या, अर बे डरग्या। 20पण बो बाऊँ बोल्यो, “डरो मना, म हूँ।” 21जणा बे बिनै राजी मनऊँ जंय्यांई न्याव म चढाया, चढाताई न्याव किनारा पुगगी।
22आगलै दिन झिल क उरलै नाकै जखी भीड़ रेह्गी ही, बानै ओ बेरो पड़्यो क बठै एक न्याव ही। अर ओ बी बेरो पड़्यो क ईसु चेला क सागै बि न्याव प कोनी चढ्यो। पण चेला बिकै बिनाई चलेगा। 23जणा तिबरिआस नगरीऊँ क्युंक न्यावा बि झघा आई, जठै परबु क धनेवाद देबा क पाछै मिनख रोटी खाई ही। 24जद भीड़ आ देखी क नइ तो बठै ईसु ह अर नइ बिका चेला जणा बे सगळा बा न्यावा म चढर ईसुनै ढुंढता-ढुंढता कफरनूम आ पुग्या।
ईसु जीवन की रोटी ह
25अर जद बे बिनै झिल क परली पार देख्या, जणा बिऊँ बोल्या, “गरूजी, थे अठै कद आया?”
26ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ, थे मेरा चमत्कारा की बजेऊँ मेरै गेल कोनी आया। पण म थानै धपार रोटी खुवाई, इ ताँई थे मेरै गेल आया हो। 27रोट्या ताँई मेनत मना करो क्युं क बे तो बुसज्यावै, पण अजर-अमर जीवन देबाळी रोटी ताँई मेनत करो। आ बा रोटी ह जखी मिनख को बेटो थानै देसी, क्युं क परम-पिता परमेसर बिनै ओ अधिकार दिओ ह।”
28जणा बे बिऊँ बोल्या, “परमेसर जखो चावै ह, बो करबा ताँई म्हें काँई करां?”
29ईसु जुबाब म बाऊँ बोल्यो, “परमेसर चावै ह क, जिनै बो भेज्यो ह, बिपै थे बिस्वास करो।”
30जणा बे बिऊँ बोल्या, “म्हानै चमत्कार दिखा जिनै देखर म्हें तेरै प बिस्वास करां। तू काँई कर सकै ह? 31म्हारा बडका उजाड़ म मन्नो खाया, जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, ‘बो बाकै खाबा ताँई आसमानऊँ रोटी बरसाई।’ ”
32जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थारूँ सची बोलुँ हूँ, ईस्बर नगरीऊँ रोटी देबाळो मूसा कोनी हो। पण बो मेरो परम-पिता ह जखो ईस्बर नगरीऊँ थानै सची रोटी देवै ह। 33जखी रोटी परमेसर देवै ह, बा ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह, अर बा जगत का मिनखानै जीवन देवै ह।”
34जणा बे बिऊँ बोल्या, “म्हराज थे आ रोटी म्हानै सदाई दिआ करो।”
35ईसु बाऊँ बोल्यो, “जीवन की रोटी म हूँ। जखो मेरै कनै आसी बो भूखो कोनी रेह्सी, अर बो जखो मेर प बिस्वास करसी कदैई तिसायो कोनी मरसी। 36पण जंय्यां क थानै ओबी खयो हो, थे मनै देखलिआ हो, पण हाल ताँई मेर प बिस्वास कोनी करो। 37जोक्यु परम-पिता मनै देवै ह, बो मेरै कनै आसी अर म बिऊँ मुंडो कोनी फेरूं। 38क्युं क म मेरी इंछ्या नइ पण मनै भेजबाळा की इंछ्यानै पूरी करबा ताँई ईस्बर नगरीऊँ धरती प उतर्यो हूँ। 39अर जखो मनै भेज्यो ह, बिकी इंछ्या आ ह क जोक्यु बो मनै दिओ ह बिमैऊँ क्युंई नइ खोऊँ। पण आखरी दिन म बानै जीवाऊँ। 40क्युं क मेरा परम-पिता की इंछ्या आ ह क जखो बी बेटानै देखै ह। अर बिपै बिस्वास ल्यावै ह बिनै अजर-अमर जीवन मिलै, अर आखरी दिन म खुद बिनै जीवा देस्युँ।”
41जणा यहूदि बिपै बल्डाबा लाग्या, क्युं क बो बोल्यो हो क, “जखी रोटी ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह बा म हूँ।” 42अर बोलबा लाग्या, “ओ युसूफ को छोरो ईसु कोनी के, जिका माँ-बापनै आपा जाणा हां? जणा इब ओ कंय्यां खे सकै ह क, ‘म ईस्बर नगरीऊँ उतर्यो हूँ?’”
43ईसु जुबाब म बोल्यो, “आपसरी म मना बल्डाओ। 44मेरै कनै कोई कोनी आ सकै। जद ताँई क मेरो परम-पिता जखो मनै भेज्यो ह बो बिनै मेरै कनै नइ ल्यावै, अर आखरी दिन म बिनै जिंदो कर देस्युँ। 45परमेसर की खेबाळा पबितर सास्तर म आ मांडी ह, ‘सगळानै परमेसरई सीखासी।’ अर मेरै कनै बोई आवै ह जखो परम-पिताऊँ सुणै अर सीखै ह। 46पण जखो परमेसर कानिऊँ आवै ह बोई परम-पितानै देख्यो ह बिकै अलावा कोई कोनी देख्यो।
47“म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जखो मेर प बिस्वास करै ह, अजर-अमर जीवन बि ताँई ह। 48जीवन की रोटी म हूँ। 49थारा बडका उजाड़ म मन्नो खाया, बिकै पाछै बी बे मरगा। 50पण आ बा रोटी ह जखी परमेसर ईस्बर नगरीऊँ उतारी, जखो बी इ रोटी मऊँ खासी बो कोनी मरसी। 51बा जीवती रोटी म हूँ जखी ईस्बर नगरीऊँ उतरी। जखो बी इ रोटीनै खासी बो सदाई जिंदो रेह्सी। अर इ जगत का मिनखानै जीबा ताँई जखी रोटी म देस्युँ, बो मेरो मास ह।”
52इ बात प यहूदि आपसरी म आ खेर जिरै करबा लाग्या, “ओ मिनख आपानै आपको मास खाबा ताँई कंय्यां दे सकै ह?”
53ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जद ताँई थे मिनख का बेटा को मास कोनी खाल्यो अर बिको लोय कोनी पील्यो, थारै म जीवन कोनी आ सकै। 54जखो बी मेरो मास खावै अर मेरो लोय पिवै अजर-अमर जीवन बिको ह। अर आखरी दिन, म बिनै जीवास्युं। 55क्युं क मेरो मास सची रोटी अर मेरो लोय सची पीबा की चिज ह। 56जखो मिनख मेरो मास खावै अर मेरो लोय पिवै बो मेरै म अर म बिमै बण्यो रेह्ऊँ हूँ। 57जंय्यां जीवतो परम-पिता मनै भेज्यो ह, अर मेरा परम-पिता की बजेऊँ म जिंदो हूँ। ठिक बंय्यांई जखो मेरी काया खासी, बो बी मेरी बजेऊँ जिंदो रेह्सी। 58जखी रोटी ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह, बा आई ह। आ बि मन्ना की जंय्यां कोनी, जिनै थारा बडका खाया अर मरगा, पण जखो बी आ रोटी खासी बो सदाई जिंदो रेह्सी।” 59अ बाता बो कफरनूम म अरदास करबाळी झघा म सीखाई।
अजर-अमर जीवन देबाळा बचन
60बिका घणकराक चेला आ सुणर बोल्या, “आ कल्डी सीख ह। इपै कूण चाल सकै ह?”
61ईसु आपका मन म आ भापर क मेरा चेला आपसरी म इ बात प बल्डावै ह, जणा बाऊँ बुज्यो, “आ बात थानै बुरी लागी के? 62जणा थे काँई करस्यो जद थे मिनख का बेटानै आसमान म उपर जाता देखस्यो, जठै बो पेली हो? 63परमेसर की आत्मा तो जीवन देवै ह, पण मिनख की ताकत ख्याई काम की कोनी। जखी बात म थारूँ खई ह, बे परमेसर की आत्माऊँ ह अर जीवन देवै ह। 64पण थारै मऊँ क्युंक अंय्यां का हीं जखा बिस्वास कोनी करीं।” क्युं क ईसु सरूआतऊँई बानै जाणतो हो, जखा बिस्वास कोनी करीं अर बो कूण ह जखो बिनै धोकाऊँ पकड़ासी। 65अर बो बोल्यो, “जणाई तो म थारूँ बोल्यो हो क, जद ताँई खुद परम-पिता कोईनै मेरै कनै आबा कोनी देवै, जद ताँई कोई मेरै कनै कोनी आ सकै।”
66इ बात की बजेऊँ बिका चेला मऊँ बोळाजणा बिकै पिछै चालबो छोड दिआ।
67जणा ईसु बा बाराऊँ बोल्यो, “थे बी जाबो चाओ हो के?”
68 #
मत्त 16:16; मर 8:29; लूक 9:20 समोन पतरस बिनै जुबाब दिओ, “परबु, म्हें किकै कनै जावां? अजर-अमर जीवन देबाळी बाता तो तेरैई कनै ह। 69अर म्हें बिस्वास कर्यो अर जाणगा हां क थेई परमेसर का पबितर मिनख हो।”
70ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै बारवांनै कोनी टाळ्यो के? इकै बावजुद थारै मांयनै एक जणो सेतान ह।” 71आ बात बो समोन इस्करोती का बेटा यहूदा क बारां म बोली ही, क्युं क बा बारा मऊँ बोई बिनै धोकाऊँ पकड़ाबाळो हो।
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यहून्ना 6: एस डब्लु वी
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यहून्ना 6
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ईसु पाच झार मिनखा को पेट भर्यो
(मत्ती 14:13–21; मरकुस 6:30–44; लूका 9:10–17)
1अ बाता होबा क क्युंक दिना पाछै, ईसु गलिल झिल जिनै तिबरिआस बी खेवै ह, क परली पार चलेगो। 2अर मिनखा की भीड़ बिकै गेल होरी ही क्युं क बे बा चमत्कारानै देख्या हा, जाकै जरिए बो रोगलानै निरोगो कर्यो हो। 3जणा ईसु डूँगरी प चढर आपका चेला क सागै बठै बेठगो। 4यहूदि मिनखा को फसै को त्युंहार आबाळो हो।
5अर जद ईसु नजर घूमार बि घणीसारी भीड़नै आपकै कनै आती देख्यो। जणा फलिपूसऊँ बोल्यो, “आपा आ ताँई रोटी कठैऊँ मोल ल्यावां?” 6आ बात ईसु बस फलिपूसनै बिचासबा ताँई बुज्यो हो। क्युं क असल म ईसु जाणतो हो क काँई करनो ह।
7फलिपूस बोल्यो, “आपा दो सो चाँदी का सीक्का की बी रोट्या ल्यावां जणा कम पड़सी। अर बे अत्ता मिनखा म थोड़ी-थोड़ी बी पाँती कोनी आवै।”
8ईसु को एकोर चेलो अंदरिआस जखो समोन को भाई हो ईसुऊँ बोल्यो, 9“अठै एक छोरो ह जिकै कनै जौवां की पाच रोट्या अर दो मछी ह। पण अत्ता मिनखा म अ कठै लागै?”
10ईसु बोल्यो, “मिनखानै बिठा द्यो।” बठै बोळी घास ही जणा बे बठै बेठगा। अर बामै करीब पाच झार तो मोट्यार-मोट्यार हा। 11जणा ईसु रोटी ली अर परमेसरनै धनेवाद देर जखा बेठ्या हा बा मिनखा म जत्ती बे चावा हा बाट दि। अर अंय्यांई बो मछी ली अर धनेवाद देर बाट दि।
12जद बे सगळा खार धापगा, जणा ईसु आपका चेलानै बोल्यो, “बचेड़ी रोटी भेळी करल्यो, जिऊँ क्युंई बेकार नइ जावै।” 13जणा बे भेळो कर्या अर पाच जौवां की रोटीऊँ बचेड़ी रोटी का बारा चोल्या भेळा होया।
14मिनख ईसु का इ चमत्कारनै देखर बोल्या, “सचमई ओ बोई परमेसर की खेबाळो ह, जखो जगत म आबाळो हो।” 15जणा ईसु आ भापर क बे बिनै ठडाईऊँ राजा बणाबा ताँई लेज्याबा आर्या हीं, जणा बो ऐकलोई डूँगरी प चलेगो।
ईसु पाणी प चाल्यो
(मत्ती 14:22–33; मरकुस 6:45–52)
16जद दिन आथगो जणा बिका चेला झिल क किनारै गया, 17अर अँधेरो होगो हो पण हाल ताँई ईसु बाकन कोनी आयो हो। जणा बे न्याव प चढर झिल क परली पार कफरनूम कानि रवानगी करी। 18जोरकी आँधी की बजेऊँ झिल म झाल उठबा लागी। 19अर जद बे दोएक कोस चलेगा हा जणा बे ईसुनै पाणी प चालता, अर न्याव क कनै आता देख्या, अर बे डरग्या। 20पण बो बाऊँ बोल्यो, “डरो मना, म हूँ।” 21जणा बे बिनै राजी मनऊँ जंय्यांई न्याव म चढाया, चढाताई न्याव किनारा पुगगी।
22आगलै दिन झिल क उरलै नाकै जखी भीड़ रेह्गी ही, बानै ओ बेरो पड़्यो क बठै एक न्याव ही। अर ओ बी बेरो पड़्यो क ईसु चेला क सागै बि न्याव प कोनी चढ्यो। पण चेला बिकै बिनाई चलेगा। 23जणा तिबरिआस नगरीऊँ क्युंक न्यावा बि झघा आई, जठै परबु क धनेवाद देबा क पाछै मिनख रोटी खाई ही। 24जद भीड़ आ देखी क नइ तो बठै ईसु ह अर नइ बिका चेला जणा बे सगळा बा न्यावा म चढर ईसुनै ढुंढता-ढुंढता कफरनूम आ पुग्या।
ईसु जीवन की रोटी ह
25अर जद बे बिनै झिल क परली पार देख्या, जणा बिऊँ बोल्या, “गरूजी, थे अठै कद आया?”
26ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ, थे मेरा चमत्कारा की बजेऊँ मेरै गेल कोनी आया। पण म थानै धपार रोटी खुवाई, इ ताँई थे मेरै गेल आया हो। 27रोट्या ताँई मेनत मना करो क्युं क बे तो बुसज्यावै, पण अजर-अमर जीवन देबाळी रोटी ताँई मेनत करो। आ बा रोटी ह जखी मिनख को बेटो थानै देसी, क्युं क परम-पिता परमेसर बिनै ओ अधिकार दिओ ह।”
28जणा बे बिऊँ बोल्या, “परमेसर जखो चावै ह, बो करबा ताँई म्हें काँई करां?”
29ईसु जुबाब म बाऊँ बोल्यो, “परमेसर चावै ह क, जिनै बो भेज्यो ह, बिपै थे बिस्वास करो।”
30जणा बे बिऊँ बोल्या, “म्हानै चमत्कार दिखा जिनै देखर म्हें तेरै प बिस्वास करां। तू काँई कर सकै ह? 31म्हारा बडका उजाड़ म मन्नो खाया, जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, ‘बो बाकै खाबा ताँई आसमानऊँ रोटी बरसाई।’ ”
32जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थारूँ सची बोलुँ हूँ, ईस्बर नगरीऊँ रोटी देबाळो मूसा कोनी हो। पण बो मेरो परम-पिता ह जखो ईस्बर नगरीऊँ थानै सची रोटी देवै ह। 33जखी रोटी परमेसर देवै ह, बा ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह, अर बा जगत का मिनखानै जीवन देवै ह।”
34जणा बे बिऊँ बोल्या, “म्हराज थे आ रोटी म्हानै सदाई दिआ करो।”
35ईसु बाऊँ बोल्यो, “जीवन की रोटी म हूँ। जखो मेरै कनै आसी बो भूखो कोनी रेह्सी, अर बो जखो मेर प बिस्वास करसी कदैई तिसायो कोनी मरसी। 36पण जंय्यां क थानै ओबी खयो हो, थे मनै देखलिआ हो, पण हाल ताँई मेर प बिस्वास कोनी करो। 37जोक्यु परम-पिता मनै देवै ह, बो मेरै कनै आसी अर म बिऊँ मुंडो कोनी फेरूं। 38क्युं क म मेरी इंछ्या नइ पण मनै भेजबाळा की इंछ्यानै पूरी करबा ताँई ईस्बर नगरीऊँ धरती प उतर्यो हूँ। 39अर जखो मनै भेज्यो ह, बिकी इंछ्या आ ह क जोक्यु बो मनै दिओ ह बिमैऊँ क्युंई नइ खोऊँ। पण आखरी दिन म बानै जीवाऊँ। 40क्युं क मेरा परम-पिता की इंछ्या आ ह क जखो बी बेटानै देखै ह। अर बिपै बिस्वास ल्यावै ह बिनै अजर-अमर जीवन मिलै, अर आखरी दिन म खुद बिनै जीवा देस्युँ।”
41जणा यहूदि बिपै बल्डाबा लाग्या, क्युं क बो बोल्यो हो क, “जखी रोटी ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह बा म हूँ।” 42अर बोलबा लाग्या, “ओ युसूफ को छोरो ईसु कोनी के, जिका माँ-बापनै आपा जाणा हां? जणा इब ओ कंय्यां खे सकै ह क, ‘म ईस्बर नगरीऊँ उतर्यो हूँ?’”
43ईसु जुबाब म बोल्यो, “आपसरी म मना बल्डाओ। 44मेरै कनै कोई कोनी आ सकै। जद ताँई क मेरो परम-पिता जखो मनै भेज्यो ह बो बिनै मेरै कनै नइ ल्यावै, अर आखरी दिन म बिनै जिंदो कर देस्युँ। 45परमेसर की खेबाळा पबितर सास्तर म आ मांडी ह, ‘सगळानै परमेसरई सीखासी।’ अर मेरै कनै बोई आवै ह जखो परम-पिताऊँ सुणै अर सीखै ह। 46पण जखो परमेसर कानिऊँ आवै ह बोई परम-पितानै देख्यो ह बिकै अलावा कोई कोनी देख्यो।
47“म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जखो मेर प बिस्वास करै ह, अजर-अमर जीवन बि ताँई ह। 48जीवन की रोटी म हूँ। 49थारा बडका उजाड़ म मन्नो खाया, बिकै पाछै बी बे मरगा। 50पण आ बा रोटी ह जखी परमेसर ईस्बर नगरीऊँ उतारी, जखो बी इ रोटी मऊँ खासी बो कोनी मरसी। 51बा जीवती रोटी म हूँ जखी ईस्बर नगरीऊँ उतरी। जखो बी इ रोटीनै खासी बो सदाई जिंदो रेह्सी। अर इ जगत का मिनखानै जीबा ताँई जखी रोटी म देस्युँ, बो मेरो मास ह।”
52इ बात प यहूदि आपसरी म आ खेर जिरै करबा लाग्या, “ओ मिनख आपानै आपको मास खाबा ताँई कंय्यां दे सकै ह?”
53ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जद ताँई थे मिनख का बेटा को मास कोनी खाल्यो अर बिको लोय कोनी पील्यो, थारै म जीवन कोनी आ सकै। 54जखो बी मेरो मास खावै अर मेरो लोय पिवै अजर-अमर जीवन बिको ह। अर आखरी दिन, म बिनै जीवास्युं। 55क्युं क मेरो मास सची रोटी अर मेरो लोय सची पीबा की चिज ह। 56जखो मिनख मेरो मास खावै अर मेरो लोय पिवै बो मेरै म अर म बिमै बण्यो रेह्ऊँ हूँ। 57जंय्यां जीवतो परम-पिता मनै भेज्यो ह, अर मेरा परम-पिता की बजेऊँ म जिंदो हूँ। ठिक बंय्यांई जखो मेरी काया खासी, बो बी मेरी बजेऊँ जिंदो रेह्सी। 58जखी रोटी ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह, बा आई ह। आ बि मन्ना की जंय्यां कोनी, जिनै थारा बडका खाया अर मरगा, पण जखो बी आ रोटी खासी बो सदाई जिंदो रेह्सी।” 59अ बाता बो कफरनूम म अरदास करबाळी झघा म सीखाई।
अजर-अमर जीवन देबाळा बचन
60बिका घणकराक चेला आ सुणर बोल्या, “आ कल्डी सीख ह। इपै कूण चाल सकै ह?”
61ईसु आपका मन म आ भापर क मेरा चेला आपसरी म इ बात प बल्डावै ह, जणा बाऊँ बुज्यो, “आ बात थानै बुरी लागी के? 62जणा थे काँई करस्यो जद थे मिनख का बेटानै आसमान म उपर जाता देखस्यो, जठै बो पेली हो? 63परमेसर की आत्मा तो जीवन देवै ह, पण मिनख की ताकत ख्याई काम की कोनी। जखी बात म थारूँ खई ह, बे परमेसर की आत्माऊँ ह अर जीवन देवै ह। 64पण थारै मऊँ क्युंक अंय्यां का हीं जखा बिस्वास कोनी करीं।” क्युं क ईसु सरूआतऊँई बानै जाणतो हो, जखा बिस्वास कोनी करीं अर बो कूण ह जखो बिनै धोकाऊँ पकड़ासी। 65अर बो बोल्यो, “जणाई तो म थारूँ बोल्यो हो क, जद ताँई खुद परम-पिता कोईनै मेरै कनै आबा कोनी देवै, जद ताँई कोई मेरै कनै कोनी आ सकै।”
66इ बात की बजेऊँ बिका चेला मऊँ बोळाजणा बिकै पिछै चालबो छोड दिआ।
67जणा ईसु बा बाराऊँ बोल्यो, “थे बी जाबो चाओ हो के?”
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मत्त 16:16; मर 8:29; लूक 9:20 समोन पतरस बिनै जुबाब दिओ, “परबु, म्हें किकै कनै जावां? अजर-अमर जीवन देबाळी बाता तो तेरैई कनै ह। 69अर म्हें बिस्वास कर्यो अर जाणगा हां क थेई परमेसर का पबितर मिनख हो।”
70ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै बारवांनै कोनी टाळ्यो के? इकै बावजुद थारै मांयनै एक जणो सेतान ह।” 71आ बात बो समोन इस्करोती का बेटा यहूदा क बारां म बोली ही, क्युं क बा बारा मऊँ बोई बिनै धोकाऊँ पकड़ाबाळो हो।
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