मत्ती 6
6
दान के बारे में सिछा
1 #
मत्ती 23:5
“सावधान रहीयौ! तुम आदमिन के दिखाबे काजै अपने धारमिकता के काम मत करौ नांय तौ तुमें सुरगीय पिता ते कोई फल नांय मिलेगौ।
2“जाके मारै जब तुम दान करे करौ तब वाकौ ढिढोरा मत पीटे करौ, जैसे कपटी लोग पिराथना घर और गलीयन में करतैं, जाते लोग बिनकी बड़ाई कर सकें। मैं तुमते सच कैह रयौऊं कै उने बाको फल मिल गयौए। 3जब तू सीदे हात ते दान करै वाकौ उल्टे हात कूं पतौ नांय चल पाबै। 4जाते तेरौ दान गुप्त रैहबै और तेरौ पिता जो जि सब कछू देख रयोए बू तोय वाकौ प्रतिफल देगौ।
पिराथना के बारे में सिछा
(लूका 11:2–4)
5 #
लूका 18:10–14
“जब तू पिराथना करे करौ तब कपटीन की तरैह ते ना होय चौंकि बिन लोगन कूं पिराथना घरन में और सड़कन के चौकन पै पिराथना करबौ अच्छौ लगतै, जाते लोग उनें देखें और बिनकी बढ़ाई करें। मैं तुमते सच कैह रयौ हूं कै बे अपनों प्रतिफल पाय चुके है। 6पर जब तू पिराथना करै तौ अपनी कोठरी में जायके द्वार बन्द करकै पिता ते पिराथना कर जो तोय गुप्त मेंऊ देख रयौ है बू तेरी पिराथना कौ तोकूं प्रतिफल देगौ 7गैर यहुदिन की तरैह जादा बोल बोल के पिराथना मत करै करौ चौंकि बे सोचतै के बिनके जादा बोलबे ते बिनकी पिराथना जल्दी सुन लई जाबैगी। 8जाके मारे तुम बिनके जैसे मत बनों चौंकि तुमारे पिताए तुमारे मांगबेते पैहलेंई पतौए के तुमें काए चीज की जरूरतै।
9“जामारै तुम जा तरैह ते पिराथना करे करौ,
“ ‘हे हमारे सुरगीय पिता,
तेरौ नाम पबित्र मानों जाय,
10तेरौ राज आबै,
जैसे तेरी इच्छा सुरग में पूरी होतिए,
बैसेई धरती पैऊ पूरी होय।
11तू आज हमारे दिन भर की जरूरत पूरी कर।
12जैसे हमनें अपने अपराधिन कूं छमा करौ है,
वैसेई तू अऊ हमारे अपराधन कूं छमा कर।
13और हमें परखे जाबे ते दूर रख।
और बुराई ते बचा।’ #6:13 कछू हात ते लिखी भई हस्त लेखन में (राज पराक्रम और महिमा हमेसा तेरेई हैं। ऐसौई होबे) जि जोड़ो गयौए
14 #
मर 11:25,26 अगर तुम आदमिन के अपराध छमा करौगे तौ तुमारौ सुरगीय पिताऊ तुमें छमा करैगौ। 15अगर तुम आदमिन के अपराध छमा नांय करौगे तौ तुमारौ सुरगीय पिता तुमें छमा नांय करैगौ।
बर्त के बारे में सिछा
16“जब तुम बर्त रखौ तौ तुम म्हों लटकाए भये कपटीन की तरैह ते मत दीखौ, चौंकि बे तरैह-तरैह के म्हों बनाबते कै लोग जाने के बे बर्त रख रये हैं। मैं तुमते सच कैह रयौऊं के बे अपनों प्रतिफल पाय चुके हैं। 17पर जब तुम बर्त रखौ तब अपने सिर में तेल लगाऔ और म्हों धौऔ, 18जाते लोग जि नांय जाने कै तुमने बर्त रखौए, पर तेरौ परम पिता, जाय तू नांय देख सकत, बू देखै कै तू बर्त कर रयौए। तब तेरो परम पिता जो छिपकै करे भये सब कामन कूं देखतुए तोय उनकौ प्रतिफल दैबेगौ।
सुरग में खजानौ इकठ्ठौ करो
(लूका 12:33–34)
19 #
याकू 5:2,3 “अपने काजै धरती पै खजानौ इकठ्ठौ मत करौ, ज्हांपै कीड़ा और काई बिगाड़त हैं, और ज्हां चोर सेंध लगायकें चुराते हैं।” 20जाके बदले ऐसे काम करौ जो परमेस्वर कूं अच्छे लगतै हैं ऐसो करबौ सुरग में खजानौ इकठ्ठौ करबे जैसो है जहां कीड़ा नांय लगत और काई नांय बिगाड़त और जहां चोर सेंध नांय लगाते और नांय चुराते हैं। 21चौंकि जहां तेरौ धन है म्हांपै तेरौ मनऊं लगौ रैहबेगौ।
सरीर कौ उजीतौ
(लूका 11:34–36)
22“सरीर कौ दीयौ आँख है अगर तेरी आँख अच्छी खासी है तौ तेरे सबरे सरीर में उजीतौ होगौ। 23पर अगर तेरी आँख अच्छी खासी नांय होय तौ तेरौ सबरौ सरीर अन्धेरे में होगौ। जामारै जो उजीतौ तोमें हतुए बू अन्धेरौ है जाय, तौ बू अन्धेरौ कितनौ बड़ौ होगौ।
परमेस्वर और धन
(लूका 16:13; 12:22–31)
24“कोई सेबक दो स्वामी की सेबा नांय कर सकै, चौंकि बू एक ते बेर और दूसरे ते पिरेम करैगौ, और एक ते मिलौ रेहबेगौ और दूसरे कूं तुच्छ जानेगौ। तुम परमेस्वर और धन दोनोंन की सेबा नांय कर सकतई।
चिन्ता मत करौ
25“जामारै मैं तुमते कैहतूं, कै अपने पिरान के काजै चिन्ता मत करौ कै हम का खाबिंगे, और का पिबिंगे और ना अपने सरीर के काजै कै हम का पैहनिंगे। का पिरान भोजन ते या सरीर कपड़न ते बढ़कें नांय है? 26आकास के पंछीन कूं देखौ कै बे ना तौ बोतैं। और ना काटतैं और ना बे अपने काजै कुठरियन में नाज इकठ्ठौ करतैं, फिरऊ तुमारौ सुरगीय पिता बिनकौ पेट भरतै। का तुम बिनते कऊं जादा कीमती नाऔ? 27तुम मेंते य्हांपै ऐसौ कौए जो चिन्ता करकै अपनी उमर में एकऊ पल बढ़ाय सकै?
28“तुम कपड़न के काजै चिन्ता चौं कर रये हौ? जंगल के फूलन के माऊं ध्यान करौ, कै बे कैसे बढ़तै, बे ना तौ मेहनत करतैं ना काततें। 29फिरऊ मैं तुमते कैहतूं, कै राजा सुलेमानऊ अपने बैभव में बिन फूलन की सुन्दरता के समान कपड़ा पैहने भये नांय हतो। 30अरे भरोसे में कमजोर लोगों मैदान की घास कूं देखौ जो आज हतें ओर कल आग में झोंक दयी जाबैगी। अगर परमेस्वर बाय इतनी भढ़िया तरैह ते सजातै तौ बू तुमें बाते बढकें कपड़े चौं नांय पैहनाबैगौ। 31जामारै जि कैहत भये चिन्ता मत करौ कै, ‘हम का खाबिंगे? का पीबिंगे? और का पैहनिंगे?’ 32चौंकि गैर यहुदी लोग इन सब चीजन के पीछे भाजतै। पर तुमारौ सुरगीय पिता खुदई जानतै कै तुमें इन सब चीजन की जरुरत है। 33पर तुम पैहले परमेस्वर के राज और धारमिकता की खोज में लगे रहो तौ जि सबरी चीजें तुमें खुद ही मिल जाबेगीं। 34और तुम आज आयबे बारे कल की चिन्ता मत करौ, चौंकि आयबे बारे कल अपनी चिन्ता खुदई कर लेगौ। हर दिना कौ दुख बा दिना के काजै भौतै।
Currently Selected:
मत्ती 6: BRAJ
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International (CC BY-NC-ND 4.0)
मत्ती 6
6
दान के बारे में सिछा
1 #
मत्ती 23:5
“सावधान रहीयौ! तुम आदमिन के दिखाबे काजै अपने धारमिकता के काम मत करौ नांय तौ तुमें सुरगीय पिता ते कोई फल नांय मिलेगौ।
2“जाके मारै जब तुम दान करे करौ तब वाकौ ढिढोरा मत पीटे करौ, जैसे कपटी लोग पिराथना घर और गलीयन में करतैं, जाते लोग बिनकी बड़ाई कर सकें। मैं तुमते सच कैह रयौऊं कै उने बाको फल मिल गयौए। 3जब तू सीदे हात ते दान करै वाकौ उल्टे हात कूं पतौ नांय चल पाबै। 4जाते तेरौ दान गुप्त रैहबै और तेरौ पिता जो जि सब कछू देख रयोए बू तोय वाकौ प्रतिफल देगौ।
पिराथना के बारे में सिछा
(लूका 11:2–4)
5 #
लूका 18:10–14
“जब तू पिराथना करे करौ तब कपटीन की तरैह ते ना होय चौंकि बिन लोगन कूं पिराथना घरन में और सड़कन के चौकन पै पिराथना करबौ अच्छौ लगतै, जाते लोग उनें देखें और बिनकी बढ़ाई करें। मैं तुमते सच कैह रयौ हूं कै बे अपनों प्रतिफल पाय चुके है। 6पर जब तू पिराथना करै तौ अपनी कोठरी में जायके द्वार बन्द करकै पिता ते पिराथना कर जो तोय गुप्त मेंऊ देख रयौ है बू तेरी पिराथना कौ तोकूं प्रतिफल देगौ 7गैर यहुदिन की तरैह जादा बोल बोल के पिराथना मत करै करौ चौंकि बे सोचतै के बिनके जादा बोलबे ते बिनकी पिराथना जल्दी सुन लई जाबैगी। 8जाके मारे तुम बिनके जैसे मत बनों चौंकि तुमारे पिताए तुमारे मांगबेते पैहलेंई पतौए के तुमें काए चीज की जरूरतै।
9“जामारै तुम जा तरैह ते पिराथना करे करौ,
“ ‘हे हमारे सुरगीय पिता,
तेरौ नाम पबित्र मानों जाय,
10तेरौ राज आबै,
जैसे तेरी इच्छा सुरग में पूरी होतिए,
बैसेई धरती पैऊ पूरी होय।
11तू आज हमारे दिन भर की जरूरत पूरी कर।
12जैसे हमनें अपने अपराधिन कूं छमा करौ है,
वैसेई तू अऊ हमारे अपराधन कूं छमा कर।
13और हमें परखे जाबे ते दूर रख।
और बुराई ते बचा।’ #6:13 कछू हात ते लिखी भई हस्त लेखन में (राज पराक्रम और महिमा हमेसा तेरेई हैं। ऐसौई होबे) जि जोड़ो गयौए
14 #
मर 11:25,26 अगर तुम आदमिन के अपराध छमा करौगे तौ तुमारौ सुरगीय पिताऊ तुमें छमा करैगौ। 15अगर तुम आदमिन के अपराध छमा नांय करौगे तौ तुमारौ सुरगीय पिता तुमें छमा नांय करैगौ।
बर्त के बारे में सिछा
16“जब तुम बर्त रखौ तौ तुम म्हों लटकाए भये कपटीन की तरैह ते मत दीखौ, चौंकि बे तरैह-तरैह के म्हों बनाबते कै लोग जाने के बे बर्त रख रये हैं। मैं तुमते सच कैह रयौऊं के बे अपनों प्रतिफल पाय चुके हैं। 17पर जब तुम बर्त रखौ तब अपने सिर में तेल लगाऔ और म्हों धौऔ, 18जाते लोग जि नांय जाने कै तुमने बर्त रखौए, पर तेरौ परम पिता, जाय तू नांय देख सकत, बू देखै कै तू बर्त कर रयौए। तब तेरो परम पिता जो छिपकै करे भये सब कामन कूं देखतुए तोय उनकौ प्रतिफल दैबेगौ।
सुरग में खजानौ इकठ्ठौ करो
(लूका 12:33–34)
19 #
याकू 5:2,3 “अपने काजै धरती पै खजानौ इकठ्ठौ मत करौ, ज्हांपै कीड़ा और काई बिगाड़त हैं, और ज्हां चोर सेंध लगायकें चुराते हैं।” 20जाके बदले ऐसे काम करौ जो परमेस्वर कूं अच्छे लगतै हैं ऐसो करबौ सुरग में खजानौ इकठ्ठौ करबे जैसो है जहां कीड़ा नांय लगत और काई नांय बिगाड़त और जहां चोर सेंध नांय लगाते और नांय चुराते हैं। 21चौंकि जहां तेरौ धन है म्हांपै तेरौ मनऊं लगौ रैहबेगौ।
सरीर कौ उजीतौ
(लूका 11:34–36)
22“सरीर कौ दीयौ आँख है अगर तेरी आँख अच्छी खासी है तौ तेरे सबरे सरीर में उजीतौ होगौ। 23पर अगर तेरी आँख अच्छी खासी नांय होय तौ तेरौ सबरौ सरीर अन्धेरे में होगौ। जामारै जो उजीतौ तोमें हतुए बू अन्धेरौ है जाय, तौ बू अन्धेरौ कितनौ बड़ौ होगौ।
परमेस्वर और धन
(लूका 16:13; 12:22–31)
24“कोई सेबक दो स्वामी की सेबा नांय कर सकै, चौंकि बू एक ते बेर और दूसरे ते पिरेम करैगौ, और एक ते मिलौ रेहबेगौ और दूसरे कूं तुच्छ जानेगौ। तुम परमेस्वर और धन दोनोंन की सेबा नांय कर सकतई।
चिन्ता मत करौ
25“जामारै मैं तुमते कैहतूं, कै अपने पिरान के काजै चिन्ता मत करौ कै हम का खाबिंगे, और का पिबिंगे और ना अपने सरीर के काजै कै हम का पैहनिंगे। का पिरान भोजन ते या सरीर कपड़न ते बढ़कें नांय है? 26आकास के पंछीन कूं देखौ कै बे ना तौ बोतैं। और ना काटतैं और ना बे अपने काजै कुठरियन में नाज इकठ्ठौ करतैं, फिरऊ तुमारौ सुरगीय पिता बिनकौ पेट भरतै। का तुम बिनते कऊं जादा कीमती नाऔ? 27तुम मेंते य्हांपै ऐसौ कौए जो चिन्ता करकै अपनी उमर में एकऊ पल बढ़ाय सकै?
28“तुम कपड़न के काजै चिन्ता चौं कर रये हौ? जंगल के फूलन के माऊं ध्यान करौ, कै बे कैसे बढ़तै, बे ना तौ मेहनत करतैं ना काततें। 29फिरऊ मैं तुमते कैहतूं, कै राजा सुलेमानऊ अपने बैभव में बिन फूलन की सुन्दरता के समान कपड़ा पैहने भये नांय हतो। 30अरे भरोसे में कमजोर लोगों मैदान की घास कूं देखौ जो आज हतें ओर कल आग में झोंक दयी जाबैगी। अगर परमेस्वर बाय इतनी भढ़िया तरैह ते सजातै तौ बू तुमें बाते बढकें कपड़े चौं नांय पैहनाबैगौ। 31जामारै जि कैहत भये चिन्ता मत करौ कै, ‘हम का खाबिंगे? का पीबिंगे? और का पैहनिंगे?’ 32चौंकि गैर यहुदी लोग इन सब चीजन के पीछे भाजतै। पर तुमारौ सुरगीय पिता खुदई जानतै कै तुमें इन सब चीजन की जरुरत है। 33पर तुम पैहले परमेस्वर के राज और धारमिकता की खोज में लगे रहो तौ जि सबरी चीजें तुमें खुद ही मिल जाबेगीं। 34और तुम आज आयबे बारे कल की चिन्ता मत करौ, चौंकि आयबे बारे कल अपनी चिन्ता खुदई कर लेगौ। हर दिना कौ दुख बा दिना के काजै भौतै।
Currently Selected:
:
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International (CC BY-NC-ND 4.0)