यूहन्ना 6
6
ईसू हर पांच हजार मईनसे मन ला खवाथे
(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17)
1तेकर पाछू ईसू हर, गलील कर बड़खा दह कर ओ पार गईस, जेकर दूसर नांव तिबिरियास दह रहीस। 2अऊ एगोट बड़खा भीड़ हर ओकर पाछू होए लेहीस, काबरकि ओमन ओ अचमहों काम मन ला देखत रहीन, जेला ओहर बेमरीहा मन कर ऊपरे करत रहीस। 3तेकर ईसू हर पहार में चएघ के, अपन चेला मन कर संगे बईठ गईस। 4ओ घनी यहूदी मन कर फसह तिहार हर अवईया रहीस।
5ईसू हर ओ बड़खा भीड़ ला अपन कती आवत देख के, फिलीपुस ला कहीस, “हमरे ए मईनसे मन ला खवाए बर कहां ले रोटी बेसाए के लानी?” 6ईसू हर ए बात ला ओके परखे बर कहीस, काबरकि ईसू खुद जानत रहीस कि ओहर का करही। 7फिलीपुस हर ओके जबाब देहीस, “हमरे आठ महीना कर बनी कर कमाई ले#6:7 दुई सौ दिनार लिखल हवे, जेहर आठ महीना कर बनी कर बरोबर हवे।, रोटी बेसाबो, तबो ले ए सब झन ला एक-एक कऊंरा खाए बर नई पूरही।” 8ओकर चेला में ले समोन पतरस कर भाई, अंदरियास हर ओकर जग कहीस, 9“एजग एगोट लईका हवे, जेकर ठन जांवा कर पांच ठे रोटी अऊ दुई ठे मछरी हवे, बकिन एतना मईनसे मन बर ओहर कहां ले पूरही?”
10ईसू हर कहीस, “मईनसे मन ला बईठाए देआ।” ओ जघा में ढेरेच घांस रहीस, तब मईनसे मन बईठ गईन, एमे ले करीबन पांच हजार सवांग मन रहीन। 11तेकर ईसू हर रोटी ला लेहीस, अऊ परमेस्वर कर धनबाद कएर के, बईठल मईनसे मन ला बांएट देहीस, अऊ ओहीच कस मछरीयो मन ला बांएट देहीस। ओमन जेतना चाहीन, ईसू हर ओतना ओमन ला देहीस। 12जे घनी ओमन खाए के अघाए गईन, त ईसू हर अपन चेला मन ला कहीस, “बांचल टुटका मन ला सकेल लेआ, तेमेकि तनिको झईन फेंकाए।” 13तेकर चेला मन, जांवा कर पांच ठन रोटी कर टुटका, जेहर खवईया मन ले बांएच गए रहीस, ओला सकेल के बारह ठन पथिया में भरीन। 14तेकर जे अचमहों काम ला ईसू हर कएर देखाईस, ओला मईनसे मन देख के कहे लागीन, “ओ अगमजानी जेहर संसार में अवईया हवे, फूरोंच में एही लागे।” 15ईसू हर ए बात ला जाएन गईस कि ओमन मोके धएर के राजा बनाए बर चाहथें, तेकर ईसू हर एके झन पहार उपरे चएल देहीस।
ईसू हर पानी कर ऊपरे रेंगथे
(मत्ती 14:22-33; मरकुस 6:45-52)
16जे घनी सांझ होईस, त ओकर चेला मन बड़खा दह कर धरी में गईन। 17ओ घनी अंधार होए गए रहीस, अऊ ईसू हर ओमन जग नई आए रहीस। तेकर ओमन डोंगा में चएघ के बड़खा दह कर ओ पार, कफरनहूम सहर में जाए लागीन। 18ते घनी गररा-घांटा कर चलते, दह में पानी कर बड़े-बड़े लहरा उठे लागीस। 19ते घनी ओमन डोंगा ला चलात-चलात दुई तीन कोस चएल देहींन, त ओमन ईसू ला बड़खा दह कर पानी कर ऊपरे रेंगत, अऊ डोंगा कर लिघे आवत देखीन, त डराए गईन। 20बकिन ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए लागों, झईन डरावा।” 21तेकर ओमन ईसू ला डोंगा में बईठाए बर चाहत रहीन, अऊ ओमन तुरतेंच ओ जघा में पहुंच गईन, जिहां जात रहीन।
ईसू हर जिनगी कर रोटी लागे
22दूसर दिन जे भीड़ हर बड़खा दह कर ओ पार ठड़होए रहीस, ओमन ए देखीन कि ओजग एकेच ठन डोंगा रहीस, जेमें ईसू कर चेला मन ओजग ले अकेला चएल देहे रहीन, बकिन ओमन एला जानत रहीन कि ईसू हर ओ डोंगा में नई गए रहीस। 23त तिबिरियास सहर ले, तनिक अऊ डोंगा में मईनसे मन ओजग आईन, जिहां परभू हर परमेस्वर कर धनबाद कएर के, ओमन ला रोटी खवाए रहीस। 24जब भीड़ कर मईनसे मन, एला देखीन कि ओजग ईसू हर नईए अऊ ओकर चेलो मन नईएं, त ओमन डोंगा में चएघ के ईसू ला खोजत-खोजत, बड़खा दह कर ओ पार कफरनहूम सहर में पहुंचीन। 25जब ओमन ईसू ला दह कर ओ पार भेंटीन, त कहीन, “ए गुरुजी, तंए एजग कब आए?” 26ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस, “मंए तुमन ला फूरोंच कहथों, तुमन मोके एकर बर नई खोजत हवा कि तुमन चिन्ह चमत्कार देखे हवा, बकिन एकर बर खोजत हवा कि तुमन रोटी खाए के अघाए गए हवा। 27तुमन सिरीप ओ खाना बर मेहनत झईन करा, जेहर बसनाए जाथे, बकिन ओ खाना बर मेहनत करा, जेहर हमेसा बनल रथे अऊ अमर जिनगी देथे। ओही कस खाना, मंए मईनसे कर बेटा तुमन के देहूं, काबरकि दाऊ परमेस्वर हर, एला देहे कर अधिकार मोके देहीस हवे।”
28चेला मन ओकर जग कहीन, “जे काम ला परमेस्वर चाहथे, ओला करे बर हमरे का करी?” 29ईसू हर ओमन के जबाब देहीस, “परमेस्वर ए चाहथे कि तुमन ओकर ऊपरे बिस्वास करा, जेके ला परमेस्वर हर भेजीस हवे।” 30तेकर ओमन ईसू जग पूछीन, “तंए कोन मधे कर चिन्ह चमत्कार कएर के देखाबे, कि हमरे ओला देख के तोर ऊपरे बिस्वास करी? तंए का काम करबे? 31हमर पूरखा मन, सुनसान जघा में मन्ना खाईन। जेकस पबितर किताब में लिखल हवे, परमेस्वर हर ओमन ला खाए बर सरग ले रोटी देहीस।” 32ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए तुमन जग फूरोंच में कहथों कि मूसा हर तुमन के ओ रोटी ला सरग ले नई देहीस, बकिन मोर दाऊ हर तुमन ला देहे रहीस, अऊ ओही हर तुमन के, अझेर सहीच कर रोटी सरग ले देथे। 33ओ रोटी जेला परमेस्वर देथे, ओहर सरग ले उतरीस हवे, अऊ संसार कर मईनसे मन ला जीवन देथे।” 34तेकर ओमन ईसू जग कहीन, “ए परभू, ए रोटी ला हमके हमेसा देहत रहबे।”
35ईसू हर ओमन जग कहीस, “अमर जिनगी देवईया रोटी मंए लागों, जेहर मोर जग आवत रही, ओहर कभों भूखे नई होही, अऊ जेहर मोर ऊपरे बिस्वास करत रही, ओहर कभों पियासे नई होही। 36बकिन जेकस मंए तुमन के कहें हवों कि तुमन मोके देख लेहे हवा, तबो ले तुमन मोर ऊपरे बिस्वास नई करा। 37बकिन जेमन ला दाऊ हर मोके देथे, ओमन मोर जग आहीं अऊ जे कोनो हर मोर जग आही, ओके मंए कभों नई निकालहूं। 38काबरकि मंए अपन इछा ला पूरा करे बर नहीं, बकिन अपन भेजोईया कर इछा ला पूरा करे बर, सरग ले उतरे हों। 39अऊ मोर भेजोईया कर इछा ए हवे, कि जे मन ला ओहर मोके जिमा देहीस हवे, ओमन ला मंए कभों नई भुलवाहूं, बकिन ओमन के आखरी दिन#6:39 आखरी दिन में ईसू हर नियाओ करे बर फेर लहूट आही। में, फेर जीयाए उठाहूं।” 40“काबरकि मोर दाऊ कर इछा, ए हवे कि जेहर बेटा ला देखही अऊ ओकर ऊपरे बिस्वास करत रही, त ओहर अमर जिनगी पाही अऊ मंए ओके आखरी दिन फेर जीयाए उठाहूं।”
41तेकर ले यहूदी नेता मन ओकर ऊपर बरबरात रहीन, काबरकि ओहर कहे रहीस, “जे रोटी सरग ले उतरीस हवे, ओहर मंए लागों।” 42अऊ ओमन कहीन, “अरे, का एहर तो यूसुफ कर बेटा ईसू ना लागे? एकर दाई-दाऊ मन ला तो हमरे जानथी, त एहर कईसे कथे कि मंए सरग ले उतरे हों।” 43ईसू हर ओमन के जबाब देहीस, “अपनेच अपन में झईन बरबरावा। 44कोनो मोर जग नई आए सके, जब ले दाऊ, जेहर मोके भेजीस हवे, ओला मोर कती खींच नई लेही, अऊ मंए ओके आखरी दिन में फेर जीयाए उठाहूं। 45अगमजानी मन कर किताब में एकस लिखल हवे, ‘ए सब झेमन परमेस्वर कती ले सिखाल रहीं,’ जे कोनो हर मोर दाऊ जग ले सुनीस हवे, अऊ सिखीस हवे ओहर मोर जग आही।” 46(कोनो हर मोर दाऊ ला नई देखीस हवे, बकिन मंए ओके देखे हों काबरकि मंए परमेस्वर कती ले आए हों।) 47“मंए तुमन जग फूरोंच कहथों, जे कोनो हर मोर बात मन में बिस्वास करथे, अमर जिनगी ओकरे बर हवे। 48अमर जिनगी देवईया रोटी मंए लागों। 49तुमन कर पूरखा मन सुनसान जघा में मन्ना खाए रहीन, तबोच ले मएर गईन। 50बकिन जे रोटी कर बारे में मंए कहथों, ओहर सरग ले उतरथे अऊ जे ओला खाही, ओहर नई मरही। 51अमर जिनगी देवईया रोटी मंए लागों, जेहर सरग ले उतरीस हवे, अगर कोनो ए रोटी में ले खाही, त हमेसा जीयत रही, अऊ जे रोटी ला, मंए संसार कर मईनसे मन ला जीवन पाए बर देहूं, ओहर मोर देंह लागे।”
52एला सुईन के यहूदी मन, अपनेच अपन में झगरा बाझे लागीन अऊ कहीन “भई, ए मईनसे हर कईसे, अपन देंह ला खाए बर दे सकथे?” 53ईसू हर ओमन ला कहीस, “मंए तुमन के फूरोंच कहथों कि जब ले तुमन, मंए मईनसे कर बेटा मोर देंह ला नई खईहा अऊ मोर लहू ला नई पीहा, तब ले अमर जिनगी नई पईहा। 54जेहर मोर देंह खाथे अऊ मोर लहू पीथे, ओहर अमर जिनगी पाथे, अऊ मंए ओके आखरी दिन फेर जीयाए उठाहूं। 55काबरकि मोर देंह सही में खाए कर चीज हवे, अऊ मोर लहू सही में पीए कर चीज हवे। 56जेहर मोर मांस खाथे अऊ मोर लहू पीथे, ओहर मोर संगती में बजर बने रथे, अऊ मंए ओकर संगे बने रथों। 57जेकस मोर जीयत दाऊ हर, जेहर मोके भेजीस हवे अऊ मंए ओकर चलते जीयत हों, एही कस जेहर मोके खाही, ओहू हर मोर चलते जीयत रही। 58मंहीच जीवन देवईया रोटी लागों, जेहर सरग ले उतरीस हवे, एहर तो ओ रोटी कस नईए, जेला तुमन कर पूरखा मन खाईन अऊ मएर गईन, बकिन जे कोनो ए रोटी ला खाही, ओहर हमेसा जीयत रही।”
59ईसू हर ए गोएठ मन ला, कफरनहूम सहर कर एगोट यहूदी धरम सभा कर घर में, उपदेस देहत घनी कहे रहीस।
ईसू हर अमर जिनगी कर सिक्छा देथे
60ईसू कर चेला मन ले ढेरे झेमन, ए गोएठ ला सुईन के कहीन, “ए उपदेस हर ढेरेच कठिन हवे, त भई, एला कोन समेझ सकत हवे?” 61ईसू हर एला जाएन गईस कि ओकर चेला मन, ए गोएठ कर चलते, अपने-अपन में बरबरात हवें, त ओहर पूछीस, “का तुमन बस एतनेच गोएठ ले पाछू फिरे लागा? 62अगर तुमन मंए मईनसे कर बेटा, मोके ला ऊपरे सरग में जात देखीहा, जिहां ओहर पहिले रहीस, त तुमन का करीहा? 63सिरीप परमेस्वर कर आत्मा हर जीवन देथे, देंह ले कोनोच फयदा नईए। जे गोएठ ला मंए तुमन जग कहे हों, ओहर पबितर आत्मा ले आईस हवे, अऊ ओहर जीवन देथे। 64बकिन तुमन में ले तनिक झेमन मोर गोएठ में बिस्वास नई करें” काबरकि जेमन ईसू कर गोएठ में बिस्वास नई करत रहीन, ओमन ला ओहर आगू ले जानत रहीस, अऊ एहू ला जानत रहीस कि ओके कोन धरुवाही। 65ईसू हर फेर ओमन ला कहीस, “एकरे ले मंए तुमन ला समझाए कर कोसिस करत रहें, कि जब ले दाऊ हर कोनो ला मोर जग आए नई देही, तब ले कोई मोर जग आए नई सके।”
पतरस कर बिस्वास
66एला सूईन के ईसू कर चेला में ले, ढेरेच झेमन ओके छोंएड़ देहीन, अऊ फेर कभों ओकर संगे नई गईन। 67तेकर ईसू हर ओ बारहों चेला मन ला कहीस, “का तुहूंच मन मोके छोंएड़ के जाए बर चाहथा?” 68त समोन पतरस हर ओके जबाब देहीस, “ए परभू, हमरे काकर जग जाई? अमर जिनगी कर गोएठ तो तोरेच जग हवे। 69अऊ हमरे बिस्वास करेन, अऊ जाएन गएन कि तंही ओ पबितर जन लागस, जेके ला परमेस्वर हर भेजीस हवे।” 70ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस, “का मंए तुमन बारहों झन ला नई चुने हों? तबो ले तुमन में ले एक झन हर सैतान हवे।” 71ईसू हर ए बात ला समोन इस्करियोती कर बेटा, यहूदा कर बारे में कहीस, काबरकि ओहर बारहों चेला में ले एक झन रहीस, जेहर पाछू ईसू के धरवाईस।
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यूहन्ना 6
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ईसू हर पांच हजार मईनसे मन ला खवाथे
(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17)
1तेकर पाछू ईसू हर, गलील कर बड़खा दह कर ओ पार गईस, जेकर दूसर नांव तिबिरियास दह रहीस। 2अऊ एगोट बड़खा भीड़ हर ओकर पाछू होए लेहीस, काबरकि ओमन ओ अचमहों काम मन ला देखत रहीन, जेला ओहर बेमरीहा मन कर ऊपरे करत रहीस। 3तेकर ईसू हर पहार में चएघ के, अपन चेला मन कर संगे बईठ गईस। 4ओ घनी यहूदी मन कर फसह तिहार हर अवईया रहीस।
5ईसू हर ओ बड़खा भीड़ ला अपन कती आवत देख के, फिलीपुस ला कहीस, “हमरे ए मईनसे मन ला खवाए बर कहां ले रोटी बेसाए के लानी?” 6ईसू हर ए बात ला ओके परखे बर कहीस, काबरकि ईसू खुद जानत रहीस कि ओहर का करही। 7फिलीपुस हर ओके जबाब देहीस, “हमरे आठ महीना कर बनी कर कमाई ले#6:7 दुई सौ दिनार लिखल हवे, जेहर आठ महीना कर बनी कर बरोबर हवे।, रोटी बेसाबो, तबो ले ए सब झन ला एक-एक कऊंरा खाए बर नई पूरही।” 8ओकर चेला में ले समोन पतरस कर भाई, अंदरियास हर ओकर जग कहीस, 9“एजग एगोट लईका हवे, जेकर ठन जांवा कर पांच ठे रोटी अऊ दुई ठे मछरी हवे, बकिन एतना मईनसे मन बर ओहर कहां ले पूरही?”
10ईसू हर कहीस, “मईनसे मन ला बईठाए देआ।” ओ जघा में ढेरेच घांस रहीस, तब मईनसे मन बईठ गईन, एमे ले करीबन पांच हजार सवांग मन रहीन। 11तेकर ईसू हर रोटी ला लेहीस, अऊ परमेस्वर कर धनबाद कएर के, बईठल मईनसे मन ला बांएट देहीस, अऊ ओहीच कस मछरीयो मन ला बांएट देहीस। ओमन जेतना चाहीन, ईसू हर ओतना ओमन ला देहीस। 12जे घनी ओमन खाए के अघाए गईन, त ईसू हर अपन चेला मन ला कहीस, “बांचल टुटका मन ला सकेल लेआ, तेमेकि तनिको झईन फेंकाए।” 13तेकर चेला मन, जांवा कर पांच ठन रोटी कर टुटका, जेहर खवईया मन ले बांएच गए रहीस, ओला सकेल के बारह ठन पथिया में भरीन। 14तेकर जे अचमहों काम ला ईसू हर कएर देखाईस, ओला मईनसे मन देख के कहे लागीन, “ओ अगमजानी जेहर संसार में अवईया हवे, फूरोंच में एही लागे।” 15ईसू हर ए बात ला जाएन गईस कि ओमन मोके धएर के राजा बनाए बर चाहथें, तेकर ईसू हर एके झन पहार उपरे चएल देहीस।
ईसू हर पानी कर ऊपरे रेंगथे
(मत्ती 14:22-33; मरकुस 6:45-52)
16जे घनी सांझ होईस, त ओकर चेला मन बड़खा दह कर धरी में गईन। 17ओ घनी अंधार होए गए रहीस, अऊ ईसू हर ओमन जग नई आए रहीस। तेकर ओमन डोंगा में चएघ के बड़खा दह कर ओ पार, कफरनहूम सहर में जाए लागीन। 18ते घनी गररा-घांटा कर चलते, दह में पानी कर बड़े-बड़े लहरा उठे लागीस। 19ते घनी ओमन डोंगा ला चलात-चलात दुई तीन कोस चएल देहींन, त ओमन ईसू ला बड़खा दह कर पानी कर ऊपरे रेंगत, अऊ डोंगा कर लिघे आवत देखीन, त डराए गईन। 20बकिन ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए लागों, झईन डरावा।” 21तेकर ओमन ईसू ला डोंगा में बईठाए बर चाहत रहीन, अऊ ओमन तुरतेंच ओ जघा में पहुंच गईन, जिहां जात रहीन।
ईसू हर जिनगी कर रोटी लागे
22दूसर दिन जे भीड़ हर बड़खा दह कर ओ पार ठड़होए रहीस, ओमन ए देखीन कि ओजग एकेच ठन डोंगा रहीस, जेमें ईसू कर चेला मन ओजग ले अकेला चएल देहे रहीन, बकिन ओमन एला जानत रहीन कि ईसू हर ओ डोंगा में नई गए रहीस। 23त तिबिरियास सहर ले, तनिक अऊ डोंगा में मईनसे मन ओजग आईन, जिहां परभू हर परमेस्वर कर धनबाद कएर के, ओमन ला रोटी खवाए रहीस। 24जब भीड़ कर मईनसे मन, एला देखीन कि ओजग ईसू हर नईए अऊ ओकर चेलो मन नईएं, त ओमन डोंगा में चएघ के ईसू ला खोजत-खोजत, बड़खा दह कर ओ पार कफरनहूम सहर में पहुंचीन। 25जब ओमन ईसू ला दह कर ओ पार भेंटीन, त कहीन, “ए गुरुजी, तंए एजग कब आए?” 26ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस, “मंए तुमन ला फूरोंच कहथों, तुमन मोके एकर बर नई खोजत हवा कि तुमन चिन्ह चमत्कार देखे हवा, बकिन एकर बर खोजत हवा कि तुमन रोटी खाए के अघाए गए हवा। 27तुमन सिरीप ओ खाना बर मेहनत झईन करा, जेहर बसनाए जाथे, बकिन ओ खाना बर मेहनत करा, जेहर हमेसा बनल रथे अऊ अमर जिनगी देथे। ओही कस खाना, मंए मईनसे कर बेटा तुमन के देहूं, काबरकि दाऊ परमेस्वर हर, एला देहे कर अधिकार मोके देहीस हवे।”
28चेला मन ओकर जग कहीन, “जे काम ला परमेस्वर चाहथे, ओला करे बर हमरे का करी?” 29ईसू हर ओमन के जबाब देहीस, “परमेस्वर ए चाहथे कि तुमन ओकर ऊपरे बिस्वास करा, जेके ला परमेस्वर हर भेजीस हवे।” 30तेकर ओमन ईसू जग पूछीन, “तंए कोन मधे कर चिन्ह चमत्कार कएर के देखाबे, कि हमरे ओला देख के तोर ऊपरे बिस्वास करी? तंए का काम करबे? 31हमर पूरखा मन, सुनसान जघा में मन्ना खाईन। जेकस पबितर किताब में लिखल हवे, परमेस्वर हर ओमन ला खाए बर सरग ले रोटी देहीस।” 32ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए तुमन जग फूरोंच में कहथों कि मूसा हर तुमन के ओ रोटी ला सरग ले नई देहीस, बकिन मोर दाऊ हर तुमन ला देहे रहीस, अऊ ओही हर तुमन के, अझेर सहीच कर रोटी सरग ले देथे। 33ओ रोटी जेला परमेस्वर देथे, ओहर सरग ले उतरीस हवे, अऊ संसार कर मईनसे मन ला जीवन देथे।” 34तेकर ओमन ईसू जग कहीन, “ए परभू, ए रोटी ला हमके हमेसा देहत रहबे।”
35ईसू हर ओमन जग कहीस, “अमर जिनगी देवईया रोटी मंए लागों, जेहर मोर जग आवत रही, ओहर कभों भूखे नई होही, अऊ जेहर मोर ऊपरे बिस्वास करत रही, ओहर कभों पियासे नई होही। 36बकिन जेकस मंए तुमन के कहें हवों कि तुमन मोके देख लेहे हवा, तबो ले तुमन मोर ऊपरे बिस्वास नई करा। 37बकिन जेमन ला दाऊ हर मोके देथे, ओमन मोर जग आहीं अऊ जे कोनो हर मोर जग आही, ओके मंए कभों नई निकालहूं। 38काबरकि मंए अपन इछा ला पूरा करे बर नहीं, बकिन अपन भेजोईया कर इछा ला पूरा करे बर, सरग ले उतरे हों। 39अऊ मोर भेजोईया कर इछा ए हवे, कि जे मन ला ओहर मोके जिमा देहीस हवे, ओमन ला मंए कभों नई भुलवाहूं, बकिन ओमन के आखरी दिन#6:39 आखरी दिन में ईसू हर नियाओ करे बर फेर लहूट आही। में, फेर जीयाए उठाहूं।” 40“काबरकि मोर दाऊ कर इछा, ए हवे कि जेहर बेटा ला देखही अऊ ओकर ऊपरे बिस्वास करत रही, त ओहर अमर जिनगी पाही अऊ मंए ओके आखरी दिन फेर जीयाए उठाहूं।”
41तेकर ले यहूदी नेता मन ओकर ऊपर बरबरात रहीन, काबरकि ओहर कहे रहीस, “जे रोटी सरग ले उतरीस हवे, ओहर मंए लागों।” 42अऊ ओमन कहीन, “अरे, का एहर तो यूसुफ कर बेटा ईसू ना लागे? एकर दाई-दाऊ मन ला तो हमरे जानथी, त एहर कईसे कथे कि मंए सरग ले उतरे हों।” 43ईसू हर ओमन के जबाब देहीस, “अपनेच अपन में झईन बरबरावा। 44कोनो मोर जग नई आए सके, जब ले दाऊ, जेहर मोके भेजीस हवे, ओला मोर कती खींच नई लेही, अऊ मंए ओके आखरी दिन में फेर जीयाए उठाहूं। 45अगमजानी मन कर किताब में एकस लिखल हवे, ‘ए सब झेमन परमेस्वर कती ले सिखाल रहीं,’ जे कोनो हर मोर दाऊ जग ले सुनीस हवे, अऊ सिखीस हवे ओहर मोर जग आही।” 46(कोनो हर मोर दाऊ ला नई देखीस हवे, बकिन मंए ओके देखे हों काबरकि मंए परमेस्वर कती ले आए हों।) 47“मंए तुमन जग फूरोंच कहथों, जे कोनो हर मोर बात मन में बिस्वास करथे, अमर जिनगी ओकरे बर हवे। 48अमर जिनगी देवईया रोटी मंए लागों। 49तुमन कर पूरखा मन सुनसान जघा में मन्ना खाए रहीन, तबोच ले मएर गईन। 50बकिन जे रोटी कर बारे में मंए कहथों, ओहर सरग ले उतरथे अऊ जे ओला खाही, ओहर नई मरही। 51अमर जिनगी देवईया रोटी मंए लागों, जेहर सरग ले उतरीस हवे, अगर कोनो ए रोटी में ले खाही, त हमेसा जीयत रही, अऊ जे रोटी ला, मंए संसार कर मईनसे मन ला जीवन पाए बर देहूं, ओहर मोर देंह लागे।”
52एला सुईन के यहूदी मन, अपनेच अपन में झगरा बाझे लागीन अऊ कहीन “भई, ए मईनसे हर कईसे, अपन देंह ला खाए बर दे सकथे?” 53ईसू हर ओमन ला कहीस, “मंए तुमन के फूरोंच कहथों कि जब ले तुमन, मंए मईनसे कर बेटा मोर देंह ला नई खईहा अऊ मोर लहू ला नई पीहा, तब ले अमर जिनगी नई पईहा। 54जेहर मोर देंह खाथे अऊ मोर लहू पीथे, ओहर अमर जिनगी पाथे, अऊ मंए ओके आखरी दिन फेर जीयाए उठाहूं। 55काबरकि मोर देंह सही में खाए कर चीज हवे, अऊ मोर लहू सही में पीए कर चीज हवे। 56जेहर मोर मांस खाथे अऊ मोर लहू पीथे, ओहर मोर संगती में बजर बने रथे, अऊ मंए ओकर संगे बने रथों। 57जेकस मोर जीयत दाऊ हर, जेहर मोके भेजीस हवे अऊ मंए ओकर चलते जीयत हों, एही कस जेहर मोके खाही, ओहू हर मोर चलते जीयत रही। 58मंहीच जीवन देवईया रोटी लागों, जेहर सरग ले उतरीस हवे, एहर तो ओ रोटी कस नईए, जेला तुमन कर पूरखा मन खाईन अऊ मएर गईन, बकिन जे कोनो ए रोटी ला खाही, ओहर हमेसा जीयत रही।”
59ईसू हर ए गोएठ मन ला, कफरनहूम सहर कर एगोट यहूदी धरम सभा कर घर में, उपदेस देहत घनी कहे रहीस।
ईसू हर अमर जिनगी कर सिक्छा देथे
60ईसू कर चेला मन ले ढेरे झेमन, ए गोएठ ला सुईन के कहीन, “ए उपदेस हर ढेरेच कठिन हवे, त भई, एला कोन समेझ सकत हवे?” 61ईसू हर एला जाएन गईस कि ओकर चेला मन, ए गोएठ कर चलते, अपने-अपन में बरबरात हवें, त ओहर पूछीस, “का तुमन बस एतनेच गोएठ ले पाछू फिरे लागा? 62अगर तुमन मंए मईनसे कर बेटा, मोके ला ऊपरे सरग में जात देखीहा, जिहां ओहर पहिले रहीस, त तुमन का करीहा? 63सिरीप परमेस्वर कर आत्मा हर जीवन देथे, देंह ले कोनोच फयदा नईए। जे गोएठ ला मंए तुमन जग कहे हों, ओहर पबितर आत्मा ले आईस हवे, अऊ ओहर जीवन देथे। 64बकिन तुमन में ले तनिक झेमन मोर गोएठ में बिस्वास नई करें” काबरकि जेमन ईसू कर गोएठ में बिस्वास नई करत रहीन, ओमन ला ओहर आगू ले जानत रहीस, अऊ एहू ला जानत रहीस कि ओके कोन धरुवाही। 65ईसू हर फेर ओमन ला कहीस, “एकरे ले मंए तुमन ला समझाए कर कोसिस करत रहें, कि जब ले दाऊ हर कोनो ला मोर जग आए नई देही, तब ले कोई मोर जग आए नई सके।”
पतरस कर बिस्वास
66एला सूईन के ईसू कर चेला में ले, ढेरेच झेमन ओके छोंएड़ देहीन, अऊ फेर कभों ओकर संगे नई गईन। 67तेकर ईसू हर ओ बारहों चेला मन ला कहीस, “का तुहूंच मन मोके छोंएड़ के जाए बर चाहथा?” 68त समोन पतरस हर ओके जबाब देहीस, “ए परभू, हमरे काकर जग जाई? अमर जिनगी कर गोएठ तो तोरेच जग हवे। 69अऊ हमरे बिस्वास करेन, अऊ जाएन गएन कि तंही ओ पबितर जन लागस, जेके ला परमेस्वर हर भेजीस हवे।” 70ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस, “का मंए तुमन बारहों झन ला नई चुने हों? तबो ले तुमन में ले एक झन हर सैतान हवे।” 71ईसू हर ए बात ला समोन इस्करियोती कर बेटा, यहूदा कर बारे में कहीस, काबरकि ओहर बारहों चेला में ले एक झन रहीस, जेहर पाछू ईसू के धरवाईस।
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