यूहन्ना 8
8
छिनारी करोईया सवांगीन ला छमा मिलथे
1बकिन ईसू हर जैतून नांव कर पहार ऊपरे गईस। 2अऊ बड़े बिहाने ईसू फिरेच मंदिर में आईस, अऊ सब मईनसे मन ओकर जग आईन, त ईसू हर बईठ के ओमन ला उपदेस देहे लागीस। 3तेकर कानहूंन कर सिखोईया मन अऊ फरीसी दल कर मईनसे मन एगोट सवांगीन ला लानीन, जेला छिनारी में पकड़ल गए रहीस, अऊ ओके सब कर आगू में ठड़हुवाए के ईसू जग कहीन 4“ए गुरूजी, ए सवांगीन हर छिनारी करत पकड़ल गईस हवे। 5परमेस्वर कर कानहूंन में मूसा हर हमके अगियां देहीस हवे, कि एकस सवांगीन मन ला, पखना में माएर के मरुवाए देहे बर चाही, अऊ तंए एकर बारे में का कहथस?” 6ओमन ईसू ला परखे बर ए बात ला कहीन, तेमेकि ओकर ऊपरे दोस लगाए बर कोनो बहाना मिल जाए। बकिन ईसू हर निहूर के, अपन अंगठी ले भुईयां में लिखे लागीस। 7बकिन जब ओमन ओकर जग पूछतेच रहीन, त ईसू हर ठड़होए के ओमन ला कहीस, “तुमन में जेहर कांहीच पाप नई करीसे, ओही हर सबले आगू, ए सवांगीन ला पखना मारे।” 8अऊ ओहर फेर निहूर के अंगठी ले भुईयां में लिखे लागीस।
9बकिन बड़े ले लेके छोटे तक, एला सुईन के एक-एक कएर के ओजग ले चएल देहीन, त ईसू हर ओजग एके झन रएह गईस, अऊ सवांगीन हर ओकर आगू में ठड़होए रहीस। 10ईसू हर सोज ठड़होए के ओ सवांगीन जग कहीस, “ए बहिन, ओमन कहां गईन? का कोनो हर तोर ऊपरे दोस नई लगाईस?”
11त ओ सवांगीन हर कहीस, “ए परभू, कोनोच हर नहीं” त ईसू हर कहीस, “मंहू तोर ऊपरे दोस नई लगाओं; जा बहिन, अब ले पाप झईन करबे।”]
ईसू हर संसार कर इंजोर लागे
12तेकर ईसू हर मईनसे मन ला फेर कहीस, “संसार ला इंजोर देवईया मंए लागों, जेहर चेला बएन के मोर पाछू चलही, ओहर अंधार में नई रही, बकिन ओहर जीवन देवईया इंजोर ला पाही।” 13एला सुईन के, फरीसी दल कर मईनसे मन ईसू ला कहीन, “तंए अपन गवाही खुद देथस, तेकर ले तोर गवाही सही नईए।”
14ईसू हर ओमन के जबाब देहीस, “भले ही मंए अपन गवाही खुद देथों, तबो ले मोर गवाही सही हवे, काबरकि मंए जानथों कि मंए कहां ले आए हों अऊ कहां जाथों, बकिन तुमन नई जाना कि मंए कहां ले आए हों अऊ कहां जाथों। 15तुमन मूंह देखी नियाओ करथा, बकिन मंए ककरो नियाओ नई करों। 16अऊ अगर मंए नियाओ करबो करहूं, त मोर नियाओ सही हवे, काबरकि मंए एके झन में नियाओ नई करों, बकिन मोर दाऊ जेहर मोके भेजीसे, ओकर संगे मंए नियाओ करथों। 17तुमन कर कानहूंन में लिखल हवे कि दुई झन कर गवाही हर सही रथे। 18मंए तो अपन गवाही खुदेच देथों अऊ मोर दाऊ जेहर मोके भेजीस हवे, ओहू हर मोर गवाही देथे।”
19ओमन ईसू ला कहीन “तोर दाऊ कहां हवे?” त ईसू हर जबाब देहीस, “तुमन तो मोके नई जाना, अऊ मोर दाऊओ ला नई जाना। अगर तुमन मोके जानता, त मोर दाऊओ ला जानता।” 20ईसू हर ए बात ला परमेस्वर कर मंदिर में, उपदेस देहत घनी ओजग कहीस, जिहां दान पेटी मन राखल रहीन। तबो ले कोनो हर ओके नई धरीन, काबरकि ओकर मरे कर जुआर अझेर ले नई आए रहीस।
ईसू अपन बारे में कथे
21ईसू हर फेर ओमन जग कहीस, “मंए जाथों अऊ तुमन मोके खोजिहा। अऊ तुमन अपन पाप कर छमा पाए बिगर मरिहा। जिहां मंए जाथों, उहां तुमन नई आए सका।” 22एला सुईन के यहूदी नेता मन कहे लागीन, “का एहर अपन आप ला माएर मरुवाही, ओहर तो कथे जिहां मंए जाहूं, उहां तुमन आए नई सका?” 23ईसू हर ओमन जग कहीस, “तुमन संसार कती ले हवा, अऊ मंए सरग कती ले हवों, तुमन संसार कर हवा अऊ मंए संसार कर ना लागों। 24एकरे ले मंए तुमन के कहें कि तुमन अपनेच पाप कर छमा पाए बिगर मरिहा, काबरकि अगर तुमन बिस्वास नई करीहा कि मंए ओही लागों, त तुमन अपनेच पाप कर छमा पाए बिगर मरिहा।”
25ओमन ईसू ला कहीन, “तंए कोन लागस?” ईसू हर ओमन ला के कहीस “मंए ओहीच लागों, जेकस कि मंए सुरूच ले तुमन के कहत आए हों। 26तुमन कर बारे में मोके ढेरेच बात कहे बर हवे अऊ नियाओ करे बर हवे, बकिन मोर भेजोईया हर सचा हवे। अऊ जे जाएत मंए ओकर जग ले सुने हों, ओही ला संसार कर मईनसे मन ला बताथों।”
27ओमन एला नई समझीन, कि ईसू हर ओमन जग अपन दाऊ कर बारे में कहथे। 28तेकर ईसू हर कहीस, “जब तुमन, मंए मईनसे कर बेटा मोके ला कुरूस में चघईहा, त जानिहा कि मंए ओही लागों। मंए तो अपन कती ले कांही नई करों, बकिन जेकस मोर दाऊ हर मोके सिखाईस हवे, ओही ला मंए कथों। 29मोर भेजोईया हर मोर संगे हवे, ओहर मोके एकेच झन नई छोंड़ीस, काबरकि जे काम ले ओहर खुस होथे, ओ काम ला मंए हमेसा करथों।” 30जब ईसू हर ए गोएठ मन ला कहीस, त ढेरेच झेमन ओकर ऊपरे बिस्वास करीन।
सही में कोन आजाद होही
31जे यहूदी मन ईसू कर ऊपरे बिस्वास करे रहीन, ओमन ला ईसू हर कहीस, “अगर तुमन मोर उपदेस ला हमेसा मानत रईहा, त फूरोंच में मोर चेला ठहरीहा। 32तुमन सत ला जानिहा अऊ ओहर तुमन ला आजाद करही।” 33ओमन ईसू ला जबाब देहीन, “हमरे तो अबराहम कर बंस कर लागन अऊ ककरो गुलाम नई बने हन, फेर तंए कईसे कथस कि तुमन आजाद होए जईहा?”
34त ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस, “मंए तुमन के फूरोंच में कहथों, जे कोनो पाप करथे, ओहर पाप कर गुलाम हवे। 35एगोट गुलाम हर हमेसा बर मालिक कर परिवार कर संगे नई रएह सके, बकिन बेटा हर हमेसा परिवार कर संगे रथे। 36एकरले अगर मंए परमेस्वर कर बेटा तुमन के आजाद करहूं, त तुमन फूरोंच में आजाद होए जईहा। 37मंए जानथों कि तुमन अबराहम कर बंस कर हवा, तबोले तुमन मोके माएर देहे बर चाहथा, काबरकि मोर बचन ला तुमन अपन हिरदय में नई राएख पावा, एकरे बर तुमन मोके माएर देहे बर चाहथा। 38मंए तुमन ला ओहीच बात कहथों, जेला मोर दाऊ हर मोके देखाईसे, ओही कस तुमन ओही काम ला करथा, जेला तुमन कर दाऊ जग ले सुने हवा।”
39ओमन ओके जबाब देहीन, “हमर दाऊ तो अबराहम लागे।” त ईसू हर ओमन जग कहीस, “अगर तुमन अबराहम कर लईका-छऊवा रहता, त तुमन ओही काम करता, जेला अबराहम हर करीस हवे। 40बकिन अझेर तुमन मोर सहींक मईनसे ला माएर देहे बर करत हवा, जेहर तुमन के ओ सचा बचन ला बताईस, जेला परमेस्वर कती ले सुनीस, एकस तो अबराहम हर कभों नई करे रहीस। 41तुमन तो अपन दाऊ सहींक काम करथा” त ओमन ईसू जग कहीन, “हमरे दूसर दाऊ ले नई जनमे हन, बकिन हमर सिरीप एकेच ठे दाऊ हवे, अऊ ओहर परमेस्वर लागे।”
सैतान कर संतान
42ईसू हर ओमन जग कहीस, “अगर परमेस्वर हर तुमन कर दाऊ रतीस, त तुमन मोर जग मया करता, काबरकि मंए परमेस्वर कती ले आए हों, मंए अपन इछा ले नई आए हों, बकिन परमेस्वर हर मोके भेजीस हवे। 43तुमन मोर बात ला काबर नई समझा? तुमन मोर बचन ला मानबे नई करा, एकरे ले नई समझा। 44तुमन अपन दाऊ सैतान कती ले हवा, अऊ अपन दाऊ कर बुरा इछा ला पूरा करे बर चाहथा, ओहर तो सुरूच ले जनमरवा हवे, अऊ सत में माढ़े नई रहे, काबरकि सत ओमे हलेच नईए। अगर ओहर झूठ गोठियाथे, त अपन सुभावेच ले गोठियाथे, काबरकि ओहर झूठा हवे, अऊ झूठ कर दाऊ हवे। 45बकिन मंए तो सहीच गोएठ ला गोठियाथों, तेकर ले तुमन मोर बिस्वास नई करा। 46तुमन में ले कोन मोके पापी ठहराथे? अगर मंए सही गोएठ ला गोठियाथों, त तुमन मोर ऊपरे बिस्वास काबर नई करा? 47जेहर परमेस्वर कर अपन लागे, ओहर परमेस्वर कर गोएठ मन ला सुनथे अऊ तुमन एकरले नई सुना, काबरकि तुमन परमेस्वर कर अपन ना लागा।”
अबराहम ले पहिले ईसू रहीस
48एला सुईन के यहूदी नेता मन ईसू जग कहीन, “का हमरे सही नई कहेन कि तंए सामरी गांव कर लागस, अऊ तोर ऊपरे भूत हवे?” 49ईसू हर जबाब देहीस, “मोके भूत नई धरीसे, बकिन मंए अपन दाऊ कर आदर करथों, अऊ तुमन मोर आदर नई करा। 50मंए अपन बड़ाई नई चाहथों, बकिन हां, एक झन तो हवे, जेहर मोर बड़ाई चाहथे अऊ ओहीच हर नियाओ करथे। 51मंए तुमन जग फूरोंच कहथों, अगर कोनो मईनसे हर मोर बचन ला मानही, त ओहर कभों नई मरही#8:51 एकर मतलब हवे, ओकर आत्मा हर नई मरही अऊ हमेसा ईसू कर संगे जीयत रही।।” 52त यहूदी नेता मन ओकर जग कहीन, “अब हमरे जाएन लेहे हन कि तोके भूत धरीसे, अबराहम मएर गईस अऊ अगमजानीयो मन मएर गईन अऊ तंए तो कथस, अगर कोनो मोर बचन ला मानही, त ओहर कभों नई मरही। 53हमर दाऊ अबराहम तो मएर गईस, का तंए ओकरोच ले बड़खा हवस? अऊ अगमजानीयो मन मएर गईन, त तंए अपन-आप ला का समझथस?”
54ईसू हर जबाब देहीस, “मंए खुद अपन महिमा करहूं, त मोर महिमा कांही नईए, बकिन मोर महिमा करोईया मोर दाऊ हवे, जेकर बारे में तुमन कहथा कि ओहर हमर परमेस्वर लागे। 55तुमन तो ओके नई जाना, बकिन मंए ओके जानथों, अगर मंए कहूं कि मंए ओके नई जानों, त मंहूच तुमन नियर झूठा ठहेर जाहूं, बकिन मंए ओके जानथों, अऊ ओकर बचन ला मानथों। 56तुमन कर दाऊ अबराहम हर, मोर आए कर दिन ला देखे कर असरा में, ढेरेच खुस रहीस अऊ ओहर देखीस, अऊ आनंद मनाईस।”
57यहूदी नेता मन ओकर जग कहीन, “तंए तो अझेर ले पचास बछर कर नई होए हस, अऊ तंए कईसे कईह सकथस कि अबराहम ला देखे हस?” 58ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए फूरोंच में कहथों, अबराहम कर जनमे कर आगूवेच ले मंए हवों।” 59एला सुईन के, ओमन ईसू ला मारे बर पखना उठाईन, बकिन ईसू लुकाए के परमेस्वर कर मंदिर ले चएल देहीस।
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छिनारी करोईया सवांगीन ला छमा मिलथे
1बकिन ईसू हर जैतून नांव कर पहार ऊपरे गईस। 2अऊ बड़े बिहाने ईसू फिरेच मंदिर में आईस, अऊ सब मईनसे मन ओकर जग आईन, त ईसू हर बईठ के ओमन ला उपदेस देहे लागीस। 3तेकर कानहूंन कर सिखोईया मन अऊ फरीसी दल कर मईनसे मन एगोट सवांगीन ला लानीन, जेला छिनारी में पकड़ल गए रहीस, अऊ ओके सब कर आगू में ठड़हुवाए के ईसू जग कहीन 4“ए गुरूजी, ए सवांगीन हर छिनारी करत पकड़ल गईस हवे। 5परमेस्वर कर कानहूंन में मूसा हर हमके अगियां देहीस हवे, कि एकस सवांगीन मन ला, पखना में माएर के मरुवाए देहे बर चाही, अऊ तंए एकर बारे में का कहथस?” 6ओमन ईसू ला परखे बर ए बात ला कहीन, तेमेकि ओकर ऊपरे दोस लगाए बर कोनो बहाना मिल जाए। बकिन ईसू हर निहूर के, अपन अंगठी ले भुईयां में लिखे लागीस। 7बकिन जब ओमन ओकर जग पूछतेच रहीन, त ईसू हर ठड़होए के ओमन ला कहीस, “तुमन में जेहर कांहीच पाप नई करीसे, ओही हर सबले आगू, ए सवांगीन ला पखना मारे।” 8अऊ ओहर फेर निहूर के अंगठी ले भुईयां में लिखे लागीस।
9बकिन बड़े ले लेके छोटे तक, एला सुईन के एक-एक कएर के ओजग ले चएल देहीन, त ईसू हर ओजग एके झन रएह गईस, अऊ सवांगीन हर ओकर आगू में ठड़होए रहीस। 10ईसू हर सोज ठड़होए के ओ सवांगीन जग कहीस, “ए बहिन, ओमन कहां गईन? का कोनो हर तोर ऊपरे दोस नई लगाईस?”
11त ओ सवांगीन हर कहीस, “ए परभू, कोनोच हर नहीं” त ईसू हर कहीस, “मंहू तोर ऊपरे दोस नई लगाओं; जा बहिन, अब ले पाप झईन करबे।”]
ईसू हर संसार कर इंजोर लागे
12तेकर ईसू हर मईनसे मन ला फेर कहीस, “संसार ला इंजोर देवईया मंए लागों, जेहर चेला बएन के मोर पाछू चलही, ओहर अंधार में नई रही, बकिन ओहर जीवन देवईया इंजोर ला पाही।” 13एला सुईन के, फरीसी दल कर मईनसे मन ईसू ला कहीन, “तंए अपन गवाही खुद देथस, तेकर ले तोर गवाही सही नईए।”
14ईसू हर ओमन के जबाब देहीस, “भले ही मंए अपन गवाही खुद देथों, तबो ले मोर गवाही सही हवे, काबरकि मंए जानथों कि मंए कहां ले आए हों अऊ कहां जाथों, बकिन तुमन नई जाना कि मंए कहां ले आए हों अऊ कहां जाथों। 15तुमन मूंह देखी नियाओ करथा, बकिन मंए ककरो नियाओ नई करों। 16अऊ अगर मंए नियाओ करबो करहूं, त मोर नियाओ सही हवे, काबरकि मंए एके झन में नियाओ नई करों, बकिन मोर दाऊ जेहर मोके भेजीसे, ओकर संगे मंए नियाओ करथों। 17तुमन कर कानहूंन में लिखल हवे कि दुई झन कर गवाही हर सही रथे। 18मंए तो अपन गवाही खुदेच देथों अऊ मोर दाऊ जेहर मोके भेजीस हवे, ओहू हर मोर गवाही देथे।”
19ओमन ईसू ला कहीन “तोर दाऊ कहां हवे?” त ईसू हर जबाब देहीस, “तुमन तो मोके नई जाना, अऊ मोर दाऊओ ला नई जाना। अगर तुमन मोके जानता, त मोर दाऊओ ला जानता।” 20ईसू हर ए बात ला परमेस्वर कर मंदिर में, उपदेस देहत घनी ओजग कहीस, जिहां दान पेटी मन राखल रहीन। तबो ले कोनो हर ओके नई धरीन, काबरकि ओकर मरे कर जुआर अझेर ले नई आए रहीस।
ईसू अपन बारे में कथे
21ईसू हर फेर ओमन जग कहीस, “मंए जाथों अऊ तुमन मोके खोजिहा। अऊ तुमन अपन पाप कर छमा पाए बिगर मरिहा। जिहां मंए जाथों, उहां तुमन नई आए सका।” 22एला सुईन के यहूदी नेता मन कहे लागीन, “का एहर अपन आप ला माएर मरुवाही, ओहर तो कथे जिहां मंए जाहूं, उहां तुमन आए नई सका?” 23ईसू हर ओमन जग कहीस, “तुमन संसार कती ले हवा, अऊ मंए सरग कती ले हवों, तुमन संसार कर हवा अऊ मंए संसार कर ना लागों। 24एकरे ले मंए तुमन के कहें कि तुमन अपनेच पाप कर छमा पाए बिगर मरिहा, काबरकि अगर तुमन बिस्वास नई करीहा कि मंए ओही लागों, त तुमन अपनेच पाप कर छमा पाए बिगर मरिहा।”
25ओमन ईसू ला कहीन, “तंए कोन लागस?” ईसू हर ओमन ला के कहीस “मंए ओहीच लागों, जेकस कि मंए सुरूच ले तुमन के कहत आए हों। 26तुमन कर बारे में मोके ढेरेच बात कहे बर हवे अऊ नियाओ करे बर हवे, बकिन मोर भेजोईया हर सचा हवे। अऊ जे जाएत मंए ओकर जग ले सुने हों, ओही ला संसार कर मईनसे मन ला बताथों।”
27ओमन एला नई समझीन, कि ईसू हर ओमन जग अपन दाऊ कर बारे में कहथे। 28तेकर ईसू हर कहीस, “जब तुमन, मंए मईनसे कर बेटा मोके ला कुरूस में चघईहा, त जानिहा कि मंए ओही लागों। मंए तो अपन कती ले कांही नई करों, बकिन जेकस मोर दाऊ हर मोके सिखाईस हवे, ओही ला मंए कथों। 29मोर भेजोईया हर मोर संगे हवे, ओहर मोके एकेच झन नई छोंड़ीस, काबरकि जे काम ले ओहर खुस होथे, ओ काम ला मंए हमेसा करथों।” 30जब ईसू हर ए गोएठ मन ला कहीस, त ढेरेच झेमन ओकर ऊपरे बिस्वास करीन।
सही में कोन आजाद होही
31जे यहूदी मन ईसू कर ऊपरे बिस्वास करे रहीन, ओमन ला ईसू हर कहीस, “अगर तुमन मोर उपदेस ला हमेसा मानत रईहा, त फूरोंच में मोर चेला ठहरीहा। 32तुमन सत ला जानिहा अऊ ओहर तुमन ला आजाद करही।” 33ओमन ईसू ला जबाब देहीन, “हमरे तो अबराहम कर बंस कर लागन अऊ ककरो गुलाम नई बने हन, फेर तंए कईसे कथस कि तुमन आजाद होए जईहा?”
34त ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस, “मंए तुमन के फूरोंच में कहथों, जे कोनो पाप करथे, ओहर पाप कर गुलाम हवे। 35एगोट गुलाम हर हमेसा बर मालिक कर परिवार कर संगे नई रएह सके, बकिन बेटा हर हमेसा परिवार कर संगे रथे। 36एकरले अगर मंए परमेस्वर कर बेटा तुमन के आजाद करहूं, त तुमन फूरोंच में आजाद होए जईहा। 37मंए जानथों कि तुमन अबराहम कर बंस कर हवा, तबोले तुमन मोके माएर देहे बर चाहथा, काबरकि मोर बचन ला तुमन अपन हिरदय में नई राएख पावा, एकरे बर तुमन मोके माएर देहे बर चाहथा। 38मंए तुमन ला ओहीच बात कहथों, जेला मोर दाऊ हर मोके देखाईसे, ओही कस तुमन ओही काम ला करथा, जेला तुमन कर दाऊ जग ले सुने हवा।”
39ओमन ओके जबाब देहीन, “हमर दाऊ तो अबराहम लागे।” त ईसू हर ओमन जग कहीस, “अगर तुमन अबराहम कर लईका-छऊवा रहता, त तुमन ओही काम करता, जेला अबराहम हर करीस हवे। 40बकिन अझेर तुमन मोर सहींक मईनसे ला माएर देहे बर करत हवा, जेहर तुमन के ओ सचा बचन ला बताईस, जेला परमेस्वर कती ले सुनीस, एकस तो अबराहम हर कभों नई करे रहीस। 41तुमन तो अपन दाऊ सहींक काम करथा” त ओमन ईसू जग कहीन, “हमरे दूसर दाऊ ले नई जनमे हन, बकिन हमर सिरीप एकेच ठे दाऊ हवे, अऊ ओहर परमेस्वर लागे।”
सैतान कर संतान
42ईसू हर ओमन जग कहीस, “अगर परमेस्वर हर तुमन कर दाऊ रतीस, त तुमन मोर जग मया करता, काबरकि मंए परमेस्वर कती ले आए हों, मंए अपन इछा ले नई आए हों, बकिन परमेस्वर हर मोके भेजीस हवे। 43तुमन मोर बात ला काबर नई समझा? तुमन मोर बचन ला मानबे नई करा, एकरे ले नई समझा। 44तुमन अपन दाऊ सैतान कती ले हवा, अऊ अपन दाऊ कर बुरा इछा ला पूरा करे बर चाहथा, ओहर तो सुरूच ले जनमरवा हवे, अऊ सत में माढ़े नई रहे, काबरकि सत ओमे हलेच नईए। अगर ओहर झूठ गोठियाथे, त अपन सुभावेच ले गोठियाथे, काबरकि ओहर झूठा हवे, अऊ झूठ कर दाऊ हवे। 45बकिन मंए तो सहीच गोएठ ला गोठियाथों, तेकर ले तुमन मोर बिस्वास नई करा। 46तुमन में ले कोन मोके पापी ठहराथे? अगर मंए सही गोएठ ला गोठियाथों, त तुमन मोर ऊपरे बिस्वास काबर नई करा? 47जेहर परमेस्वर कर अपन लागे, ओहर परमेस्वर कर गोएठ मन ला सुनथे अऊ तुमन एकरले नई सुना, काबरकि तुमन परमेस्वर कर अपन ना लागा।”
अबराहम ले पहिले ईसू रहीस
48एला सुईन के यहूदी नेता मन ईसू जग कहीन, “का हमरे सही नई कहेन कि तंए सामरी गांव कर लागस, अऊ तोर ऊपरे भूत हवे?” 49ईसू हर जबाब देहीस, “मोके भूत नई धरीसे, बकिन मंए अपन दाऊ कर आदर करथों, अऊ तुमन मोर आदर नई करा। 50मंए अपन बड़ाई नई चाहथों, बकिन हां, एक झन तो हवे, जेहर मोर बड़ाई चाहथे अऊ ओहीच हर नियाओ करथे। 51मंए तुमन जग फूरोंच कहथों, अगर कोनो मईनसे हर मोर बचन ला मानही, त ओहर कभों नई मरही#8:51 एकर मतलब हवे, ओकर आत्मा हर नई मरही अऊ हमेसा ईसू कर संगे जीयत रही।।” 52त यहूदी नेता मन ओकर जग कहीन, “अब हमरे जाएन लेहे हन कि तोके भूत धरीसे, अबराहम मएर गईस अऊ अगमजानीयो मन मएर गईन अऊ तंए तो कथस, अगर कोनो मोर बचन ला मानही, त ओहर कभों नई मरही। 53हमर दाऊ अबराहम तो मएर गईस, का तंए ओकरोच ले बड़खा हवस? अऊ अगमजानीयो मन मएर गईन, त तंए अपन-आप ला का समझथस?”
54ईसू हर जबाब देहीस, “मंए खुद अपन महिमा करहूं, त मोर महिमा कांही नईए, बकिन मोर महिमा करोईया मोर दाऊ हवे, जेकर बारे में तुमन कहथा कि ओहर हमर परमेस्वर लागे। 55तुमन तो ओके नई जाना, बकिन मंए ओके जानथों, अगर मंए कहूं कि मंए ओके नई जानों, त मंहूच तुमन नियर झूठा ठहेर जाहूं, बकिन मंए ओके जानथों, अऊ ओकर बचन ला मानथों। 56तुमन कर दाऊ अबराहम हर, मोर आए कर दिन ला देखे कर असरा में, ढेरेच खुस रहीस अऊ ओहर देखीस, अऊ आनंद मनाईस।”
57यहूदी नेता मन ओकर जग कहीन, “तंए तो अझेर ले पचास बछर कर नई होए हस, अऊ तंए कईसे कईह सकथस कि अबराहम ला देखे हस?” 58ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए फूरोंच में कहथों, अबराहम कर जनमे कर आगूवेच ले मंए हवों।” 59एला सुईन के, ओमन ईसू ला मारे बर पखना उठाईन, बकिन ईसू लुकाए के परमेस्वर कर मंदिर ले चएल देहीस।
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