लूका 7
7
ऐक ठाँणेदार का बिश्वाष
(मत्ती 8:5-13)
1जबे प्रभू यीशू ऐ लोगो खे बादी बातो बुली पाई, तबे से कफरनहूम नंगर दे आऐ। 2तेथै ऐक ठाँणेदार का ऐक दास थिया, जू तैसी ठाणेदार के बैजाऐ प्यारा थिया, से अलाचार बीमार घड़्ड़ी लाऐयों, मर्णों वाल़ा थिया। 3ठाणेदारे प्रभू यीशू के बारे दे चर्चा शुणी थऐ थी, अरह् तैने यहूदियों के बुड़े बुजूरग प्रभू यीशू कैई ऐजी बिनती कर्णो खे भेजे, के तुऐं आऐयों मेरा दास चाँग्गा करह्। करह्। 4तबे से प्रभू यीशू कैई आऐ, अरह् नंम्बर्त्ता आरी तिन कैई शी ऐजी बिनत्ती करी, तिन्ऐं बुलो, “से बिलकुल ईन्दें ज़ुगा असो, के तुऐ तैस्खे ऐष्णों करह्, 5किन्देंखे के से अमाँरी जात्ती शो पियार करह्, अरह् तैने ही आँओं खे ऐक च़ौत्रा भे बंणाँऐ थुवा।” 6तबे प्रभू यीशू तिन की गईलो हुटे, परह् जैई से तैस्की घर के नंजीक पंहिच्दे ही लागे थिऐ, तैतिऐ खे तैने ठाँणेदारे आप्णे दोस्त्तो कैई तिन खे ऐजा शुज़ा भेजा, के “हे प्रभू! तुऐ कष्ट ने करे, किन्देंख के हाँव ईन्दें ज़ुगा आथी ने; के तुऐं मेरे कागी आँव। 7ईन्देंखे के हाँव ईन्दें ज़ुगा भे आथी ने; के तुओं कैई आँऊ; किन्देंखे के जे तुऐं ऐक आप्णा शब्द ही बुल़ै, तअ भे मेरा दास चाँग्गा हंदा। 8हाँव आपु भे कोसी ओकी के अधीन असो, अरह् कंऐयों सपाऐ भे मेरे अधीन असो; अरह् जबे हाँव आप्णे ऐकी सपाई खे बुलू के ‘ज़ा’ तअ से आगु ज़ाँव; अरह् जे कोसी ओकी खे बुलू, के ऊडा ‘आ’, से ऊडा आँव; अरह् जे कोसी आप्णें दास द खे बुलू के ऐष्णों करह्, तअ से भे तैष्णों ही करह्, जैष्णों हाँव चहाँऊ।” 9प्रभू यीशू के ऐजो शुणियों तूरंबाणच़ूंटे, अरह् तिन्ऐं आपु पाछ़ी आँणों वाल़े लोगों की ढबै फीरियों बुलो; “हाँव तुओं खे बुलू: के मुँह गाशी इस्राएल दा भे कुँऐ ऐत्रा पाक्का बिश्वाष कर्णो वाल़ा ने आथी।” 10अरह् तिनू डियाल़े अंदें लोगे पाछ़ू घरे ज़ाऐयों तेसी दास चँग्गा दे:खा।
प्रभू यीशू ऐ ऐक बिधवा का बैटा जीऊँदा करा
11कुछ देसो बेत्त्णों गाशी प्रभू यीशू तेथै शे नाईन नाँव के ऐक नंगर खे हुटे, अरह् तिन के चैले अरह् लोगों के ऐक बड़ी भीड़ तिन गईलो ज़ाँदी लागी थी। 12जबे से नंगर के नंजीक जाँग्गी कैई पंईचै, तअ कुछ लोगे ऐक मुँढ़्दा जाँग्गी शा बाँइडा नीं लुवा थिया; अरह् सेजा मुँढ़्दा ऐके जवाँन टंडकै का थिया, जू आप्णी बिदवा माँ का ऐके बैटा थिया। अरह् तैसी नंगर के बैजाऐ लोग तैसी मुँढ़्दे की गंईलो दंगाऊँ थिऐ। 13तियों माँ दे:खियों प्रभू यीशू के आप्णी सासो दी बैजाऐ असेरो लागी; अरह् दया करियों तियों माँ खे बुलो, “रूऐ ने” 14अरह् नंजीक आऐयों प्रभू यीशू ऐं तियों आर्थी छ़ुई; तबै तियों आर्थी दे काँनों लाँणों वाल़े खड़े हुऐ; अरह् प्रभू यीशू ऐं बुलो, “हे जवाँन! हाँव ताँव खे बुलू, बीऊँज!” 15सेजा मंरा अंदा तैख्णी ऊबा बींऊँजियों बईठा, अरह् बुल्दा लागा। प्रभू यीशू ऐं तैसी तैस्की माँ कैई दिता। 16ऐजो दे:खियों बादे लोग डरी गुऐ, अरह् से पंण्मिश्वर के बड़ियाऐ कर्दे लागे, अरह् बुलो “आँमों मुँझी ऐक बड़ा ऋषी पय्दा हऐ रूऐ, अरह् पंण्मिश्वरे आप्णे लोगो गाशी कृपा के नंजर थऐ।” 17प्रभू यीशू के बारे दे ऐजी बात बादे यहूदिया अरह् ईर्द-गिर्द के बादे प्रदेशो दे फऐली गऐ।
यूहन्ना नहाँण-कराँणों वाल़े का सुवाल
(मत्ती 11:2-19)
18संत्त-यूहन्ना के चैले ऐं आऐयों तैस कैई सेजी बादी बातो का हाल अरह् सेजी खुषख्बरी शुणाँऐ। 19तबे संत्त-यूहन्ना ऐ आप्णे चैले मुँझ्षे दो चैले आपु कैई बऐदियों तिनू प्रभू यीशू कैई ऐजो पुछ़णों खे डियाल़े; के “आँणों वाल़े तुँऐं ही असो, के आँमें कोसी ओकी की ठह्ल़णाँऐ करह्?” 20तिनू दूई संत्त-यूहन्ना के चैले ऐ आऐयों, प्रभू यीशू खे बुलो, के “संत्त-यूहन्ना नहाँण-कराणों वाल़े, ऐ आँमों ईन्देंखे डियाल़ी थुऐं, के तुँओं कैई शो ऐजो पुछो, के आँणों वाल़े तुँऐं ही असो, के आँमें कोसी ओकी की ठह्ल़णाई करह्?” 21तैख्णी ही प्रभू यीशू ऐ बैजाऐ भहीतें बीमार-दु:खिया, अरह् दुष्ट-आत्त्मा के च़ूड़ै अंदे लोग, अरह् बैजाऐ बहीते शैड़े लोगों खे नंजर दिती। 22अरह् प्रभू यीशू ऐ तिनू संत्त-यूहन्ना के चैले खे बुलो, के “ज़ाव, तुऐं जुण्जो शुणों अरह् दे:खों, सेजो संत्त-यूहन्ना कैई आगु बुले, के शैड़े दे:ख्दे लागो, अरह् लंगड़ै आगु हाँडो; अरह् कोढ़ी-रूगी शुद्ध करे ज़ाँव, अरह् जाऐरे शुण्दें लागो, अरह् मुढ़्दे जीऊँदे करे ज़ाँव, गरीब लोगो खे खुष्खबरी शुणाँऐ ज़ाँव। 23भागोईत असो! सेजे जू मेरी बारे दे धोखे दे ने रंह्।” 24जबे सेजे संत्त-यूहन्ना के डियाल़े अंदें तैस्के चैले तेथै शे आगु हुटे, तअ प्रभू यीशू ऐ लोगो कैई संत्त-यूहन्ना नहाँणों-कराँणों वाल़े के बारे दो बुलो; “तुँऐं खाल़ै-नाल़ै दे का दे:ख्दे हुटी रूऐ थिऐ? बागुरिऐ झिक्दी बंई झालो सुरवाँठो? ‘ना’! 25तअ तबे का दे:ख्दे हुटे? कियों आछे नंरम बड़िया खोटुणो बाँम्बे अंदें आदमी दे:ख्दे हुटे? ‘ना’! मोह्गै भड़किले खोट्णों बाँम्णों वाल़े अरह् भोग-बिलास दा जीवन बिताणों वाल़े लोग महलो दे रंह्। 26तअ तबे का दे:ख्दे हुटी रूऐथिऐ? कियों कोसी ऋषी दे:ख्दे? होर, हाँव तुँओं खे बुलू, के ऋषी शा भे बड़े आदमी दे:ख्दे। 27से सेजा ही असो, जैस्के बारे दो पबित्र-ग्रन्थों दो लिखी थो:
पंंमिश्वर बुलो, दे:खो, हाँव आप्णा दूत्त ताँव शा आगे-आगे डियाल़ूबा अरह् से ताँव शा आगे ज़ाँऐयों ताँव खे बाट तियार करला।
28“हाँव तुँओं खे बुलू: के जै-तोड़े तिरंई के गर्बों कुँख्खी शे ऊप्जी रूऐ, तिनू सोभी मुँझ्शा संत्त-यूहन्ना शा बड़ा ओका कुऐं ने आथी; तबे भे पंण्मिश्वरे के राज्य दा जुण्जा सोभी शा छुटा असो, से संत्त-यूहन्ना नहाँण-कराँणों वाल़े शा बडा असो।”
29अरह् बादी जंनता अरह् च़ूँग्गी लोणों वाल़े लोगे भे जबे ऐजो शुणों तअ तिनू सोभी ऐं संत्त-यूहन्ना के हाथै नहाँण-कराओ अरह् पंण्मिश्वर के धार्मिक्त्ता माँनी पाऐ। 30परह् यहूदी भाटे-भाम्णें अरह् यहूदी-निय्म के शिखाँणों वाल़े ऐं संत्त-यूहन्ना के हाथै नहाँण-कराँणों माँनी ने, अरह् आप्णें बारे दी पंण्मिश्वर के हिछ़या बैकार करी दिती। 31प्रभू यीशू ऐं हजो बुलो, के “ईयों पीड़ी के लोग कोसी आरी सनाँई? के से कोसी ओनरे? 32ऐ तिनू नहाँन्ड़िया जैष्णें असो, जू बईजारंह् दे बऐठियों आपु मुँझी बुलो, के ‘मुँऐं बाँशुड़ी बजाऐ परह् तू ने नाची, अरह् आँमें रूणा-पीटणा करा, परह् तुँऐं ने रूई!’ 33संत्त-यूहन्ना नहाँण-कराँणों वाल़ा, ना तअ रोटी खाँव थिऐ, अरह् ना से अंगूरोह् का शाड़ा अंदा रंस पीयों थिऐ, परह् तबे भे तुँऐं बुलो, के ‘तैस्दी दुष्ट-आत्त्मा असो।’ 34आदमी का बैटा खाँव-पीयो ऐ, अरह् तुँऐं तैस्खे ऊजराऐ पैटू अरह् पीयक्ड़ बुलो, ‘अरह् च़ूँग्गी लअणों वाल़े अरह् पापियों का साथी असो।’ 35परह् ज्ञाँन आप्णी बादी अलादे शा साच्चा बंणाया गुवा।”
प्रभू यीशू ऐ बिच्की तिरंई खे माफ करो
36तबे कोसी यहूदी भाट-बाम्णें प्रभू यीशू आप्णें कागी भोजन कर्दें बंईदे; तबे से तैस कागी हुटे; अरह् भोजन कर्दे बंईठे। 37अरह् तेथै ऐक नंगर के पापी-कू-करंम कर्णों वाल़ी तिरंई कैई ऐजा पता लागा, के प्रभू यीशू ऐं तैसी यूहदी भाट-बाँम्ण कागी खाणों खे खाऐ लो, तबे तिऐ संगमरमर की कुँन्ड़ी थो, सेंन्ट आणों। 38अरह् रूऐयों प्रभू यीशू के लात्तों कैई, पाछू दाँई खह्ल़ी गऐ; अरह् तिऐं आप्णी आँशुओं लई, तिन के लात्त धुऐ, अरह् आप्णें मुँढो के वाल़-कैष लई ऊबाँदी लागी, अरह् तिऐं बार-बार प्रभू के लात्तों दी खुप्टी देंदी रंऐ, अरह् सेजो सेंन्ट लात्तों दो मुँल़्दी रंऐ। 39जैसी यहूदी भाट-बाँम्णों कागी प्रभू यीशू पाऊँणें थिऐ, तेने ऐजो दे:खियों मंन ही मंन दो बुलो, के “जे ऐजा आदमी ऋषी हंदा, तअ ऐजो जरूर जाँण्दा के ऐजी तिरंऐ जिऐ ऐसी छुऐ लुवा ऐ कुँण अरह् कैष्णी असो; ऐ तअ पापिण असो।” 40ईन्दें गाशी प्रभू यीशू ऐ तैस्खे बुलो, “हे शमौन, मेरे ताँव्खे किऐ बुल्णों ऐ” तेने जबाब दिता, “हे गुरू जी! बुलो।” 41“कोसी माँहज्ण के दो कर्जोऐ थिऐ, तैस्के ऐकी कैई पाँच षौ सिक्कै कर्जी थी; अरह् ओकी कैई पचाष सिक्कै के कर्जी थी। 42परह् तिन कैई पाछु देंणों का किऐ भे ईन्त्तजाँम ने थी; तबे तैने माँहज्णें तिनू दुई को करजा माँफ करो; तबे तिनू दुई मुँझी कुँण्जा कर्जोऐ तैस्का पियार शा जादा साँन माँन्दा?” 43शमौन ऐ जबाब दिता, के मेरी “सम्झदा सेजा, जैस्को जादा करजा माफ हुओ”, तबे प्रभू यीशू ऐ बुलो, “तुँऐं ठीक जबाब दिता।” 44तबे प्रभू यीशू ऐ तियों तिरंई के ढबे फीरियों शमौन खे बुलो, “तुँऐं ऐजी तिरंई दे:खी लऐ? हाँव तेरे कागी आया, परह् तुँऐं मुँखे लातो छाल्णों खे पाँणी भे ने दिती, परह् ईऐं मेरे लातो आशुओ लई भिजोऐ, अरह् आप्णे मूँडो के बाल़-कैष लई ऊबाऐ लुऐ। 45तुँऐं मुँदी खुप्टी ने दिती, परह् जैख्णों शुबा हाँव भीतर आऐ रूवा, तैख्णों शुबे ईऐं मेरे लात्त खुप्टाऐ-खप्टाऐयों लुऐ। 46तुँऐं मेरी मुँढो शष्णों खे तेल ने दिती, परह् ईऐं गंद्लो आछो सेंन्ट मुल़ियों मढाऐयों मेरी लातो दो लाऐ लो। 47ईन्देंखे हाँव ताँव्खे बुलू, याँरे पाप जू बैजाऐ असो, से माफ हुऐ, किन्देंखे के ईऐं पियार शा भैजाऐ साँन माँनी थुवा; ईन्देंखे जैस्खे ठीको माँफ करी थो, से पियार शा साँन भे ठीका ही माँन्दा।” 48तबे प्रभू यीशू ऐ तियों तिरंई खे बुलो, “तेरे पाप माफ हुऐ।” 49तबे जुण्जे लोग तिन की गईलो खाँणों खाँदे बऐठी रूऐ थिऐ, तिन्ऐ आपु मुँझी बुलो, “ऐ कुँण असो, जू पाप भे माफ करह्?” 50प्रभू यीशू ऐ तियों तिरंई खे बुलो, “तेरे बिश्वाषे ताँव बचाऐ पाऐ, खुशी शाँण्त्ति शी ज़ा।”
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ऐक ठाँणेदार का बिश्वाष
(मत्ती 8:5-13)
1जबे प्रभू यीशू ऐ लोगो खे बादी बातो बुली पाई, तबे से कफरनहूम नंगर दे आऐ। 2तेथै ऐक ठाँणेदार का ऐक दास थिया, जू तैसी ठाणेदार के बैजाऐ प्यारा थिया, से अलाचार बीमार घड़्ड़ी लाऐयों, मर्णों वाल़ा थिया। 3ठाणेदारे प्रभू यीशू के बारे दे चर्चा शुणी थऐ थी, अरह् तैने यहूदियों के बुड़े बुजूरग प्रभू यीशू कैई ऐजी बिनती कर्णो खे भेजे, के तुऐं आऐयों मेरा दास चाँग्गा करह्। करह्। 4तबे से प्रभू यीशू कैई आऐ, अरह् नंम्बर्त्ता आरी तिन कैई शी ऐजी बिनत्ती करी, तिन्ऐं बुलो, “से बिलकुल ईन्दें ज़ुगा असो, के तुऐ तैस्खे ऐष्णों करह्, 5किन्देंखे के से अमाँरी जात्ती शो पियार करह्, अरह् तैने ही आँओं खे ऐक च़ौत्रा भे बंणाँऐ थुवा।” 6तबे प्रभू यीशू तिन की गईलो हुटे, परह् जैई से तैस्की घर के नंजीक पंहिच्दे ही लागे थिऐ, तैतिऐ खे तैने ठाँणेदारे आप्णे दोस्त्तो कैई तिन खे ऐजा शुज़ा भेजा, के “हे प्रभू! तुऐ कष्ट ने करे, किन्देंख के हाँव ईन्दें ज़ुगा आथी ने; के तुऐं मेरे कागी आँव। 7ईन्देंखे के हाँव ईन्दें ज़ुगा भे आथी ने; के तुओं कैई आँऊ; किन्देंखे के जे तुऐं ऐक आप्णा शब्द ही बुल़ै, तअ भे मेरा दास चाँग्गा हंदा। 8हाँव आपु भे कोसी ओकी के अधीन असो, अरह् कंऐयों सपाऐ भे मेरे अधीन असो; अरह् जबे हाँव आप्णे ऐकी सपाई खे बुलू के ‘ज़ा’ तअ से आगु ज़ाँव; अरह् जे कोसी ओकी खे बुलू, के ऊडा ‘आ’, से ऊडा आँव; अरह् जे कोसी आप्णें दास द खे बुलू के ऐष्णों करह्, तअ से भे तैष्णों ही करह्, जैष्णों हाँव चहाँऊ।” 9प्रभू यीशू के ऐजो शुणियों तूरंबाणच़ूंटे, अरह् तिन्ऐं आपु पाछ़ी आँणों वाल़े लोगों की ढबै फीरियों बुलो; “हाँव तुओं खे बुलू: के मुँह गाशी इस्राएल दा भे कुँऐ ऐत्रा पाक्का बिश्वाष कर्णो वाल़ा ने आथी।” 10अरह् तिनू डियाल़े अंदें लोगे पाछ़ू घरे ज़ाऐयों तेसी दास चँग्गा दे:खा।
प्रभू यीशू ऐ ऐक बिधवा का बैटा जीऊँदा करा
11कुछ देसो बेत्त्णों गाशी प्रभू यीशू तेथै शे नाईन नाँव के ऐक नंगर खे हुटे, अरह् तिन के चैले अरह् लोगों के ऐक बड़ी भीड़ तिन गईलो ज़ाँदी लागी थी। 12जबे से नंगर के नंजीक जाँग्गी कैई पंईचै, तअ कुछ लोगे ऐक मुँढ़्दा जाँग्गी शा बाँइडा नीं लुवा थिया; अरह् सेजा मुँढ़्दा ऐके जवाँन टंडकै का थिया, जू आप्णी बिदवा माँ का ऐके बैटा थिया। अरह् तैसी नंगर के बैजाऐ लोग तैसी मुँढ़्दे की गंईलो दंगाऊँ थिऐ। 13तियों माँ दे:खियों प्रभू यीशू के आप्णी सासो दी बैजाऐ असेरो लागी; अरह् दया करियों तियों माँ खे बुलो, “रूऐ ने” 14अरह् नंजीक आऐयों प्रभू यीशू ऐं तियों आर्थी छ़ुई; तबै तियों आर्थी दे काँनों लाँणों वाल़े खड़े हुऐ; अरह् प्रभू यीशू ऐं बुलो, “हे जवाँन! हाँव ताँव खे बुलू, बीऊँज!” 15सेजा मंरा अंदा तैख्णी ऊबा बींऊँजियों बईठा, अरह् बुल्दा लागा। प्रभू यीशू ऐं तैसी तैस्की माँ कैई दिता। 16ऐजो दे:खियों बादे लोग डरी गुऐ, अरह् से पंण्मिश्वर के बड़ियाऐ कर्दे लागे, अरह् बुलो “आँमों मुँझी ऐक बड़ा ऋषी पय्दा हऐ रूऐ, अरह् पंण्मिश्वरे आप्णे लोगो गाशी कृपा के नंजर थऐ।” 17प्रभू यीशू के बारे दे ऐजी बात बादे यहूदिया अरह् ईर्द-गिर्द के बादे प्रदेशो दे फऐली गऐ।
यूहन्ना नहाँण-कराँणों वाल़े का सुवाल
(मत्ती 11:2-19)
18संत्त-यूहन्ना के चैले ऐं आऐयों तैस कैई सेजी बादी बातो का हाल अरह् सेजी खुषख्बरी शुणाँऐ। 19तबे संत्त-यूहन्ना ऐ आप्णे चैले मुँझ्षे दो चैले आपु कैई बऐदियों तिनू प्रभू यीशू कैई ऐजो पुछ़णों खे डियाल़े; के “आँणों वाल़े तुँऐं ही असो, के आँमें कोसी ओकी की ठह्ल़णाँऐ करह्?” 20तिनू दूई संत्त-यूहन्ना के चैले ऐ आऐयों, प्रभू यीशू खे बुलो, के “संत्त-यूहन्ना नहाँण-कराणों वाल़े, ऐ आँमों ईन्देंखे डियाल़ी थुऐं, के तुँओं कैई शो ऐजो पुछो, के आँणों वाल़े तुँऐं ही असो, के आँमें कोसी ओकी की ठह्ल़णाई करह्?” 21तैख्णी ही प्रभू यीशू ऐ बैजाऐ भहीतें बीमार-दु:खिया, अरह् दुष्ट-आत्त्मा के च़ूड़ै अंदे लोग, अरह् बैजाऐ बहीते शैड़े लोगों खे नंजर दिती। 22अरह् प्रभू यीशू ऐ तिनू संत्त-यूहन्ना के चैले खे बुलो, के “ज़ाव, तुऐं जुण्जो शुणों अरह् दे:खों, सेजो संत्त-यूहन्ना कैई आगु बुले, के शैड़े दे:ख्दे लागो, अरह् लंगड़ै आगु हाँडो; अरह् कोढ़ी-रूगी शुद्ध करे ज़ाँव, अरह् जाऐरे शुण्दें लागो, अरह् मुढ़्दे जीऊँदे करे ज़ाँव, गरीब लोगो खे खुष्खबरी शुणाँऐ ज़ाँव। 23भागोईत असो! सेजे जू मेरी बारे दे धोखे दे ने रंह्।” 24जबे सेजे संत्त-यूहन्ना के डियाल़े अंदें तैस्के चैले तेथै शे आगु हुटे, तअ प्रभू यीशू ऐ लोगो कैई संत्त-यूहन्ना नहाँणों-कराँणों वाल़े के बारे दो बुलो; “तुँऐं खाल़ै-नाल़ै दे का दे:ख्दे हुटी रूऐ थिऐ? बागुरिऐ झिक्दी बंई झालो सुरवाँठो? ‘ना’! 25तअ तबे का दे:ख्दे हुटे? कियों आछे नंरम बड़िया खोटुणो बाँम्बे अंदें आदमी दे:ख्दे हुटे? ‘ना’! मोह्गै भड़किले खोट्णों बाँम्णों वाल़े अरह् भोग-बिलास दा जीवन बिताणों वाल़े लोग महलो दे रंह्। 26तअ तबे का दे:ख्दे हुटी रूऐथिऐ? कियों कोसी ऋषी दे:ख्दे? होर, हाँव तुँओं खे बुलू, के ऋषी शा भे बड़े आदमी दे:ख्दे। 27से सेजा ही असो, जैस्के बारे दो पबित्र-ग्रन्थों दो लिखी थो:
पंंमिश्वर बुलो, दे:खो, हाँव आप्णा दूत्त ताँव शा आगे-आगे डियाल़ूबा अरह् से ताँव शा आगे ज़ाँऐयों ताँव खे बाट तियार करला।
28“हाँव तुँओं खे बुलू: के जै-तोड़े तिरंई के गर्बों कुँख्खी शे ऊप्जी रूऐ, तिनू सोभी मुँझ्शा संत्त-यूहन्ना शा बड़ा ओका कुऐं ने आथी; तबे भे पंण्मिश्वरे के राज्य दा जुण्जा सोभी शा छुटा असो, से संत्त-यूहन्ना नहाँण-कराँणों वाल़े शा बडा असो।”
29अरह् बादी जंनता अरह् च़ूँग्गी लोणों वाल़े लोगे भे जबे ऐजो शुणों तअ तिनू सोभी ऐं संत्त-यूहन्ना के हाथै नहाँण-कराओ अरह् पंण्मिश्वर के धार्मिक्त्ता माँनी पाऐ। 30परह् यहूदी भाटे-भाम्णें अरह् यहूदी-निय्म के शिखाँणों वाल़े ऐं संत्त-यूहन्ना के हाथै नहाँण-कराँणों माँनी ने, अरह् आप्णें बारे दी पंण्मिश्वर के हिछ़या बैकार करी दिती। 31प्रभू यीशू ऐं हजो बुलो, के “ईयों पीड़ी के लोग कोसी आरी सनाँई? के से कोसी ओनरे? 32ऐ तिनू नहाँन्ड़िया जैष्णें असो, जू बईजारंह् दे बऐठियों आपु मुँझी बुलो, के ‘मुँऐं बाँशुड़ी बजाऐ परह् तू ने नाची, अरह् आँमें रूणा-पीटणा करा, परह् तुँऐं ने रूई!’ 33संत्त-यूहन्ना नहाँण-कराँणों वाल़ा, ना तअ रोटी खाँव थिऐ, अरह् ना से अंगूरोह् का शाड़ा अंदा रंस पीयों थिऐ, परह् तबे भे तुँऐं बुलो, के ‘तैस्दी दुष्ट-आत्त्मा असो।’ 34आदमी का बैटा खाँव-पीयो ऐ, अरह् तुँऐं तैस्खे ऊजराऐ पैटू अरह् पीयक्ड़ बुलो, ‘अरह् च़ूँग्गी लअणों वाल़े अरह् पापियों का साथी असो।’ 35परह् ज्ञाँन आप्णी बादी अलादे शा साच्चा बंणाया गुवा।”
प्रभू यीशू ऐ बिच्की तिरंई खे माफ करो
36तबे कोसी यहूदी भाट-बाम्णें प्रभू यीशू आप्णें कागी भोजन कर्दें बंईदे; तबे से तैस कागी हुटे; अरह् भोजन कर्दे बंईठे। 37अरह् तेथै ऐक नंगर के पापी-कू-करंम कर्णों वाल़ी तिरंई कैई ऐजा पता लागा, के प्रभू यीशू ऐं तैसी यूहदी भाट-बाँम्ण कागी खाणों खे खाऐ लो, तबे तिऐ संगमरमर की कुँन्ड़ी थो, सेंन्ट आणों। 38अरह् रूऐयों प्रभू यीशू के लात्तों कैई, पाछू दाँई खह्ल़ी गऐ; अरह् तिऐं आप्णी आँशुओं लई, तिन के लात्त धुऐ, अरह् आप्णें मुँढो के वाल़-कैष लई ऊबाँदी लागी, अरह् तिऐं बार-बार प्रभू के लात्तों दी खुप्टी देंदी रंऐ, अरह् सेजो सेंन्ट लात्तों दो मुँल़्दी रंऐ। 39जैसी यहूदी भाट-बाँम्णों कागी प्रभू यीशू पाऊँणें थिऐ, तेने ऐजो दे:खियों मंन ही मंन दो बुलो, के “जे ऐजा आदमी ऋषी हंदा, तअ ऐजो जरूर जाँण्दा के ऐजी तिरंऐ जिऐ ऐसी छुऐ लुवा ऐ कुँण अरह् कैष्णी असो; ऐ तअ पापिण असो।” 40ईन्दें गाशी प्रभू यीशू ऐ तैस्खे बुलो, “हे शमौन, मेरे ताँव्खे किऐ बुल्णों ऐ” तेने जबाब दिता, “हे गुरू जी! बुलो।” 41“कोसी माँहज्ण के दो कर्जोऐ थिऐ, तैस्के ऐकी कैई पाँच षौ सिक्कै कर्जी थी; अरह् ओकी कैई पचाष सिक्कै के कर्जी थी। 42परह् तिन कैई पाछु देंणों का किऐ भे ईन्त्तजाँम ने थी; तबे तैने माँहज्णें तिनू दुई को करजा माँफ करो; तबे तिनू दुई मुँझी कुँण्जा कर्जोऐ तैस्का पियार शा जादा साँन माँन्दा?” 43शमौन ऐ जबाब दिता, के मेरी “सम्झदा सेजा, जैस्को जादा करजा माफ हुओ”, तबे प्रभू यीशू ऐ बुलो, “तुँऐं ठीक जबाब दिता।” 44तबे प्रभू यीशू ऐ तियों तिरंई के ढबे फीरियों शमौन खे बुलो, “तुँऐं ऐजी तिरंई दे:खी लऐ? हाँव तेरे कागी आया, परह् तुँऐं मुँखे लातो छाल्णों खे पाँणी भे ने दिती, परह् ईऐं मेरे लातो आशुओ लई भिजोऐ, अरह् आप्णे मूँडो के बाल़-कैष लई ऊबाऐ लुऐ। 45तुँऐं मुँदी खुप्टी ने दिती, परह् जैख्णों शुबा हाँव भीतर आऐ रूवा, तैख्णों शुबे ईऐं मेरे लात्त खुप्टाऐ-खप्टाऐयों लुऐ। 46तुँऐं मेरी मुँढो शष्णों खे तेल ने दिती, परह् ईऐं गंद्लो आछो सेंन्ट मुल़ियों मढाऐयों मेरी लातो दो लाऐ लो। 47ईन्देंखे हाँव ताँव्खे बुलू, याँरे पाप जू बैजाऐ असो, से माफ हुऐ, किन्देंखे के ईऐं पियार शा भैजाऐ साँन माँनी थुवा; ईन्देंखे जैस्खे ठीको माँफ करी थो, से पियार शा साँन भे ठीका ही माँन्दा।” 48तबे प्रभू यीशू ऐ तियों तिरंई खे बुलो, “तेरे पाप माफ हुऐ।” 49तबे जुण्जे लोग तिन की गईलो खाँणों खाँदे बऐठी रूऐ थिऐ, तिन्ऐ आपु मुँझी बुलो, “ऐ कुँण असो, जू पाप भे माफ करह्?” 50प्रभू यीशू ऐ तियों तिरंई खे बुलो, “तेरे बिश्वाषे ताँव बचाऐ पाऐ, खुशी शाँण्त्ति शी ज़ा।”
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