मत्ती 14:30-31
मत्ती 14:30-31 एम टी आर
पण वो डूँज ने देकन दरपग्यो, अन जद्याँ डुबवा लागो तो हाका-भार मेलन क्यो, “हो परबू, मने बचा!” ईसू तरत हात लाम्बो करन वींने पकड़ लिदो अन वींकाऊँ क्यो, “ये कम विस्वास करबावाळा, थाँ काँ भेंम किदो?”
पण वो डूँज ने देकन दरपग्यो, अन जद्याँ डुबवा लागो तो हाका-भार मेलन क्यो, “हो परबू, मने बचा!” ईसू तरत हात लाम्बो करन वींने पकड़ लिदो अन वींकाऊँ क्यो, “ये कम विस्वास करबावाळा, थाँ काँ भेंम किदो?”