मती 15:18-19
मती 15:18-19 MTH
महज जे बात मुहसे बाहर निकलैछै, से बात हिरदयसे निकैलके आबैछै आ ओहे लोकके असुध बनाइछै। कथिलेत हिरदयेसे खराब बिचार, हतिया, पर-इस्तरी गमन, अनैतिक देहके समबन्ध, चोरी, झुठा गबाही आ निन्दा करैबला बातसब बाहर निकलैछै।
महज जे बात मुहसे बाहर निकलैछै, से बात हिरदयसे निकैलके आबैछै आ ओहे लोकके असुध बनाइछै। कथिलेत हिरदयेसे खराब बिचार, हतिया, पर-इस्तरी गमन, अनैतिक देहके समबन्ध, चोरी, झुठा गबाही आ निन्दा करैबला बातसब बाहर निकलैछै।